Rajasthan Election 2023: राजस्थान में सचिन पायलट के समर्थक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में हुए शामिल, पार्टी छोड़ने के पीछे बताई ये वजह
Rajasthan Election: राजस्थान कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर शुरू से ही विरोध की बात कही जा रही थी. पार्टी में गहलोत और पायलट के अलग-अलग गुट हैं. दोनों ही गुट के कई नेताओं को टिकट नहीं मिला है.

Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान में टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में मचा घमासान थमता नहीं दिख रहा है. दोनों ही दलों में बगावत का दौर जारी है. टिकट कटने से नाराज कांग्रेस के कई नेता शनिवार (29 अक्टूबर) को बीजेपी में शामिल हो गए. बागी नेताओं ने जयपुर स्थित पार्टी मुख्यालय में भाजपा में की सदस्यता ली.
जिन तीन नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर शनिवार को बीजेपी की सदस्यता ली, उनमें सबसे प्रमुख जयपुर की पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल थीं. बता दें कि इससे पहले पंडित सुरेश मिश्रा पिछले हफ्ते भाजपा में शामिल हो गए थे. दोनों ही नेता सचिन पायलट गुट के थे.
सचिन पायलट के सपोर्ट में खून से लिखा था लेटर
बता दें कि पिछले साल नवंबर में पंडित सुरेश मिश्रा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को खून से पत्र लिखकर 25 सितंबर 2022 की उन घटनाओं की निंदा की थी, जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति वफादार विधायकों ने विधायक दल की बैठक में भाग नहीं लिया था और अपना इस्तीफा दे दिया था. गहलोत समर्थक विधायक ने यह कदम सचिन पायलट को सीएम बनने से रोकने के लिए उठाया था.
सांगानेर से टिकट न मिलने पर हुए थे नाराज
पंडित सुरेश मिश्रा सांगानेर विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन कांग्रेस की तरफ से टिकट नहीं मिलने पर वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. पार्टी छोड़ने के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि, “अगर मुझे टिकट दिया जाता तो मैं सांगानेर से जीत जाता. कांग्रेस ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया जो पिछला चुनाव 30,000 से अधिक वोटों के अंतर से हार गया था. यदि आप सभी टिकट पुराने उम्मीदवारों को ही देना चाहते हैं तो सर्वेक्षण करने का क्या फायदा?”
खंडेलवाल ने माना पायलट समर्थक होने की मिली सजा
खंडेलवाल भी मिश्रा की श्रेणी में आती हैं. इन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन्हें जयपुर सीट से मैदान में उतारा था, वह भाजपा के राम चरण बोहरा से हार गई थीं. इस बार वह हवा महल या किशन पोल से टिकट मांग रही थीं, लेकिन पार्टी ने इन्हें टिकट नहीं दिया. इसके बाद इन्होंने भी पार्टी छोड़ने का फैसला किया. बीजेपी की सदस्यता लेने के दौरान ज्योति खंडेलवाल ने कहा, “जमीनी स्तर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले कार्यकर्ताओं को लगातार नजरअंदाज किया जाता है. यह कमजोर नेतृत्व का मामला है. लोकसभा चुनाव में भी स्थानीय विधायकों ने काम नहीं किया और मेरा विरोध किया. लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.”
सचिन पायलट समर्थक होने की वजह से नुकसान के सवाल पर उन्होंने कहा, “हां, यह संभव है. कांग्रेस में यह मायने नहीं रखता कि आप पार्टी के लिए क्या कर रहे हैं, बल्कि यह देखा जाता है कि आप किस नेता के साथ हैं. यदि आप थोड़े कमजोर खेमे के साथ हैं तो आपको काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.”
ये नेता भी हाथ का साथ छोड़ बीजेपी में हुए शामिल
शनिवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी छोड़कर जो अन्य नेता बीजेपी में सामिल हुए उनमें पूर्व विधायक सीएस वैद, नंदलाल पूनिया, हरि सिंह सहारण, सांवरमल महरिया, छात्र नेता रवींद्र सिंह भाटी, पूर्व आईपीएस अधिकारी केसर सिंह शेखावत, पूर्व नौकरशाह भीम सिंह बीका व अन्य शामिल थे.
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Source: IOCL

















