एक्सप्लोरर

IAS Success Story: असफलताओं से हार कभी छोड़ दी थी UPSC की राह, फिर कैसे प्रेरित हुए अनिरुद्ध और बनें टॉपर?

दो बार लगातार असफल होने वाले अनिरुद्ध ने एक समय हताश होकर यह क्षेत्र छोड़ने का फैसला कर लिया था. फिर कैसे वापसी की उन्होंने? आइये जानते हैं.

Success Story Of IAS Topper Aniruddh Kumar: यूं तो हर किसी की यूपीएससी की जर्नी खास होती है और सबके अपने संघर्ष होते हैं. पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो एक बार इस सफर में हार मानकर लौट जाते हैं, लेकिन फिर वापसी करते हैं. वापसी भी ऐसी की सीधे टॉपर बनकर निकलते हैं. हम बात कर रहे हैं जहानाबाद, बिहार के अनिरुद्ध कुमार की. अनिरुद्ध का यूपीएससी का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. बचपन से कलेक्टर बनने का सपना देखने वाले अनिरुद्ध ने कभी नौकरी की जरूरत के कारण इस ख्वाब को ठंडे बस्ते में डाला तो कभी बार-बार असफल होने पर अपनी राह बदल दी. हालांकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और अंततः साल 2017 की यूपीएससी सीएसई परीक्षा में अनिरुद्ध ने 140वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की. इस रैंक के कारण अनिरुद्ध को साल 2018 का आईपीएस बैच मिला. आज जानते हैं उनसे उनकी जर्नी के बारे में.

बचपन बीता नक्सलवाद के डर में –

दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में अनिरुद्ध बताते हैं कि वे बिहार के उस जहानाबाद के हैं जो इलाका नक्सलवाद के लिए प्रसिद्ध है. उनका बचपन इसी डर के बीच बीता. वे बताते हैं कि परिवार के सभी लोग जिसमें वे खुद भी शामिल थे, छत पर सोते थे और जरा भी आहट होती थी तो डर जाते थे कि कहीं उनके गांव पर हमला तो नहीं बोल दिया गया. इसी बीच वहां मिलिट्री का कैम्प लगा और चीजें बहुत बदल गईं. मिलिट्री कैम्प के कारण वहां अच्छी चहल-पहल रहती थी और लोगों के बीच एक सुरक्षा का अहसास भी कि वे लोग हैं तो अब कुछ नहीं होगा.

यही वो समय था जब अनिरुद्ध के मन में प्रशासन की तरफ झुकाव का बीज पड़ा. उन्हें लगा कि यह क्षेत्र कितना अच्छा है जहां के लोगों के पास होने से उनके गांव में सब कितने सुकून में हैं. वे बड़े होकर ऐसे ही किसी क्षेत्र में जाने की योजना बनाने लगे.

पिताजी की नौकरी के कारण कानपुर शिफ्ट हो गए –

अनिरुद्ध के पिताजी की रेलवे की जॉब में ट्रांसफर हुआ और वे लोग परिवार समेत कानपुर शिफ्ट हो गए. अनिरुद्ध की बाकी की पढ़ाई यहीं से हुई और उन्होंने एचबीटीआई से बीटेक किया. बीटेक के बाद जैसा कि एक मध्यमवर्गीय परिवार की सोच होती है अनिरुद्ध को भी नौकरी की जरूरत और जल्दी थी तो उन्होंने इंफोसिस में मिला प्लेसमेंट स्वीकार कर लिया और जॉब करने लगे.

देखें अनिरुद्ध  द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू

जॉब में कुछ साल बिताने के बाद उनका मन अपने बचपन के सपने की तरफ झुकने लगा था. अपने चाचा के कहे वे शब्द उनके कान में गूंजते थे कि बड़े होकर तुम्हें कलेक्टर बनना है इसलिए खूब पढ़ो. इसी बीच एक और घटना हुई जिसने अनिरुद्ध का मन पक्का कर दिया. दरअसल उनके पिताजी की कानपुर में कुछ जमीन थी जिस पर दबंगों ने कब्जा कर लिया था. उसे छुड़वाने वे उस समय के एसपी दरबार गए और कुछ प्रयासों के बाद जमीन मिल गयी. यह वो समय था जब अनिरुद्ध का विश्वास और गहरा हुआ और वे कूद पड़े सिविल सेवा के क्षेत्र में.

पहले दो प्रयासों में हुए असफल –

अनिरुद्ध कोचिंग करने दिल्ली आ गए और पूरे मन से तैयारी करने लगे. अपने पहले प्रयास में वे मेन्स तक पहुंचे पर आगे नहीं बढ़ पाए. दूसरे प्रयास में इंटरव्यू राउंड तक गए लेकिन फाइनल लिस्ट में नाम नहीं आया. सफलता के इतने करीब पहुंचकर भी असफल होने वाले अनिरुद्ध ने सोचा यह क्षेत्र उनके लिए नहीं है और स्टेट पीसीएस पर फोकस करने का मन बनाया. स्टेट पीसीएस में अनिरुद्ध ने तीन प्रयास दिए और तीनों बार अच्छी रैंक के साथ सेलेक्ट हुए. हालांकि तीसरी बार चयन होने पर उन्हें लगा कि वे अपने पथ से भटक गए हैं और उन्हें तो यूपीएससी परीक्षा ही पास करनी है. दो बार असफल होने के बाद अनिरुद्ध ने अगले दो साल यूपीएससी के अटेम्पट नहीं दिए थे.

इसी बीच उनकी शादी हो गई और वे और पत्नी दोनों ही यूपीएससी की तैयारी साथ कर रहे थे. अनिरुद्ध के बारे में एक खास बात और जान लीजिए कि उनकी पत्नी भी आईपीएस ऑफिसर हैं. दोनों ने साथ मिलकर यह परीक्षा पास की.

अनिरुद्ध का अनुभव –

अनिरुद्ध कहते हैं कि सबसे पहले तो अपने सपने पर विश्वास करना सीखें. वे बहुत अच्छी बात कहते हैं कि ट्रस्ट शब्द बहुत जरूरी है, इससे टी हटा दो तो रस्ट बन जाता है. ठीक ऐसे ही अगर आपको अपने सपने पर, अपनी क्षमताओं पर विश्वास नहीं है तो वह आपके लिए रस्ट से ज्यादा कुछ नहीं. चाहे कुछ भी हो जाए कितना भी समय लग जाए कभी गिव-अप न करिए और बार-बार प्रयास करते रहिए. अनिरुद्ध कहते हैं अपने नहीं तो मां-बाप, परिवार के बारे में सोचिए, उनके लिए मेहनत करिए. अनिरुद्ध कम से कम पांच या छ साल तक होली, दिवाली, दशहर कभी घर नहीं जा पाए क्योंकि वही परीक्षा का समय होता था. वे कहते हैं आपके साथ आपके परिवार की भी उम्मीदें जुड़ी होती हैं, इसलिए हार ना मानिए. खुद को डायवर्ट करने वाली चीजों से दूर रहिए और फोकस्ड होकर खूब मेहनत करिए. सही दिशा में किए गए प्रयास नतीजे लाने में देरी कर सकते हैं पर कभी बेकार नहीं जाते. इसलिए धैर्य के साथ आगे बढ़िए, सफलता जरूर मिलेगी.

IAS Success Story: इंजीनियर से UPSC टॉपर, कैसे तय किया सौरभ सभलोक ने यह सफर? पढ़ें

Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

इंडिगो संकट में फिलहाल दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया, कहा- 'सरकार जरूरी कदम उठा रही है, उम्मीद है असर पड़ेगा'
इंडिगो संकट में फिलहाल दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया, कहा- 'सरकार जरूरी कदम उठा रही है, उम्मीद है असर पड़ेगा'
कोटा कलेक्ट्रेट और जयपुर हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, खाली कराए गए परिसर, अलर्ट पर पुलिस
कोटा कलेक्ट्रेट और जयपुर हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, खाली कराए गए परिसर, अलर्ट पर पुलिस
'अंग्रेजों की नींद उड़ाने के लिए वंदे मातरम् का नारा काफी था, इसलिए उन्होंने इस पर रोक लगाई'- पीएम मोदी
'अंग्रेजों की नींद उड़ाने के लिए वंदे मातरम् का नारा काफी था, इसलिए उन्होंने इस पर रोक लगाई'- पीएम मोदी
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान

वीडियोज

Parliament Winter Session: '150वीं वर्षगांठ का साक्षी..., वंदे मातरम् की चर्चा पर बोले PM Modi |
Parliament Winter Session: लोकसभा में इंडिगो संकट को लेकर हंगामा | indigo crisis | ABP News
कच्छ में प्रशासन ने 100 बीघे जमीन पर बने अतिक्रमण पर चलाया बुलडोजर, करीब 250 करोड़ की थी संपत्ति
3500+ Flights Cancel! Indigo की गड़बड़ी या System Failure? Indian Aviation में बढ़ता Crisis
Indigo Crisis: आज Loksabha में इंडिगो का मुद्दा उठाएगी Congress | DGCA | Airport

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
इंडिगो संकट में फिलहाल दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया, कहा- 'सरकार जरूरी कदम उठा रही है, उम्मीद है असर पड़ेगा'
इंडिगो संकट में फिलहाल दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया, कहा- 'सरकार जरूरी कदम उठा रही है, उम्मीद है असर पड़ेगा'
कोटा कलेक्ट्रेट और जयपुर हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, खाली कराए गए परिसर, अलर्ट पर पुलिस
कोटा कलेक्ट्रेट और जयपुर हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, खाली कराए गए परिसर, अलर्ट पर पुलिस
'अंग्रेजों की नींद उड़ाने के लिए वंदे मातरम् का नारा काफी था, इसलिए उन्होंने इस पर रोक लगाई'- पीएम मोदी
'अंग्रेजों की नींद उड़ाने के लिए वंदे मातरम् का नारा काफी था, इसलिए उन्होंने इस पर रोक लगाई'- पीएम मोदी
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान
Kaantha OTT Release Date: 'कांथा' की ओटीटी पर रिलीज डेट हुई कंफर्म, जानें-कब और कहां देख सकेंगे दुलकर सलमान की ये फिल्म
'कांथा' की ओटीटी पर रिलीज डेट हुई कंफर्म, जानें-कब और कहां देख सकेंगे ये फिल्म
बदायूं की पिंकी शर्मा ने बांके बिहारी से रचाई शादी, क्या ऐसी शादियों को भी मिलती है कानूनी मान्यता?
बदायूं की पिंकी शर्मा ने बांके बिहारी से रचाई शादी, क्या ऐसी शादियों को भी मिलती है कानूनी मान्यता?
Gum Swelling Treatment: मसूड़ों से आ रहा है खून या मुंह से बदबू? घर पर बनाएं ये देसी टूथपेस्ट
मसूड़ों से आ रहा है खून या मुंह से बदबू? घर पर बनाएं ये देसी टूथपेस्ट
शादी करते ही इन कपल्स को मिलते हैं 2.5 लाख रुपये, 90% लोगों को पता ही नहीं है ये स्कीम
शादी करते ही इन कपल्स को मिलते हैं 2.5 लाख रुपये, 90% लोगों को पता ही नहीं है ये स्कीम
Embed widget