UGC: अब वर्किंग प्रोफेशनल नौकरी के साथ कर सकेंगे पार्ट टाइम पीएचडी
Part Time PhD: अब वर्किंग प्रोफेशनल अपनी नौकरी के साथ ही पार्ट टाइम पीएचडी कर सकेंगे. हालांकि पीएचडी कार्यक्रम में नामांकित होने के लिए छात्रों को अपने संगठनों से एक एनओसी लेनी होगी.
UGC Part Time PhD: जो पेशावर नौकरी के साथ पीएचडी करने की इच्छा रखते हैं, उनके लिए अच्छी खबर है. अब ऐसे प्रोफेशनलस अपनी नौकरी के साथ पार्ट टाइम पीएचडी कर पाएंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत सेंट्रल यूनिवर्सिटी और स्टेट यूनिवर्सिटी (Central University and State University) में ऐसे प्रोफेशनल को आने वाले शैक्षणिक सत्र 2022-23 से पार्ट टाइम पीएचडी का मौका मिलेगा.
पार्ट टाइम पीएचडी को लेकर यूजीसी नियमों में संशोधन किया है. बीते माह आयोजित हुई काउंसिल की बैठक में यूजीसी रेगुलेशन मिनिमम स्टैंडर्ड एंड प्रोसीजर फॉर अवार्ड ऑफ पीएचडी 2022 ड्राफ्ट को पास कर दिया गया था. इसमें आईआईटी और औद्योगिक संगठनों में काम करने वाले प्रोफेशनल को अपनी कंपनी या संस्थान से एनओसी लेनी होगी. यूजीसी के चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार (UGC Chairman Prof. M Jagdish Kumar) के अनुसार अब वर्किंग प्रोफेशनल अपनी नौकरी के साथ ही पार्ट टाइम पीएचडी (Part Time PhD) कर पाएंगे.
पीएचडी कोर्स में एडमिशन के लिए 70 अंक लिखित और 30 अंक इंटरव्यू के होंगे. कम से कम 12 क्रेडिट और अधिक से अधिक 16 क्रेडिट होने अनिवार्य होंगे. अभ्यर्थी अपनी थीसिस को पेटेंट और पीएचडी की रिसर्च फाइंडिंग को क्वालिटी जर्नल यानी पीर रिव्यू जर्नल में छपवा सकते हैं. अभ्यर्थी अपनी इच्छा अनुसार उन्हें कांफ्रेंस और सेमिनार में प्रस्तुत कर सकेंगे. वहीं, पीएचडी वाइवा ऑनलाइन आयोजित होगा.
नियम
तीन साल स्नातक और दो साल का पीजी करने वाले छात्र भी पीएचडी में दाखिला ले सकते हैं. उन्हें पीएचडी में दाखिले के लिए विश्वविद्यालयों या एनटीए की संयुक्त दाखिला प्रवेश परीक्षा में भाग लेने के लिए पीजी प्रोग्राम में 50 या 55 फीसदी अंक लाने आवश्यक होंगे. चार वर्ष के स्नातक और एक वर्ष के पीजी कार्यक्रम की पढ़ाई करने वाले छात्र पीएचडी में दाखिला ले सकेंगे. इन्हें भी प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए पीजी प्रोग्राम में 50 या 55 फीसदी अंक लाने जरूरी होंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम के तहत रिसर्च या ऑनर्स प्रोग्राम के छात्र सीधे पीएचडी में दाखिले ले सकेंगे.
लेकिन संयुक्त दाखिला प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए उनका सीजीपीए 7.5 से ज्यादा होना चाहिए. विश्वविद्यालयों की कुल सीटों में से 60 फीसदी सीट नेट या जेआरएफ क्वालीफाई छात्रों के लिए रिज़र्व की जाएगी. विवि अपनी 40 प्रतिशत सीटों पर एनटीए की संयुक्त दाखिला प्रवेश परीक्षा की मेरिट से दाखिला दे सकते हैं. यदि 60 फीसदी सीटों के लिए योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलते हैं तो फिर विवि खाली सीटों को 40 प्रतिशत ओपन सीटों से जोड़ सकेंगे.
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