कौन सी डिग्री बनाएगी आपका करियर चमकदार? समझें बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और मैनेजमेंट स्टडीज के बीच अंतर
MBA व्यापक प्रबंधन कौशल प्रदान करता है और लाखों का पैकेज दे सकता है. जबकि MMS विशेषज्ञता प्रदान करता है और बढ़ते वैश्विक बाजार में अवसरों को बढ़ाता है.
ग्रेजुएशन के बाद एमबीए करना एक बेहतरीन ऑप्शन है. किसी भी ब्रांच से एमबीए की डिग्री लेने पर लाखों का सैलरी पैकेज आसानी से मिल सकता है. एमबीए कई तरह का होता है, जिसमें पाठ्यक्रम और जॉब प्रोफाइल भी अलग-अलग होते हैं. हालांकि, अगर आप एमबीए की पढ़ाई किए बिना मैनेजमेंट फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, तो मास्टर इन मैनेजमेंट स्टडीज कोर्स कर सकते हैं.
वर्तमान में एमएमएस कोर्स तेजी से उभर रहा है. हालांकि, जिसकी पॉपुलैरिटी एमबीए जितनी नहीं है, लेकिन आने वाले समय में यह ग्लोबल जॉब मार्केट में संभावनाएं तलाशने वालों के लिए फायदेमंद साबित होगा. हम इस लेख में आपको एमबीए और एमएमएस से जुड़ी तमाम जानकारियां देने जा रहे हैं.
एमबीए, मास्टर्स इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
एमबीए टॉप मास्टर्स कोर्स में शामिल है, जिसकी डिग्री हासिल करके टॉप लेवल की नौकरी मिल सकती है. एमबीए करने के लिए आपको कैट, मैट और जीमैट जैसे एंट्रेंस एग्जाम क्वालिफाई करने पड़ते हैं. एमबीए कोर्स करके छात्रों को बिजनेस मैनेजमेंट में महारत हासिल होती है. एमबीए कोर्स में कई स्पेशलाइजेशन होते हैं, जैसे फाइनेंस, एचआर, मार्केटिंग, मैनेजमेंट आदि. इन सबका जॉब स्कोप और सैलरी पैकेज अलग-अलग होता है. एमबीए कोर्स में कौन सा स्पेशलाइजेशन चुनें? यह फैसला लेने से पहले करियर प्रॉस्पेक्ट के बारे में अच्छी तरह से सोच लें.
एमएमएस, मास्टर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज
मास्टर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज भी विशेषज्ञता वाला मैनेजमेंट कोर्स ही है. एमएमएस में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम और इंटरव्यू क्लियर करना जरूरी है. इसके पाठ्यक्रम में मैनेजमेंट नॉलेज, फाइनेंस, मार्केटिंग के बारे में पढ़ाया जाता है. इसमें आप बिजनेस प्रॉब्लम्स का विश्लेषण करके उनका सॉल्यूशन निकालना सीखते है. इससे डिग्री के साथ आप एक्सपर्ट मैनेजमेंट रोल निभा सकते हैं.
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ये हैं एमबीए और एमएमएस में अंतर
एमबीए और एमएमएस दोनों ही बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कोर्स हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर हैं. एमबीए की डिग्री दो साल की पढ़ाई के बाद मिलती है, जबकि एमएमएस एक से दो साल का कोर्स है. एमबीए में बिजनेस मैनेजमेंट पर फोकस होता है, जबकि एमएमएस विशेषज्ञता वाला मैनेजमेंट कोर्स है. एमबीए में फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स और ऑपरेशन्स मैनेजमेंट शामिल हैं. वहीं एमएमएस में विशेषज्ञता वाले मैनेजमेंट कोर्स होते हैं.
इतनी मिलती है सैलरी
एमबीए और एमएमएस डिग्री के बाद आप टॉप मैनजमेंट जॉब्स पा सकते हैं, जिनकी सैलरी इंडस्ट्री और कंपनी पर निर्भर करती है. एमबीए में शुरुआती पैकेज आठ से बारह लाख रुपये सालाना तक मिलता है, जबकि एमएमएस करके छह से दस लाख रुपये सालाना कमाते हैं. यही नहीं, विदेशों में आपका पैकेज करोड़ों में जा सकता है.
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