Mumbai News: मुंबई में मानसून सीजन में स्वाइन फ्लू और डेंगू का प्रकोप, जून-जुलाई में छह लोगों की मौत
मुंबई में इस साल कोरोना के मामलों के बीच स्वाइन फ्लू के भी काफी ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. इसी के साथ दो साल बाद शहर में स्वाइन फ्लू से मौतें भी हुई हैं.
Mumbai News: मुंबई में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के बीच मानसूनी बीमारी जैसे डेंगू (Dengue) स्वाइन फ्लू (Swine Flu) के मामलों में भी इजाफा हो रहा है. वहीं बीएमसी (BMC) ने मंगलवार को कहा कि मानसून से संबंधित बीमारियों ने जून और जुलाई में शहर में छह लोगों की जान ले ली है. मरने वालों में एक आठ साल का बच्चा भी शामिल है. बीएमसी ने बताया कि डेंगू और इन्फ्लूएंजा एच1एन1 से दो-दो लोगों की मौत हुई है जबकि मलेरिया और लेप्टोस्पायरोसिस से एक-एक मौत हुई हैं.
दो साल बाद शहर में हुई है स्वाइन फ्लू से मौतें
गौरतलब है कि शहर में दो साल बाद H1N1 या स्वाइन फ्लू से मौतें दर्ज की गई हैं. वहीं पिछले वर्ष की तुलना में मामलों में 325% की वृद्धि हुई है. यह कोविड -19 के बाद दूसरे सबसे ज्यादा वायरल होने वाले श्वसन वायरल रोग के रूप में उभरा है. 2020 और 2021 में शांत रहने के बाद 2022 में स्वाइन फ्लू के, मामलों में उछाल आया है. आधे से ज्यादा मामले अगस्त में सामने आए हैं.
अगस्त में डेंगू के मामले बढ़े हैं
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक शहर में अगस्त में डेंगू के मामले भी बढ़े हैं. तीन हफ्तों में, 105 कंफर्म मामले दर्ज किए गए हैं, जो वर्ष के कुल (289) का 36% है. एक्सपर्ट ने कहा कि जब बारिश रुक-रुक कर होने के कारण डेंगू के मामले बढ़ जाते हैं." वहीं शहर में लेप्टोस्पायरोसिस का पहला शिकार वार्ड एच-ईस्ट का 34 वर्षीय शख्स था. उसे ठंड लगना, शरीर में दर्द और चक्कर आने के साथ बुखार आने की शिकायत थी. बीमार होने के दो दिन बाद 4 जुलाई को उसकी मृत्यु हो गई थी. वहीं फाल्सीपेरम मलेरिया का शिकार डी वार्ड (तारदेव, गिरगाम, वालकेश्वर) का 55 वर्षीय व्यक्ति था, जिसकी 23 जुलाई को मौत हो गई थी.
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