Warren Buffett के 5 गोल्डन रूल्स, म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ी सीख
Buffett का मानना है कि शेयर बाजार की हर रोज़ की हलचल पर नज़र रखना आपके निवेश के लिए नुकसानदेह हो सकता है. उन्होंने कहा है कि बाजार का उतार-चढ़ाव देखकर अक्सर लोग डर जाते हैं और गलत फैसले लेते हैं.

जब भी म्यूचुअल फंड में निवेश की बात आती है, तो कई लोग सोचते हैं कि इसमें एक्सपर्ट जैसी समझ होनी चाहिए या किसी जानकार की मदद ज़रूरी है. लेकिन दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में से एक, Warren Buffett इससे बिलकुल अलग सोचते हैं.
उनकी उम्र 94 साल हो चुकी है और वे Berkshire Hathaway के CEO हैं, फिर भी उनका निवेश का नजरिया बेहद सरल है, लंबे समय तक टिके रहो, धैर्य रखो और बाजार के शोर को नजरअंदाज करो.
Buffett ने भले ही खुद कभी म्यूचुअल फंड में निवेश न किया हो, लेकिन उनकी सोच हर निवेशक के लिए आज भी उतनी ही उपयोगी है. अगर आप भी SIP के जरिए भविष्य बनाने की सोच रहे हैं, तो Buffett की ये 5 सीख आपकी राह आसान कर सकती हैं.
कम खर्च वाले इंडेक्स फंड ही समझदारी की निशानी हैं
Warren Buffett का मानना है कि ज़्यादातर बड़े फंड मैनेजर भारी फीस तो लेते हैं, लेकिन मुनाफा असल में निवेशकों तक नहीं पहुंचता. इसी वजह से वे हमेशा लो-कॉस्ट इंडेक्स फंड्स की सलाह देते हैं, खासकर छोटे निवेशकों के लिए जो रोज़-रोज़ बाजार नहीं देख सकते. उन्होंने तो ये तक कहा है कि उनकी मौत के बाद उनकी 90 फीसदी संपत्ति S&P 500 इंडेक्स फंड में लगाई जाए, वो भी सस्ते वाले में. भारत में भी अब Nifty और Sensex जैसे कम खर्च वाले इंडेक्स फंड्स उपलब्ध हैं, जो लंबे समय में स्थिर रिटर्न देने में सक्षम हैं.
निवेश का सही वक्त
Buffett कहते हैं, “ऐसा निवेश करो जिसे आप 10 साल तक बिना बेचने के रख सको.” यानी बार-बार फंड बदलने की आदत से बचना चाहिए. म्यूचुअल फंड निवेश एक लॉन्ग टर्म यात्रा है – चाहे वो रिटायरमेंट की तैयारी हो, बच्चों की पढ़ाई हो या संपत्ति बनाना हो. Buffett की सलाह है कि एक अच्छा फंड चुनें, फिर चाहे बाजार ऊपर जाए या नीचे – उस पर टिके रहें. समय के साथ ही असली संपत्ति बनती है.
निवेश में IQ नहीं, अनुशासन मायने रखता है
Buffett मानते हैं कि अच्छे निवेशक बनने के लिए जीनियस होने की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने कहा है कि सफलता उन लोगों को मिलती है जो खुद को भीड़ की घबराहट या उत्साह से अलग रख पाते हैं और कुछ बुनियादी सिद्धांतों पर टिके रहते हैं. म्यूचुअल फंड निवेशकों को रोज़ बाजार पढ़ने या कॉर्पोरेट बैलेंस शीट समझने की ज़रूरत नहीं है. बस तीन चीज़ें चाहिए – धैर्य, नियमित SIP और व्यावहारिक उम्मीदें. अगर आप इन तीन बातों का पालन करें, तो लंबे समय में अच्छा फायदा मिल सकता है.
रोज़-रोज़ बाजार मत देखो, नुकसान कर बैठोगे
Buffett का मानना है कि शेयर बाजार की हर रोज़ की हलचल पर नज़र रखना आपके निवेश के लिए नुकसानदेह हो सकता है. उन्होंने कहा है कि बाजार का उतार-चढ़ाव देखकर अक्सर लोग डर जाते हैं और गलत फैसले लेते हैं. उनका एक मशहूर कथन है – “बाजार पैसा ट्रांसफर करता है अधीर लोगों से धैर्यवान लोगों तक.” म्यूचुअल फंड निवेशक अगर रोज़-रोज़ NAV देखने लगें तो वे SIP बंद करने या पैसे निकालने की जल्दबाज़ी कर सकते हैं. Buffett की सलाह है, SIP को ऑटोमैटिक सेट करें, कम से कम 5-7 साल का वक्त दें और गिरावट को एक मौका समझें, न कि खतरा.
जब लोग डरें, तब निवेश करो
Buffett का सबसे मशहूर वाक्य है, “जब लोग लालची हों तो डरिए, और जब लोग डरें तो लालची बनिए.” यानी जब बाजार में गिरावट आती है और हर कोई घबराया होता है, तब असली निवेशक मौके की तलाश करता है. ऐसे समय में SIP जारी रखना और अगर संभव हो तो अतिरिक्त निवेश करना फायदेमंद हो सकता है. इतिहास गवाह है कि जिन्होंने गिरते बाजार में निवेश जारी रखा, उन्हें लंबे समय में बेहतरीन रिटर्न मिले. Buffett की सीख है, डर के माहौल में समझदारी से निवेश करना ही असली स्मार्टनेस है.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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