थॉमस कुक हुई दिवालिया, दुनियाभर में छह लाख पर्यटक फंसे, थॉमस कुक इंडिया पर नहीं होगा असर
178 साल पुरानी कंपनी थॉमस कुक दिवालिया हो गई है. थॉमस कुक के दिवालिया होने से 16 देशों में इसके 22 हजार कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. कंपनी ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने को लेकर जारी कश्मकश को इस स्थिति के लिये जिम्मेदार बताया है.

नई दिल्लीः व्यापार जगत से एक बुरी खबर है. दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैवल कंपनियों में शामिल ब्रिटेन की थॉमस कुक दिवालिया हो गई है. थॉमस कुक ने अपनी फ्लाइट और हॉलिडे की बुकिंग रद्द कर दी है. कंपनी ने करीब 6 लाख ट्रेवलर्स की बुकिंग आज सुबह कैंसिल कर दी है. हालांकि इसका थॉमस कुक इंडिया कंपनी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
थॉमस कुक के दिवालिया होने से 16 देशों में इसके 22 हजार कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. अकेले इंग्लैंड में 9 हजार कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. थॉमस कुक पर 125 करोड़ पाउंड का कर्ज है. बता दें कि थॉमस कुक 178 साल पुरानी कंपनी है. इस कंपनी ने 1841 में बिजनेस शुरू किया था. हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि भारत में ऑपरेट करने वाली थॉमस कुक पर इसका कोई असर नहीं होगा.
क्या है वजह कि थॉमस कुक इंडिया पर नहीं होगा थॉमस कुक के दिवालिया होने का असर दरअसल थॉमस कुक इंडिया का 77 फीसदी हिस्सा 2012 में कनाडा के ग्रुप फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग ने खरीद लिया था. तब से थॉमस कुक यूके का थॉमस कुक इंडिया में कोई हिस्सा नहीं है. थॉमस कुक इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है.
यात्रा सेवायें उपलब्ध कराने वाली ब्रिटेन की पुरानी कंपनी थॉमस कुक के दिवालिया होते ही उसकी बुकिंग वाले छह लाख के करीब पर्यटक दुनियाभर में जहां तहां फंस गये. स्थिति की गंभीरता को देखते हुये ब्रिटेन सरकार ने पर्यटकों को वापस लाने का बड़ा अभियान शुरू किया है. ब्रिटेन का दूसरे विश्व युद्ध के बाद इस तरह का यह सबसे बड़ा स्वदेश वापसी अभियान होगा.
ब्रिटेन की 178 साल पुरानी यह कंपनी पिछले कुछ सालों से कर्ज बोझ तले दबने लगी थी. कंपनी ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने को लेकर जारी कश्मकश को इस स्थिति के लिये जिम्मेदार बताया. उसकी बुकिंग कम होने लगी थी और यही वजह है कि उसे निजी निवेशकों से 20 करोड़ पाउंड जुटाने में भी असफलता हाथ लगी.
कंपनी का 2007 का विलय सौदा उसके लिये घातक रहा, इसके बाद से ही वह लगातार वित्तीय संकट से जूझती रही और आखिरकार सोमवार को उसने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया. इसके बाद कंपनी के छह लाख के करीब पर्यटक दुनियाभर में जहां तहां फंस गये और उसके 22 हजार कर्मचारी अपनी आजीविका खो बैठे.
ब्रिटेन सरकार ने छुट्टियां बिताने बाहर गये डेढ लाख नागरिकों को स्वदेश लाने के लिये आपात योजना पर काम शुरू किया है. उसने बुल्गारिया, क्यूबा, तुर्की और अमेरिका गये लोगों को वापस लाने के लिये विमानों की व्यवस्था की है. ब्रिटेन के परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा कि सरकार ने और ब्रिटेन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने थॉमस कुक के ग्राहकों को स्वदेश लाने के लिये कई विमानों को किराये पर लिया है. उन्होंने कहा, ‘‘जो भी लोग बाहर हैं और अगले दो सप्ताह के भीतर उन्हें लौटना है, उन्हें पूरी कोशिश रहेगी की वापस आने की बुकिंग तिथि के आसपास ही स्वदेश लाने की व्यवस्था की जायेगी.’’
थॉमसकुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर फेंकहौउजर ने कहा, ‘‘यह मेरे और कंपनी बोर्ड के बाकी सदस्यों के लिये गहरे खेद का विषय है कि हम सफल नहीं हो पाये. यह कंपनी के लिये बहुत बुरा दिन है.’’ कंपनी यात्रा संचालक होने के साथ ही एयरलाइन भी चलाती है. दिवालिया होने के साथ ही उसके विमान खड़े हो गये और ट्रैवल एजेंसी बंद हो गई. उसके दुनियाभर में फैले 22,000 कर्मचारी नौकरी गंवा बैठे. इनमें से 9,000 कर्मचारी अकेले ब्रिटेन में हैं.
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