टाटा समूह ने कहा हमारे पास पर्याप्त कैश, निवेश बेच कर पैसा जुटाने का इरादा नहीं
कोविड-19 के संकट को देखते हुए टाटा समूह के टॉप मैनेजमेंट ने अपनी सैलरी 20 फीसदी घटा ली थी. इसके बाद से ही समूह में कैश की कमी की खबरें उड़ने लगीं.

टाटा समूह ने कहा हमारे पास पर्याप्त कैश, निवेश बेच कर पैसा जुटाने का इरादा नहीं
टाटा समूह ने कहा है कि ग्रुप की कंपनियों को सहारा देने के लिए अपने निवेश बेच कर फंड जुटाने का उसका कोई इरादा नहीं है. समूह ने कहा है कि उसके पास पर्याप्त कैश है और वह अपनी कंपनियों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है.
टाटा सन्स की बोर्ड की बैठक के बाद टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि कोरोनावायरस से टाटा समूह पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की अफवाह फैलाई जा रही है. हम इस वक्त कतई वित्तीय दबाव में नहीं है. अपने किसी निवेश को बेच कर हम पैसे जुटाने नहीं जा रहे हैं. बोर्ड बैठक में समूह की कंपनियों की रणनीति तय करने और सही जगह पर फंड लगाने के बारे में बातचीत हुई. हालांकि बोर्ड बैठक का जिक्र किए बगैर टाटा समूह ने जो बयान जारी किया, उसमें इसकी ओर से किसी भी निवेश को बेचने की संभावना से पूरी तरह इनकार किया गया है.
टाटा समूह कोविड-19 की चुनौतियों का बखूबी सामना कर रहा है - चंद्रशेखरन
चंद्रशेखरन कहा कि सभी कंपनियों की तरह ही टाटा समूह की कंपनियां भी कोविड-19 से पैदा चुनौतियों का सामना कर रही हैं. लेकिन वह इससे पैदा अवसरों पर भी विचार कर रही है. उन्होंने कहा ‘हमारी सभी कंपनियां इससे पैदा चुनौतियों और अवसरों का सामना पूरे आत्मविश्वास से कर रही हैं. हमें भरोसा है कि वे और मजबूत होकर उभरेंगी. निवेश बेच कर पैसा जुटाने की खबरें पूरी तरह गलत है.’
चंद्रशेखरन 2017 के फरवरी महीने में टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने थे. इसके बाद उन्होंने समूह की सभी कंपनियों में तालमेल बिठाने और उन्हें आगे ले जाने के लिए रणनीति बनाई.
कोविड-19 को देखते हुए पहली बार इस समूह के इतिहास में इसके टॉप मैनेजमेंट में अपनी सैलरी में 20 फीसदी की कटौती की थी. इसके बाद से ही टाटा समूह में पैसे के संकट को लेकर खबरें उड़ने लगी थी.
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