उर्जित पटेल का इस्तीफा, जानिए क्या था RBI और केंद्र सरकार के बीच विवाद
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. काफी लंबे समय से RBI और केंद्र के बीच खींचतान की स्थिति बनी हुई थी.
नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. काफी लंबे समय से RBI और केंद्र के बीच खींचतान की स्थिति बनी हुई थी. रिजर्व बैंक की स्वायत्ता को लेकर दोनों के बीच कई बार टकराऊ की स्थिति बनी. RBI में सरकार के हस्तक्षेप से गर्वनर उर्जित पटेल नाराज थे. वहीं सरकार इस बात से नाराज थी कि बैंक ने 2014 से पहले दूसरे बैंकों को काफी कर्ज दिया. इसके अलावा एनपीए और विल्फुल डिफॉल्टरों पर अंकुश लगाने के लिए आरबीआई ने 12 फरवरी को नियम बदले. कर्ज लौटाने में एक दिन की भी देरी हुई तो डिफॉल्ट मानकर रिजॉल्यूशन प्रक्रिया शुरू करनी पड़गी. सरकार ने इसमें ढील देने का आग्रह किया, लेकिन आरबीआई नहीं माना. इसको लेकर भी दोनों के बीच खींच तान की स्थिति बनी. इसके अलावा नीरव मोदी का पीएनबी फ्रॉड सामने आने के बाद सरकार ने रिजर्व बैंक की निगरानी की आलोचना भी की थी.
धारा 7 को लेकर रहा विवाद? सरकार की तरफ से कहा गया कि वह RBI एक्ट की धारा 7 का इस्तेमाल कर सकती है. RBI एक्ट की धारा 7 लागू होने के बाद सरकार करीब-करीब हर मुद्दे पर रिजर्व बैंक को निर्देश दे सकती है और उसे ये मानना ही होगा. धारा 7 के दो हिस्से हैं, पहला सलाह-मशविरा करना, दूसरा दिशा-निर्देश जारी करना यानी अगर धारा 7 लागू होती है तो फिर RBI भी सरकार ही चलाएगी.
कैसे सामने आई सराकर और आरबीआई की तनातनी? सरकार और आरबीआई के इस विवाद का पता तब चला जब 26 अक्टूबर को RBI के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने एक लेक्चर में रिजर्व बैंक की स्वायत्ता को लेकर सरकार पर सवाल उठा दिये थे. विरल आचार्य ने कहा था कि सरकार आरबीआई की आजादी का सम्मान नहीं करेगी तो बाजार की नाराजगी झेलनी पड़ेगी.
रिजर्व बैंक और सरकार में क्यों रही तनातनी? सरकार 2014 तक दिए गए अंधाधुंध कर्ज पर आरबीआई से नाराज है. सरकार चाहती है कि यस बैंक, बंधन बैंक, इक्विटास, उज्जीवन जैसी कंपनियों पर सख्ती ना की जाए. सरकार चाहती है पावर कंपनियों के लोन को एनपीए घोषित करने में रियायत बरती जाए जबकि रिजर्व बैंक इसके पक्ष में नहीं था. सरकार चाहती है कि गिरते रुपये को थामने के लिए आरबीआई कदम उठाए. सरकार और आरबीआई की तनातनी पर राजनीति भी हो रही है. रिजर्व बैंक ही बैंकों की नीतियां तय करता है और इस उलझन के बीच बैंक भी असमंजस में हैं.