मनीलांड्रिंग केस: रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप मामले में यस बैंक फाउंडर राणा कपूर से ईडी ने की पूछताछ
ईडी का कहना है कि इस दौरान यस बैंक ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) में करीब 2,965 करोड़ रुपये और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) में लगभग 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया.

ED Questions Rana Kapoor: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चल रही जांच के सिलसिले में सोमवार को यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर से पूछताछ की, जो अनिल अंबानी समूह की कंपनियों से जुड़े कथित वित्तीय लेन-देन पर केंद्रित है. अधिकारियों के अनुसार ये जांच मुख्य रूप से वर्ष 2017 से 2019 की अवधि से संबंधित है, जब येस बैंक ने रिलायंस अनिल अंबानी समूह की कंपनियों में बड़े पैमाने पर निवेश किया था.
राणा कपूर से फिर पूछताछ
ईडी का कहना है कि इस दौरान यस बैंक ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) में करीब 2,965 करोड़ रुपये और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) में लगभग 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिनमें से आरएचएफएल पर 1,353.5 करोड़ रुपये और आरसीएफएल पर 1,984 करोड़ रुपये की राशि बकाया पाई गई.
जांच एजेंसी के मुताबिक, इन दोनों कंपनियों को कुल मिलाकर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की सार्वजनिक धनराशि प्राप्त हुई थी. ईडी ने यह भी दावा किया कि यस बैंक की तरफ से अनिल अंबानी समूह की कंपनियों में निवेश किए जाने से पहले बैंक को पूर्ववर्ती रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड से भारी मात्रा में धनराशि मिली थी.
मनीलांड्रिंग केस में कसा शिकंजा
एजेंसी का आरोप है कि सेबी के नियमों के तहत हितों के टकराव (कंफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट) के कारण रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड अनिल अंबानी समूह की वित्तीय कंपनियों में सीधे निवेश या धन हस्तांतरण नहीं कर सकता था, इसलिए जनता के म्यूचुअल फंड निवेश को कथित तौर पर एक अप्रत्यक्ष रास्ते से यस बैंक के माध्यम से इन कंपनियों तक पहुंचाया गया.
ईडी का मानना है कि इसी संदिग्ध संरचना और धन के प्रवाह को समझने के लिए राणा कपूर से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सार्वजनिक धन का दुरुपयोग और धनशोधन किस तरह से किया गया.
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