PM Modi Bihar Visit: भागलपुर में गरजे PM मोदी, किसानों को 22000 करोड़ की सौगात देते हुए बताई FPO की ताकत
PM Modi Bihar Visit: प्रधानमंत्री मोदी ने किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त बिहार के भागलपुर से जारी कर दी है. इसका फायदा देश के 10 करोड़ किसानों को होगा, जिनमें बिहार के भी 80 लाख किसान शामिल हैं.

PM Modi Bihar Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के भागलपुर से किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त के तहत करीब 22,000 करोड़ रुपये की सौगात देश के 10 करोड़ किसानों को दी. इसी के साथ उन्होंने बिहार के लिए कई बड़ी योजनाओं का भी ऐलान किया. पीएम मोदी ने 10,000 किसान उत्पादक संगठन भी राष्ट्र को समर्पित किए.
बिहार पर तोहफों की बौछार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान रिसलीगंज- नवादा तिलैया (36.45 किमी) रेल खंड के दोहरीकरण के साथ ही रिमोट से मोतिहारी में स्वदेशी नस्लों के लिए उत्कृष्टता केंद्र का भी उद्घाटन किया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने इसमाइलपुर-रफीगंज रोड ओवर ब्रिज भी लोगों को समर्पित किया. इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने बरौनी में दुग्ध उत्पाद संयंत्र का उद्घाटन किया.
क्या है किसान सम्मान निधि?
किसान सम्मान निधि देश के किसानों को सरकार की तरफ से दी जाने वाली एक आर्थिक मदद है. केंद्र सरकार के इस स्कीम को साल 2019 में लॉन्च किया गया था. इस योजना के तहत हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन बराबर किस्तों में सालाना 6,000 रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) मोड में किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कए जाते हैं. इसका लाभ उन्हीं किसान परिवारों को मिलेगा, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि है.
देश में 10,000 FPO बनाने का लक्ष्य पूरा
भागलपुर में जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने किसान उत्पादक संगठन का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ''हमारी सरकार ने देश में 10,000 FPO (किसान-उत्पादक संगठन) बनाने का बहुत बड़ा लक्ष्य रखा था. आज मुझे आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि देश ने इस लक्ष्य को हासिल कर लिया है. आज बिहार की धरती 10,000 वें FPO के गठन की साक्षी बन रही है.''
बिहार की भूमि आज 10 हजारवें FPO के निर्माण की साक्षी बनी है। इस अवसर पर देशभर के सभी किसान उत्पादक संघ के सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई! pic.twitter.com/O0sXfEzDjX
— Narendra Modi (@narendramodi) February 24, 2025
क्या है किसान उत्पादक संगठन?
सरकार ने देश के छोटे और सीमांत किसानों की पहचान कर किसान उत्पादक संगठन यानी कि FPO का गठन किया. ये किसान कई बार फसलों के कम दाम, बाजार में पहुंच न होना, खेती करने के आधुनिक तकनीकों का अभाव जैसी कई तकलीफों का सामना करते हैं. इन्हें ध्यान में रखते हुए FPO बनाया गया. यह कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड एक ऐसा स्वैच्छिक संगठन है, जिसके सदस्य छोटे व सीमांत किसान हैं.
इस संगठन के जरिए किसानों को सामूहिक रूप से काम करने और उन्हें अपनी उत्पादकता बढ़ाने के लिए मदद दी जाती है ताकि इनकी फसलें भी बाजार तक पहुंचे, फसलों का सही रेट मिले और खेती की नई-नई तकनीकों से इनकी पहचान हो. FPO से जुड़े किसानों के बीच नियमित रूप से बैठकें होती हैं, ये अपनी समस्याएं व भावनाएं एक-दूसरे से साझा करते हैं और फिर उस हिसाब से निर्णय लिए जाते हैं. इसके तहत किसानों को सब्सिडी भी मिलती है. इसके अलावा, उन्हें ट्रेनिंग और तकनीकि सहायता भी दी जाती है.
FPO से कैसे जुड़े?
किसान उत्पादक संगठन से जुड़ने के लिए अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. इसी के साथ अगर किसान मिलकर नया एफपीओ बनाना चाहते हैं तो कोई एक नाम सुझाकर कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर करवा सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल वेबसाइट http://sfacindia.com/FPOS.aspx पर भी विजिट करें.
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Source: IOCL























