Parliament Budget Session 2025: रोजमर्रा की चीजों पर तेजी से कम हो रहा टैक्स, निर्मला सीतारमण ने संसद में कही ये बड़ी बातें
तृणमूल कांग्रेस (AITC) के सांसद नदीमुल हक के सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि GST लागू होने के बाद से टैक्स की दरों में लगातार गिरावट देखी गई है.

संसद के बजट सत्र 2025 के दौरान वित्त मंत्री ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि बजट को पेश करना पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है. उन्होंने ये भी कहा कि देश में मुद्रास्फीति का ट्रेंड धीमा होता दिख रहा है, खासतौर से खाद्य उत्पादों के मामले में. इसके अलावा, तृणमूल कांग्रेस (AITC) के सांसद नदीमुल हक के सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि GST लागू होने के बाद से टैक्स की दरों में लगातार गिरावट देखी गई है.
उन्होंने राज्यसभा में बताया कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने के बाद इनडायरेक्ट टैक्सेस में कमी आई है. उन्होंने कहा कि ओल्ड टैक्स सिस्टम के तहत औसत डायरेक्ट टैक्स दर 15.8 फीसदी थी, जो अब घटकर 11.3 फीसदी रह गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पहले रोजमर्रा की चीजों पर 15.8 फीसदी टैक्स लगता था, लेकिन अब यह घटकर 11.3 फीसदी रह गया है. GST काउंसिल द्वारा लगातार दरों में कटौती की जा रही है. उन्होंने यह भी साफ किया कि GST से किसी भी चीज पर टैक्स भार नहीं बढ़ा, बल्कि कई उत्पादों पर टैक्स दरें कम हुई हैं.
बजट में किसे कितना मिला
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा, "सरकार आने वाले वर्ष (2025-26) में प्रभावी पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) के लिए अपनी 99 फीसदी उधारी का इस्तेमाल करने का इरादा रखती है. वर्ष 2025-26 में अलग-अलग क्षेत्रों के लिए बजटीय आवंटन इस प्रकार है- कृषि को 1.71 लाख करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास को 2.67 लाख करोड़ रुपये, शहरी विकास और परिवहन को 6.45 लाख करोड़ रुपये, स्वास्थ्य और शिक्षा को 2.27 लाख करोड़ रुपये और रक्षा (जिसमें रक्षा पेंशन शामिल नहीं है) को 4.92 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं. मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि किसी भी कैपिटल एक्सपेंडिचर सेक्टर के लिए धन की कमी नहीं की गई है."
बजट बनाना पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट पर बहस के दौरान कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण बजट बनाना पहले से अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है. उन्होंने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व में जारी संघर्ष और वैश्विक मुद्रास्फीति जैसी चुनौतियां भारत समेत सभी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर रही हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि मुक्त व्यापार और वैश्वीकरण के बावजूद विखंडन (Fragmentation) और बढ़ते कर्ज की समस्या बनी हुई है.
बजट विकास और प्राथमिकताओं के बीच संतुलन बनाता है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा, "बजट राष्ट्रीय विकास की जरूरतों और वित्तीय प्राथमिकताओं के बीच संतुलन बनाता है. सरकार अपनी 99% उधारी पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) के लिए इस्तेमाल कर रही है, जो GDP का 4.3% है."
Source: IOCL





















