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PMC Bank के डिपॉजिटरों को पैसा मिलने में होगी अभी और देरी, RBI ने 30 जून तक बढ़ाया बैन
आरबीआई का कहना है कि बैंक के रेज्यूलशन प्रक्रिया में अभी और देरी लग सकती है. यह जटिल प्रक्रिया है. साथ ही आरबीआई, बैंक के लिए अच्छा से अच्छा निवेशक ढूंढ रहा है.
पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) डिपॉजिटरों की दिक्कतें अभी खत्म होती नहीं दिख रही हैं. घोटाले के शिकार इस बैंक के ग्राहकों का फंसा हुआ पैसा मिलने में अभी और समय लग सकता है. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक की स्थिति ऐसी नहीं कि इसकी रेज्यूलेशन प्रक्रिया पूरी हो सके. इसमें और देरी लग सकती है. आरबीआई का कहना है कि पीएमसी बैंक के री-कंस्ट्रक्शन के लिए कई निवेशकों के बाइंडिंग ऑफर मिले हैं लेकिन इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका है. यही वजहै कि केंद्रीय बैंक ने इस पर 30 जून तक प्रतिबंध बढ़ा दिया है. गौरतलब है कि घोटाले में फंसने के बाद पहले इससे कैश निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
पीएमसी बैंक पर लगा प्रतिबंध 30 जून तक बढ़ा
आरबीआई ने कहा कि पीएमसी बैंक पर लगा प्रतिबंध 30 जून तक बढ़ा दिया गया है. आरबीआई ने शुक्रवार को कहा कि 3 नवंबर को मंगाए गए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) के तहत बैंक के रीकंस्ट्रक्शन के लिए उसे कई एप्लीकेशन मिले हैं और लेकिन वह निवेशकों से अच्छा से अच्छा सौदा हासिल करना चाहता है ताकि बैंक और डिपोजिटरों और स्टेकहोल्डर्स को फायदा हो. उसने कहा कि यह काफी जटिल प्रक्रिया है. लिहाजा इसमें अभी और समय लग सकता है.
एचडीआईएल को दिया था गलत तरीके से लोन
पीएमसी बैंक के प्रस्ताव के मुताबिक इसका पुनर्गठन करने वाले निवेशक को इसके कैपिटल टू रिस्क वेटेड ऐसेट्स रेश्यो का कम से कम नौ फीसदी पूंजी लगानी होगी. जनवरी, 2021 में पेमेंट सर्विस कंपनी भारत पे ने कहा था कि वह पीएमसी के अधिग्रहण की इच्छा रखती है.पीएमसी बैंक के कई सीनियर अफसरों और कर्मचारियों के घोटाले में लिप्त पाए जाने के बाद आरबीआई ने एक सितंबर, 2019 में बैंक से पैसे निकालने पर रोक लगा दी थी और बैंक को बोर्ड को भंग कर दिया था. बैंक में कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थीं. साथ ही बैंक की ओर से रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिए गए लोन की सही जानकारी नहीं दी गई थी. इसमें भी घोटाले के आरोप हैं.
घोटाले का शिकार होने के बाद आरबीआई ने बैंक के कामकाज पर रोक लगाने के साथ ही बैंक से नकदी निकालने की सीमा 50 हजार रुपये कर दी थी. इसके बाद यह सीमा बढ़ा कर 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई थी. पीएमसी बैंक ने गलत तरीके से एचडीआईएल ग्रुप को 6500 करोड़ रुपये लोन दिया था, जो सितंबर 2019 में बैंक के टोटल लोन बुक साइज 8880 करोड़ रुपये का 73 फीसदी था. इतना ज्यादा लोन किसी एक क्लाइंट को नहीं दिया जा सकता.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
Opinion