ATS NCLT: इस लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट पर एनसीएलटी की लगाम, आईआरपी की हुई नियुक्ति
ATS Knightsbridge Project: यह लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट नोएडा के सेक्टर 124 में बन रहा है, जिसे रियल एस्टेट कंपनी एटीएस के द्वारा डेवलप किया जा रहा है...
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने रियल एस्टेट कंपनी एटीएस के एक लग्जरी प्रोजेक्ट पर एक्शन लिया है. एनसीएलटी ने शिकायत मिलने के बाद एटीएस के नाइट्सब्रिज प्रोजेक्ट के खिलाफ कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्युशन प्रोसेस की शुरुआत की है. इसके तहत रिजॉल्युशन प्रोफेशनल की नियुक्ति की गई है.
डेवलपर पर इतने के डिफॉल्ट के आरोप
एटीएस का नाइट्सब्रिज प्रोजेक्ट नोएडा के सेक्टर 124 में स्थित है. इसके तहत लग्जरी घर बनाए जा रहे हैं. एनसीएलटी के ऑर्डर में कहा गया है कि एटीएस बिल्डर के द्वारा समय पर भुगतान नहीं करने के चलते इंटरिम रिजॉल्युशन प्रोफेशनल की नियुक्ति करने का फैसला लिया गया है. ऑर्डर के अनुसार, एटीएस हाइट्स प्राइवेट लिमिटेड ने कथित तौर पर कर्जदाताओं को 285 करोड़ रुपये और 47 करोड़ रुपये के भुगतान में डिफॉल्ट किया है.
इन्होंने की थी एनसीएलटी में अपील
नाइट्सब्रिज प्रोजेक्ट को डेवलप कर रही रियल एस्टेट कंपनी एटीएस हाइट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंस रिजॉल्युशन प्रोसेस (सीआईआरपी) की शुरुआत एएसके ट्रस्टीशिप सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एएसके इंडिया रियल एस्टेट स्पेशल अपॉर्च्यूनिटीज फंड प्राइवेट लिमिटेड और एएसके इन्वेसटमेंट मैनेजर्स लिमिटेड ने की है. एएसके ट्रस्टीशिप सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के बारे में बताया गया है कि वह एएसके इंडिया रियल एस्टेट स्पेशल अपॉर्च्यूनिटीज फंड और एएसके इंडिया रियल एस्टेट स्पेशल अपॉर्च्यूनिटीज फंड-2 की इन्वेस्टमेंट मैनेजर है.
इन्हें बनाया रिजॉल्युशन प्रोफेशनल
एनसीएलटी ने शिकायत के बाद रिजॉल्युशन प्रोसेस की शुरुआत की है, जिसके लिए गौरव कटियार को अंतरिम रिजॉल्युशन प्रोफेशनल नियुक्त किया गया है. राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण का यह आदेश 22 अप्रैल 2024 को आया. इस आदेश को जस्टिस अशोक कुमार भारद्वाज और जस्टिस सुब्रत कुमार दास की एनसीएलटी बेंच ने पारित किया.
प्रोजेक्ट पर नहीं रुकेगा काम
एनसीएलटी ने कहा कि प्रोजेक्ट के काम में कोई रुकावट नहीं हो और घर खरीदारों को नुकसान नहीं उठाना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए रिजॉल्युशन प्रोफेशनल की नियुक्ति की गई है. वहीं दूसरी ओर एटीएस के प्रमोटर गीतांबर अंगद ने दलील दी कि 285 करोड़ रुपये और 47 करोड़ रुपये के जिस डिफॉल्ट की बात की गई है, वह डिफॉल्ट नहीं है, क्योंकि वह डेट नहीं बल्कि इक्विटी के रूप में है. हालांकि एनसीएलटी ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया.
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