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Google-CCI Issue: NCLAT से गूगल को राहत नहीं, ट्राईब्यूनल ने सीसीआई के 1,337.76 करोड़ रुपये के जुर्माने के फैसले को रखा बरकरार
Google-CCI Update: एनसीएलएटी ने गूगल को 30 दिनों के भीतर जुर्माना राशि को जमा करने का आदेश दिया है.
![Google-CCI Issue: NCLAT से गूगल को राहत नहीं, ट्राईब्यूनल ने सीसीआई के 1,337.76 करोड़ रुपये के जुर्माने के फैसले को रखा बरकरार NCLAT Uphold Competition Commission of India Decision To Impose 1337 Crore Penalty On Google Google-CCI Issue: NCLAT से गूगल को राहत नहीं, ट्राईब्यूनल ने सीसीआई के 1,337.76 करोड़ रुपये के जुर्माने के फैसले को रखा बरकरार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/29/2d1adc0fc4e03f6fe0b416996acb6b0e1680103279489267_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Google-CCI Issue: इंटरनेट कंपनी गूगल को झटका लगा है. नेशनल कंपनी अप्पैलेट ट्राईब्यूनल (NCLAT) ने गूगल पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) के जुर्माना लगाने के फैसले को बरकरार रखा है. सीसीआई ने गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के मामले में प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के निर्णय में कुछ सुधार करते हुए गूगल को 30 दिनों के भीतर निर्देशों का पालन करते हुए जुर्माना राशि को जमा करने का आदेश दिया है. एनसीएलएटी के चेयरपर्सन जस्टिस अशोक भूषण और सदस्य आलोक श्रीवास्तव की पीठ ने कहा, ‘‘हम जुर्माने के निर्णय को बरकरार रख रहे हैं. अपीलकर्ता (गूगल) को चार जनवरी के उसके आदेश के तहत पहले से जमा 10 प्रतिशत राशि समायोजित करने के बाद बाकी बचे जुर्माना राशि को 30 दिनों के भीतर जमा करने का आदेश देते हैं.
पीठ ने प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले को बरकरार रखते हुए उसे क्रियान्वित करने के लिये गूगल को 30 दिन का समय दिया है. साथ ही आयोग के 20 अक्टूबर, 2022 को जारी आदेश में कुछ संशोधन भी किये हैं. प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश में जो सुधार किये गये हैं, उसमें गूगल सुइट सॉफ्टवेयर को हटाने के लिये अनुमति से संबंधित कुछ हिस्सा शामिल है.
गूगल ने अपनी याचिका में दावा किया था कि प्रतिस्पर्धा आयोग ने उलके खिलाफ निष्पक्ष जांच नहीं की थी. जिन दो लोगों की शिकायत पर आयोग ने जांच शुरू की थी, वे उसी कार्यालय में काम कर रहे थे जो गूगल की जांच कर रहा था. कंपनी की दलील के अनुसार, सीसीआई भारतीय उपयोगकर्ताओं, ऐप विकसित करने वालों के सबूतों की अनदेखी करते हुए निष्पक्ष, संतुलित और कानूनी रूप से ठोस जांच करने में विफल रहा.
गूगल ने जो राहत दी गई है उसमें गूगल के लिए प्ले स्टोर में थर्ड पार्टी ऐप रो होस्ट करना अब जरुरी नहीं होगा. पहले सीसीआई ने ऐसा करना का आदेश दिया था. एनसीएलएटी के इस आदेश से गूगल को राहत मिली है.
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