Muhurat Trading Strategy: आज दिवाली पर क्या हो मुहूर्त ट्रेडिंग की स्ट्रेटेजी जिससे मिले शानदार मुनाफा-जानें
Diwali Muhurat Trading Strategy: आज दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग में आप अगर निवेश की एक स्ट्रेटेजी के मुताबिक इंवेस्ट करेंगे तो शुभ पर्व पर शुभ धन लाभ होने की काफी ज्यादा उम्मीदें हैं. यहां जानिए-
Muhurat Trading Strategy: आज देशभर में दीपावली का पावन पर्व मनाया जा रहा है. आज के दिन भारतीय बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग होती है जो कि खास तौर पर एक घंटे के लिए होती है और इस दिन ट्रेडर्स, इंवेस्टर्स लक्ष्मी मां की कृपा हासिल करने और समृद्धि वाले शेयरों को लेने के लिए खरीदारी करते हैं. इस दिवाली हम आपको एक्सपर्ट की राय के मुताबिक बता रहे हैं कि कैसे आप मुहूर्त ट्रेडिंग के समय अच्छी स्ट्रेटेजी के जरिए शानदार ट्रेड हासिल कर सकते हैं.
क्या है बाजार के एक्सपर्ट की स्ट्रेटेजी
मास्टरट्र्स्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर हरजीत सिंह अरोड़ा का कहना है कि सावधानीपूर्वक प्लान बनाना अनिवार्य है, खासकर मुहूर्त ट्रेडिंग की छोटी समय सीमा के भीतर हमें अपने फाइनेंशियल गोल को स्पष्ट रूप से सामने रखना होगा. चाहे हम शॉर्ट टर्म गेन की तलाश में हों या लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट की. आमतौर पर हम अस्थिर ट्रेडिंग सेशन देखते हैं इसलिए किसी भी ट्रेड को फिक्स करने से पहले गहरी रिसर्च बहुत महत्वपूर्ण है.
इन बातों का रखें ध्यान
मजबूत बुनियादी सिद्धांतों, पॉजिटिव इनकम रिपोर्ट और ग्रोथ करने की क्षमता वाली कंपनियों की तलाश करनी चाहिए. इसके अतिरिक्त, हम शॉर्ट टर्म के ट्रेडिंग ऑप्शन के लिए टेक्निकल रिसर्च के आधार पर स्टॉक भी पा सकते हैं.
रिस्क मैनेजमेंट और लिक्विडिटी का रखें ख्याल
रिस्क मैनेजमेंट एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते. बाजार में रिस्क उठाने की क्षमता हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है, लंबी अवधि के निवेश के लिए पोर्टफोलियो जोखिम को उचित डाइवर्सिफिकेशन के जरिए कम किया जा सकता है. निवेशकों को अपने सभी इंवेस्टमेंट्स को एक स्टॉक या सेक्टर में केंद्रित करने की सलाह हम नहीं देते हैं. हालांकि, मुहूर्त ट्रेडिंग की छोटी अवधि को देखते हुए, लिक्विडिटी भी एक बड़ा कारक है. खास तौर से इंट्राडे व्यापारियों के लिए, ट्रेडों के आसानी से पूरा करने के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी वाले स्टॉक चुनें तो बेहतर रहता है.
मुहूर्त ट्रेडिंग, जिसे शुभ ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है, दिवाली पर आयोजित एक घंटे का ट्रेडिंग सेशन होता है. पिछले दस मुहूर्त ट्रेडिंग सत्रों में, सात उदाहरण पॉजिटिव रिटर्न के साथ संपन्न हुए, जो बाजार में ट्रेडर्स और इंवेस्टर्स के लिए अच्छे मौकों की उम्मीदों को जगाता है.
संवत 2080 के लिए आउटलुक
बढ़ती ग्लोबल प्रतिकूल स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, भारतीय बाजार विक्रम संवत 2080 तक अपनी मौजूदा तेजी को बनाए रखने के लिए तैयार है. पॉपुलर सेंट्रल बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने साफ तौर से भारतीय बाजारों की तरफ पॉजिटिव आउटलुक दिखाया है. मजबूत कॉर्पोरेट परफॉर्मेंस, शानदार घरेलू आर्थिक आंकड़ों और अपनी व्यापार-समर्थक नीतियों के लिए जानी जाने वाली मोदी सरकार की वापसी की बढ़ती उम्मीदों से ऐसा लग रहा है कि बाजार की तेजी के लिए प्लेटफॉर्म तैयार हो रहा है.
साल 2014-2015 में भारत में एफडीआई फ्लो 45.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो 2021-2022 में बढ़कर अब तक का सबसे ज्यादा 83.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है. इस अटकल से तेजी के सेंटीमेंट को और बल मिला है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपने ग्रोथ रेट साइकिल को खत्म कर दिया है, जो पॉजिटिव मार्केट सेंटीमेंट में योगदान देने वाला एक बड़ा फैक्टर बना है.
निवेश में डाइवर्सिफिकेशन होना जरूरी
इक्विटी और सोने में इंवेस्टमेंट आपके इंवेस्टमेंट गोल, टाइमलाइन और रिस्क प्रोफाइल पर निर्भर होना चाहिए, लेकिन पोर्टफोलियो में उचित ऐसेट एलोकेशन की जरूरत होती है. सोने को एक सेफ इंवेस्टमेंट प्रॉपर्टी माना गया है और इसका इस्तेमाल महंगाई के खिलाफ बचाव के रूप में किया जाता है. सोने को शॉर्ट टर्म इंवेस्टमेंट की बजाय लॉन्ग टर्म निवेश ऑप्शन के रूप में देखा जाना चाहिए. भारत और ग्लोबल लेवल पर इक्विटी बाजार अस्थिर बने हुए हैं लेकिन दूसरे इंवेस्टमेंट ऑप्शन के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसी को लंबी अवधि के निवेश के नजरिए से इक्विटी में निवेश करना चाहिए, इक्विटी बाजार अभूतपूर्व रिटर्न दे सकता है. आदर्श रूप से, आपको अपनी रिस्क उठाने की क्षमता और अपने मूल इंवेस्टमेंट प्लान के मुताबिक निवेश में डाइवर्सिफिकेशन लाना चाहिए जो आपने अपने शॉर्ट और लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल को प्राप्त करने के लिए बनाए है.
ये भी पढ़ें
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets