वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए केन्द्र सरकार ने जारी किए ITR फॉर्म्स
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में यह कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुए संकट और आय-करदाताओं की सुविधाओ का ध्यान रखते हुए पिछले साल के ITR फॉर्म्स की तुलना में इस बार के ITR फॉर्म्स में ज्यादा अंतर नहीं किया गया है.

वित्तीय वर्ष 2020-21 के इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग फॉर्म्स के लिए केन्द्र सरकार ने नोटिफाई कर दिया है. यह नोटिफिकेशन 31 मार्च 2021 को जारी किया गया. नए नोटिफिकेशन के मुताबिक, आईटीआर-1 के लिए कुछ नए नियम जोड़े गए हैं. इसके साथ ही यह कहा गया है कि अगर आयकर नोटिस के जवाब में रिटर्न फाइल की जा रही है तो डीआईएन नंबर (डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर) देना जरूरी होगा. इसके साथ ही, आईटीआर फॉर्म्स में इसे दाखिल करने वालों से पुराने या फिर नए टैक्स नियम के मुताबिक आयकर दाखिले के बारे में भी पूछा गया है.
आईटीआर-1 तिमाही लाभांश के बारे में भी पूछता है, जो वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान कर योग्य है. एडवांस टैक्स पर सेक्शन 234 सी के अंतर्गत टैक्स छूट के लिए इस जानकारी की आवश्यकता पड़ती है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में यह कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुए संकट और आयकरदाताओं की सुविधा का ध्यान रखते हुए पिछले साल के आईटीआफ फॉर्म की तुलना में इस बार के आईटीआर फॉर्म में ज्यादा अंतर नहीं किया गया है. सिर्फ आयकर कानून 1961 में हुए संशोधन के चलते कुछ मामूली आवश्यक बदलाव किए गए हैं.
ITR-1 आईटीआर-1 उन लोगों के लिए है जिनकी कुल सालाना आय वित्तीय वर्ष के दौरान 50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है. इसके साथ ही, साथ ही यदि आपका आय का स्रोत मासिक वेतन (सैलरी)/पेंश, या एक हाउस प्रॉपर्टी या 5,000 रुपये तक ब्याज और कृषि आय है, तो आपको आईटीआर-1 फॉर्म ही भरना होगा. हालांकि, यह ध्यान देने वाली बात है कि यदि आपकी कुल आय 50 लाख से ज्यादा है और कैपिटल गेन टैक्स देय है, एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी से आय आती है, तो आप आईटीआर-1 का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसके अलावा यदि आप किसी कंपनी के निदेशक है या फिर विदेश में संपत्ति रखते हैं, तो भी आप फॉर्म का उपयोग नहीं कर सकते.
ITR-2
जबकि, आईटीआर-2 यह उन लोगों और अविभाजित हिंदू परिवारों (एचयूएफ) के लिए हैं, जिनकी कोई व्यावसायिक आय नहीं है या फिर वो आईटीआर-1 के दायरे में नहीं आते है. इसका मतलब ये है है कि अगर आपकी आय कैपिटल गेन, विदेशी संपत्ति और 5,000 रुपये से अधिक कृषि आय होने पर आप इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही आप इस फॉर्म का इस्तेमाल तब भी कर सकते हैं, यदि आप किसी कंपनी के व्यक्तिगत निवेशक हैं या फिर आपके पास वित्तीय वर्ष के दौरान किसी गैर-सूचीबद्ध कंपनी की हिस्सेदारी है या थी.
यहां पर ये ध्यान रखने वाली बात है कि यदि आपकी आय बिजनेस या किसी पेशे (प्रॉफेशन) से आती है, तब आप इस फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते. अगर टैक्स नोटिस के जवाब में आयकर दाखिल करते हैं तो ITR-2 में डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) देने की जरूरत पड़ती है.
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Source: IOCL





















