भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड डील के बाद कार, व्हिस्की से लेकर वाइन तक... जानें क्या-क्या चीजें हो सकती हैं सस्ती
India UK Free Trade Agreement: इस एग्रीमेंट के बाद साल 2030 तक दोनों इकॉनोमी के बीच व्यापार दोगुना होकर 120 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जबकि ब्रिटेन छठे.

India UK Free Trade Agreement: भारत-ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) पर मुहर लगने के बाद कई चीजों की कीमतें कम हो सकती है. एक समझौते के तहत कई सामानों के ऊपर से सीमा शुल्क को कम कर दिया गया है, जिनमें ब्रेटिन के स्कॉच व्हिस्की से लेकर डायमंड, गोल्ड, सिल्वर और पेट्रोलियम शामिल है.
साथ ही, भारत से निर्यात होने वाले फुटवियर और गारमेंट के ऊपर से सीमा शुल्क में ब्रिटेन कटौती कर सकता है, जिसकी वजह से इसका एक्सपोर्ट और बढ़ जाएगा. इसके अलावा, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का बड़ा फायदा देश के यूथ को भी हो सकता है. इसकी वजह है ब्रिटेन में इनकी पढ़ाई और जॉब आसान हो जाएगा. हालांकि, इस समझौते पर अभी चर्चा होनी बाकी है.
फ्री ट्रेड से कई चीजें सस्ती
इस समय ब्रिटेन से भारत में आने वाली कारों पर 100 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया जाता है, लेकिन दोनों देशों के बीच एफटीए पर मुहर के बाद ये सस्ती हो सकती है. वाइन और स्कॉच विस्की के अलावा ब्रिटेन से निर्यात होने वाली जगुआर लैंड रोवर की कीमतें भी अब कम हो सकती है.
भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 21.34 अरब डॉलर रहा था. वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 10 महीनों में वस्तुओं का व्यापार 21.33 अरब डॉलर रहा.
2030 तक व्यापार 120 अरब होने की उम्मीद
इस एग्रीमेंट के बाद साल 2030 तक दोनों इकॉनोमी के बीच व्यापार दोगुना होकर 120 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जबकि ब्रिटेन छठे. ऐसे में इस समझौत के बाद व्यापार को बूस्ट मिलेगा
एफटीए लागू होने पर ब्रिटेन के बाजार में 99 प्रतिशत भारतीय उत्पादों पर शुल्क शून्य हो जाएगा जबकि भारतीय श्रमिकों को ब्रिटेन की आव्रजन प्रणाली में बदलाव के बगैर ही यात्रा करने की अनुमति होगी. इसके अलावा भारतीय वस्त्र, फ्रोजन झींगे, आभूषण एवं रत्नों के निर्यात पर करों में कटौती की जाएगी.
ब्रिटेन में शून्य शुल्क पर प्रवेश करने वाले भारतीय उत्पादों में खनिज, रसायन, रत्न एवं आभूषण, प्लास्टिक, रबड़, लकड़ी, कागज, कपड़े, कांच, सिरेमिक, यांत्रिक एवं बिजली मशीनरी, हथियार/गोला-बारूद, परिवहन/वाहन, फर्नीचर, खेल के सामान, पशु उत्पाद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं.
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Source: IOCL

























