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Consumption Survey: वीसीआर की होगी छुट्टी, एयरपॉड और प्लेस्टेशन से भी तय होगी भारत में महंगाई
India Inflation Basket: अभी भी महंगाई को कैलकुलेट करने में कई ऐसे प्रोडक्ट को शामिल किया जा रहा है, जो सालों से आम लोगों के इस्तेमाल से बाहर हो चुके हैं...
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भारत में महंगाई को कैलकुलेट करने के फॉर्मूले में जल्द बड़ा बदलाव हो सकता है. हालिया हाउसहोल्ड कंजम्पशन एक्सपेंडिचर सर्वे (एचसीईएस) से इसके संकेत मिल रहे हैं. बदलाव के तहत कई ऐसे प्रोडक्ट को इंफ्लेशन बास्केट से बाहर किया जा सकता है, जो अब प्रासंगिक नहीं रह गए हैं. वहीं कई ऐसे प्रोडक्ट बास्केट में शामिल हो सकते हैं, जिनके ऊपर लोग अब ठीक-ठाक खर्च कर रहे हैं.
कैसे होता है महंगाई का कैलकुलेशन?
महंगाई का कैलकुलेशन तुलनात्मक तरीक से होता है. इसके लिए प्रोडक्ट व सर्विसेज का एक बास्केट बनाया जाता है. महंगाई के इस बास्केट में उन उत्पादों व सेवाओं को रखा जाता है, जो परिवारों के खर्च में सबसे अहम हिस्सा बनते हैं यानी जिन चीजों पर लोग सबसे ज्यादा खर्च करते हैं. बास्केट में इसी कारण सब्जियों से लेकर मोबाइल टैरिफ तक शामिल होते हैं. इनकी कीमतों में होने वाली घट-बढ़ से महंगाई में उतार-चढ़ाव आता है.
इस कारण होता है बास्केट में बदलाव
महंगाई के बास्केट में समय-समय पर बदलाव करना जरूरी होता है, क्योंकि कई उत्पाद व सेवाएं समय के साथ आम लोगों के इस्तेमाल से बाहर हो जाती हैं और उनकी जगह पर नई चीजें सामने आ जाती हैं. जैसे मोबाइल का इस्तेमाल व्यापक होने पर मोबाइल टैरिफ को बास्केट में शामिल किया गया. अभी महंगाई के बास्केट में वीसीआर, वीसीडी, डीवीडी प्लेयर जैसे कई प्रोडक्ट शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल न के बराबर होता है. वहीं एयरपॉड से लेकर प्ले स्टेशन जैसे कई नए प्रोडक्ट पर अब लोग अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा खर्च कर रहे हैं.
रिपेयर और मेंटनेंस के कॉस्ट पर नजर
हाउसहोल्ड कंजम्पशन एक्सपेंडिचर सर्वे में कई नए प्रोडक्ट को जगह दी गई. सर्वे में इस बात पर ध्यान दिया गया कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारतीयों ने किन चीजों की खरीदारी की. इसके साथ ही यह भी पता लगाने का प्रयास किया गया कि खरीदी गई चीजों की मात्रा और मूल्य क्या है. सर्वे में फर्स्ट हैंड या सेकेंड हैंड खरीदारी और विभिन्न सामानों के रिपेयर व मेंटनेंस के कॉस्ट को भी शामिल किया गया.
बास्केट में शामिल होने वाले प्रोडक्ट
परिवारों के खर्च के सर्वे में प्ले स्टेशन, होम थिएटर सिस्टम, रेडियो आदि को रिक्रिएशनल अप्लायंसेज की श्रेणी में रखा गया. श्रेणी में पहले से वीसीआर, वीसीडी और डीवीडी प्लेयर जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं. इसी तरह एयर पॉड को पर्सनल यूज के आइटम की कैटेगरी में हेडफोन, ईयरफोन, ईयर पॉड, ब्लूटूथ डिवाइस, स्पीकर आदि के साथ रखा गया. पावर बैंक, हेयर ड्रायर, हेयर स्ट्रेटनर, हेयर कर्लर, हेयर ट्रिमर, ग्रूमर, एपिलेटर जैसे प्रोडक्ट अदर पर्सनल गुड्स की कैटेगरी में रखे गए.
ओटीटी से लेकर ऑनलाइन कोर्स तक शामिल
कंजम्पशन सर्वे में नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम समेत अन्य स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर खर्च को भी शामिल किया गया. वहीं ई-बुक, ऑडियो बुक, ऑनलाइन लर्निंग कोर्स आदि के खर्च को भी सर्वे में ट्रैक करने का प्रयास किया गया. कोविड के बाद आम हो गए सैनिटाइजर को मंथली एक्सपेंडिचर की कैटेगरी में रखा गया.
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