Gold Reserves: रुस या अमेरिका नहीं, भारत के साथ ये देश बढ़ा रहा आक्रामक तरीके से सोने का भंडार
Gold Reserve in India-China:पिछले एक दशक में भारत ने अपने सोने के भंडार में लगभग 58% की वृद्धि की है. 2015 में भारत के पास 557.7 टन सोना था, जो अब 2025 में बढ़कर 880 टन हो चुका है.

Gold Reserve in India: वैश्विक स्तर पर वित्तीय और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है. इस तेजी के पीछे सिर्फ निवेशकों या आभूषण की खरीदारी ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के देशों द्वारा सोने के भंडार में वृद्धि भी एक बड़ी वजह है.
सोने की बढ़ती कीमत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में सोना लगभग 70,000 रुपये प्रति तोला के हिसाब से बिक रहा था, जबकि अब 2025 में यह 1,05,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गया है. इसकी वजहों में भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक अनिश्चितताएं, मौद्रिक नीतियां और महंगाई का दबाव शामिल हैं.
भारत का सोने का भंडार
भारत भी तेजी के साथ सोने के भंडार में इजाफा कर रहा है. आरबीआई के अनुसार, 8 अक्टूबर 2025 तक देश में सोने का कुल भंडार 880 टन तक पहुंच गया है, जिसमें नागपुर और मुंबई में भंडार शामिल है. इसके अलावा, भारत के सोने के रिजर्व का हिस्सा बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स में भी रखा गया है.
पिछले एक दशक में भारत ने अपने सोने के भंडार में लगभग 58% की वृद्धि की है. 2015 में भारत के पास 557.7 टन सोना था, जो अब 2025 में बढ़कर 880 टन हो चुका है. विशेष रूप से 2022 के बाद, वैश्विक रुझानों और आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत ने रणनीतिक रूप से अपने सोने का भंडार बढ़ाया.
चीन का गोल्ड रिजर्व
चीन ने भी आक्रामक तरीके से अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाया है. 2025 में केवल जनवरी से सितंबर तक चीन ने 39.2 टन सोने की खरीदारी की. 8 अक्टूबर 2025 तक चीन का कुल सोने का भंडार 2,298.5 टन तक पहुंच गया है. औसतन, चीन ने हर महीने 2 से 5 टन तक सोने का भंडार बढ़ाया है, हालांकि सितंबर में सिर्फ 0.4 टन की खरीदारी हुई. इस तरह, वैश्विक और घरेलू स्तर पर सोने में निवेश और भंडार की बढ़ोतरी, इसकी कीमतों में लगातार तेजी का प्रमुख कारण बन रही है.
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