चीन पर भारत का बड़ा एक्शन, 5 साल के लिए लगा दी पर इस चीज पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी
India and China: भारत ने चीन से इम्पोर्ट होने वाले कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर 5 साल के लिए एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने का ऐलान कर दिया है. इसका फायदा घरेलू इंडस्ट्रीज को मिलेगा.

India and China: भारत ने गुरुवार को चीन के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए यहां से इम्पोर्ट होने वाले कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर 5 साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई है. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) के एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, चीन से कोल्ड रोल्ड नॉन-ओरिएंटेड इलेक्ट्रिकल स्टील (CRNO) के इंपोर्ट पर 223.82 डॉलर प्रति टन का टैरिफ लगेगा. गुरुवार देर रात को जारी आदेश में कहा गया कि भारत ने चीन से इम्पोर्ट होने वाले कई तरह के कोल्ड-रोल्ड स्टील पर 223.8 डॉलर प्रति टन से लेकर 414.9 डॉलर प्रति टन एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने का फैसला लिया है.
CRNO में सिलिकॉन-इलेक्ट्रिकल स्टील के कोल्ड-रोल्ड फ्लैट स्टील प्रोडक्ट्स शामिल हैं, चाहे वे कॉइल में हो या नहीं, चौड़ाई और मोटाई की परवाह किए बिना. यह एक तरह का इलेक्ट्रिकल स्टील है, जिसका इस्तेमाल ज्यादातर मोटर्स, जेनरेटर और छोटे ट्रांसफार्मर जैसे इलेक्ट्रिकल उपकरणों में होता है. हालांकि, भारत ने कोल्ड रोल्ड फुल हार्ड सिलिकॉन इलेक्ट्रिकल स्टील (CRFH) को एंटी-डंपिंग ड्यूटी से बाहर रखा है.
क्यों लिया गया फैसला?
भारत के उठाए गए इस कदम का मकसद देश में घरेलू स्टील निर्माताओं को सस्ते आयात से होने वाले नुकसान से बचाना है. अकसर इन डंप किए गए उत्पादों के चलते भारत की लोकल इंडस्ट्रीज को नुकसान उठाना पड़ता है. इसे देखते हुए स्टील उद्योग ने भारत में इन स्टील प्रोडक्ट्स की कथित डंपिंग की जांच की मांग की थी. DGTR ने जांच की थी और ड्यूटी लगाने की सिफारिश की थी.
पिछले महीने, भारत ने वियतनाम से हॉट रोल्ड फ्लैट स्टील प्रोडक्ट्स के आयात पर पांच साल के लिए 121.55 डॉलर प्रति टन की एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई थी. आयात सस्ता होने से इसका असर घरेलू कंपनियों के मुनाफे पर पड़ेगा, बाजार में उनकी हिस्सेदारी भी कम हो जाएगी. सरकार के इस कदम से 'मेक इन इंडिया' को भी बढ़ावा मिलेगा.
भारत में स्टील का आयात
मार्केट रिसर्च फर्म बिगमिंट के मुताबिक, कारोबारी साल 2025 में भारत का स्टेनलेस स्टील आयात बढ़कर 1.73 मिलियन टन हो गया, जिसमें चीन, इंडोनेशिया, वियतनाम और दक्षिण कोरिया जैसे देश शामिल रहे, जिन्हें स्टील इम्पोर्ट किया गया.
रेटिंग एजेंसी ICRA के मुताबिक, साल 2025 के पहले नौ महीनों में चीन का स्टील निर्यात अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 88 मिलियन टन पर पहुंच गया है, जिससे ग्लोबल कीमतों पर दबाव पड़ रहा है.
क्या होता है एंटी-डंपिंग ड्यूटी?
एंटी-डंपिंग ड्यूटी एक ऐसा शुल्क है, जो सरकार विदेशों से आयात होने वाले सामानों पर लगाती है. जब कोई देश अपने यहां का सामान किसी दूसरे देश में कम कीमत पर बेचता है, तो उससे उस देश की घरेलू इंडस्ट्रीज पर बुरा असर पड़ता है. 'डंपिंग' का मतलब होता है, अपने यहां के घरेलू बाजार में बिकने वाली कीमत से कम कीमत पर सामान को निर्यात किया जाना.
इससे निपटने के लिए इन पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता है, जिसे एंटी-डंपिंग ड्यूटी कहा जाता है. डंपिंग की जांच DGTR करता है और इस पर शुल्क लगाने की सिफारिश करता है. सिफारिश करने के तीन महीने के भीतर वित्त मंत्रालय इस पर अंतिम फैसला लेता है.
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