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शेयर बाजार में अगर करना है निवेश तो जान लें ये बेसिक बातें, फायदे में रहेंगे
शेयर बाजार का नाम जेहन में आते ही लगता है कि यह एक बहुत तकनीकी काम है लेकिन ऐसा नहीं है. अगर इस काम की बुनियादी जानकारियां हासिल कर ली जाएं तो निवेश करने में काफी मदद मिल जाती है.
![शेयर बाजार में अगर करना है निवेश तो जान लें ये बेसिक बातें, फायदे में रहेंगे If you want to invest in the stock market, then know these basic things, you will be in profit शेयर बाजार में अगर करना है निवेश तो जान लें ये बेसिक बातें, फायदे में रहेंगे](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/11/18014552/share-market-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
शेयर बाजार में निवेश करने का चलन बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि अब भी कई लोगों का मानना है कि यह बहुत तकनीकी काम है. आप अगर शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो आपको कुछ बेसिक जानकारियां होनी जरूरी है. यह जानकारियां आपके बहुत काम आएंगीं. हम आपको कुछ ऐसे अनुपातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप आसानी से शेयर का मूल्यांकन कर सकेंगे.
प्राइस टू अर्निंग रेश्यो (P/E) सबसे पहले बात पीई रेश्यो की. इसका इस्तेमाल किसी कंपनी के शेयर की वैल्यू का पता लगाने के लिए किया जाता है. पीई शेयर की कीमत और शेयर से आय का अनुपात होता है. इसका मतलब होता है अर्निंग प्रति शेयर. यह एक ही सेक्टर में दो कंपनियों के बीच सलेक्शन में मददगार होता है. बता दें कि शेयर से आय को ईपीएस भी कहते हैं.
P/E = (प्रति शेयर मूल्य/प्रति शेयर आय)
पीईजी रेश्यो कंपनी की आय में बढ़ोतरी को ध्यान में रखकर शेयर के मूल्य को खोजने में PEG रेश्यो का इस्तेमाल किया जाता है. पीई कंपनी की विकास दर को अनदेखा कर देता है, लेकिन पीईजी अनुपात में ऐसा नहीं है. यही वजह है कि इसे पीई के मुकाबले बेहतर मानते हैं.
पीईजी अनुपात = (पीई अनुपात/आय में अनुमानित वार्षिक वृद्धि)
प्राइस टू बुक वैल्यू रेश्यो प्राइस टू बुक वैल्यू अनुपात को कंपनी का शुद्ध संपत्ति मूल्य भी कहा जाता है. यह कुल संपत्ति माइनस अमूर्त संपत्ति और देनदारियों के रूप में गणना कर निकलता है. उन कंपनियों को कम मूल्यवान माना जाता है जिनका प्राइस टू बुक वैल्यू अनुपात कम होता है.
प्राइस टू बुक वैल्यू रैश्यो = (प्रति शेयर बाजार मूल्य/प्रति शेयर बुक वैल्यू)
प्रति शेयर आय (ईपीएस) ईपीएस प्रत्येक शेयर के लिए आवंटित कंपनी के लाभ का हिस्सा होता है. यह कंपनी की लाभप्रदता के संकेतक के रूप में कार्य करता है. प्रति शेयर आय एक वित्तीय अनुपात है, जो शुद्ध आमदनी को आम में विभाजित करता है. प्रति शेयर आय बढ़ाने वाली कंपनियों के शेयर को निवेश के लिए बेहतर माना जाता है.
ईपीएस = (शुद्ध आय/कुल शेयर)
रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) यह इक्विटी पर रिटर्न (आरओई) दर्शाता है कि कंपनी शेयरधारकों को पुरस्कृत करने में कितनी बेहतर है. यह शेयरधारक को इक्विटी के फीसदी के रूप में दी गई शुद्ध आय की राशि है. उन कंपनियों के शेयरों में निवेश करना बेहतर होता है जिनका पिछले तीन सालों का औसत आरओई ब्याज दर और महंगाई दर की कुल राशि से ज्यादा है.
आरओई = (शुद्ध आय/शेयरधारकों का कुल फंड)
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