कंस्ट्रक्शन कंपनियों की ग्रोथ में आएगी कमी, रेटिंग एजेंसी ICRA ने अपनी रिपोर्ट में किए कई दावे
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने इंडियन कंस्ट्रक्शन कंपनियों की 2024-25 के फाइनेंशियल ईयर में 8-10 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया है. जो पिछले साल के 12-15 फीसदी ग्रोथ की तुलना में काफी कम है.

ICRA Report: आसमान छूते रियल एस्टेट सेक्टर की ऊंचाई क्या कम होगी? हर शहर में बन रही विशाल इमारतों और रोड समेत दूसरे तरह के कंस्ट्रक्शन से होने वाली आमदनी क्या कम हो जाएगी? या कहीं मांग में ही तो कमी नहीं आने जा रही है.
कुछ न कुछ ऐसा होने के संकेत जरूर हैं. क्योंकि, रेटिंग एजेंसी इक्रा ने निर्माण कंपनियों के ग्रोथ में कमी आने की आशंका जताई है. यह पिछले साल की तुलना में कम होगी. हालांकि, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में इन कंपनियों के अच्छे ग्रोथ की संभावना जताई है.
8-10 फीसदी ग्रोथ का है अनुमान
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने इंडियन कंस्ट्रक्शन कंपनियों की 2024-25 के फाइनेंशियल ईयर में 8-10 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया है. जो पिछले साल के 12-15 फीसदी ग्रोथ की तुलना में काफी कम है. एजेंसियों ने कंस्ट्रक्शन कंपनियों के ऑपरेटिंग इनकम को 2025-26 में 12 फीसदी पर रहने के संकेत दिए हैं. यह भी 2018 से 2024 कै बीच रहे कंपाउंड एनुअल ग्रोथ 15 फीसदी से कम है.
2022-2023 और 2023-2024 में भी कंस्ट्रक्शन कंपनियों का एनुअल ग्रोथ 22 फीसदी और 19 फीसदी रहा. कंस्ट्रक्शन कंपनियों की धीमी रफ्तार का एक बड़ा कारण 2024 की पहली तिमाही में देशभर में लोकसभा चुनाव के कारण मॉडल कोड कंडक्ट का भी लगना रहा. दूसरी तिमाही में मानसून की खराब स्थिति भी इसका कारण रहा. इक्रा ने अपनी रिपोर्ट 2024 में 19 बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों के आधार पर तैयार की है. इनका पूरा टर्नओवर 1.28 ट्रिलियन डॉलर था.
दूसरी छमाही में इसलिए सुधरेंगे हालात
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में हालात सुधरने के अनुमान लगाए हैं. इक्रा के कॉरपोरेट रेटिंग हेड सुप्रियो बनर्जी ने बताया कि रोड कंस्ट्रक्शन कंपनियों को मिलने वाले वर्क ऑर्डर में भी पिछली चार तिमाहियों में काफी कमी आई है. अर्बन ट्रांसपोर्ट और सीवेज ट्रीटमेंट से जुड़ी कंपनियां अभी भी अच्छी हालत में है. भारत सरकार के रोड प्रोजेक्ट पर कंपनियों की सबसे अधिक नजर है. भारत सरकार अलग-अलग परियोजनाओं के तहत इन पर काफी खर्च करने वाली है. 2025 में मानसून के बाद काम में तेजी आने से कंस्ट्रक्शन में लगी कंपनियों के भी दिन सुधरेंगे.
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