Minimum Balance Penalty Report: आपकी जेब से चुपचाप हजारों करोड़ रुपये उड़ा रहे बैंक! क्या सच में 'मिनिमम बैलेंस' के नाम पर डाला जा रहा डाका?
Minimum Balance Penalty Report: वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के 11 पब्लिक सेक्टर बैंकों ने सेविंग अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस न रखने पर ग्राहकों से कुल 2,331 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला था.

Minimum Balance Penalty Report: भारत में आम आदमी अपने पैसे के मामले में सबसे ज्यादा किसी पर भरोसा करता है तो वह देश के बैंक हैं. हालांकि, अब इन्हीं बैंकों पर राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने सवाल उठा दिए हैं. उन्होंने बैंकों द्वारा लगाए जा रहे हिडेन चार्जेज और फीस को एक समस्या बताया है. चलिए, आपको आंकड़ों के जरिए बताते हैं कि आखिर राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की बात में कितना दम है और क्या सच में बैंक हर साल इन चार्जेज और फीस से आम लोगों की जेब पर डाका डाल रहे हैं.
राघव चड्ढा ने क्या कहा?
राज्यसभा में बोलते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि अगर आप अपने बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करते हैं, तो बैंक इसके लिए आपसे पेनल्टी चार्ज वसूलते हैं. ये चार्ज 100 रुपये से 600 रुपये प्रतिमाह हो सकता है. उन्होंने आगे कहा कि बैंकों ने सिर्फ इस चार्ज से 2022-23 में 3500 करोड़ रुपये अकाउंट होल्डर्स से वसूले. इसके अलावा बैंक, एक्स्ट्रा एटीएम यूज फीस, बैंक स्टेटमेंट फीस, इनएक्टिविटी फीस और एसएमएस अलर्ट फीस के नाम पर भी आम जनता के अकाउंट से पैसे काट लेते हैं.
Today, I spoke in Parliament on The Banking Bill, 2024.
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) March 26, 2025
I poured my heart out, voicing the everyday frustrations of the common man with our banking system.
1. Poor customer service
2. Limited banking infra in Rural India
3. Cyber fraud and digital data theft
4. Hidden bank… pic.twitter.com/ZfJJJ6HNlb
क्या कहते हैं आंकड़े?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के 11 पब्लिक सेक्टर बैंकों ने सेविंग अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस न रखने पर ग्राहकों से कुल 2,331 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला था. यह रकम साल 2022-23 के मुकाबले 25.63 फीसदी ज्यादा थी, जब इन बैंकों ने मिनिमम बैलेंस न रखने पर ग्राहकों से 1,855.43 करोड़ रुपये चार्ज किए थे.
2023-24 में किन बैंकों ने कितना वसूला?
इस मामले में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) सबसे आगे रहा था. इसने अपने अकाउंट होल्डर्स से मिनिमम बैलेंस पेनल्टी के नाम पर 633.4 करोड़ रुपये वसूले थे. वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा इस मामले में दूसरे नंबर पर था. इसने अपने खाता धारकों से 386.51 करोड़ रुपये
चार्ज किए थे. वहीं, तीसरे नंबर पर इंडियन बैंक था. इंडियन बैंक ने अपने अकाउंट होल्डर्स से 369.16 करोड़ रुपये वसूले थे.
इन 11 बैंकों ने 3 साल में वसूले 5,614 करोड़
इंडियन एक्सप्रेस की ही रिपोर्ट में बताया गया था कि इन 11 पब्लिक सेक्टर बैंकों, (बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया) ने अपने अकाउंट होल्डर्स से बीते तीन सालों में 5,614 करोड़ रुपये मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनल्टी के रूप में वसूले थे.
इस मामले में RBI के नियम क्या कहते हैं?
मिनिमम बैलेंस मेंटेनेंस के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक के नियम कहते हैं कि बैंकों को खाता खुलवाते समय ही ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस रखने की जानकारी देनी होती है. इसके अलावा, अगर बैंक नियम बदलते हैं, तो ग्राहकों को सूचित करना जरूरी है. वहीं, बैलेंस न रखने पर पहले नोटिस देना होगा और एक महीने का समय देना होगा. इसके साथ ही, बैंक, सिर्फ जुर्माने की वजह से निगेटिव बैलेंस नहीं कर सकते. आपको बता दें, देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) ने 2020 से ही न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माना लेना बंद कर दिया है.
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