जितना पहले में मिलता था, अब भी उतने का ही... जीएसटी 2.0 में इन चीजों के नहीं बदले दाम
GST 2.0: GST 2.0 में टैक्स स्लैब स्ट्रक्चर को आसान बनाने के साथ उन चीजों की कीमतें कम की गई हैं, जिन्हें आम आदमी लगभग हर रोज खरीदता है. हालांकि, कईचीजों पर जीएसटी दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

GST 2.0: भारत सरकार के जीएसटी 2.0 लागू करने के बाद जहां कुछ चीजें सस्ती हुई हैं और कुछ चीजों की कीमतें बढ़ाई गई हैं. इसी तरह कई आइटम्स ऐसे भी हैं, जिनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इनमें से एक है स्मार्टफोन. मोबाइल पर फोन पर पहले भी 18 परसेंट जीएसटी लगता था और अब भी इसी दर से जीएसटी लगता रहेगा. यानी कि उपभोक्ताओं को 22 सितंबर, 2025 से कीमतों में कटौती का लाभ नहीं मिलने वाला है. आज से पूरे देश में जीएसटी रिफॉर्म्स के तहत नए रेट्स लागू कर दिए गए हैं.
ये आइटम्स जीएसटी से बाहर
GST 2.0 में टैक्स स्लैब स्ट्रक्चर को आसान बनाने के साथ ही उन चीजों की कीमतें कम की गई हैं, जिन्हें देश का आम आदमी लगभग हर रोज खरीदता है. इनमें ब्रेड, बटर, दूध, घी, मक्खन से लेकर और भी कई चीजें शामिल हैं. इसमें टीवी और एयर कंडीशनर जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स को भी रियायत दी गई है, लेकिन देश में बड़े पैमाने पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल होने के बावजूद इस पर अब भी 18 परसेंट जीएसटी लागू है.
ऐसे में फेस्टिव सीजन के दौरान भले ही मोबाइल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखने को मिले, लेकिन कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए अलग-अलग ऑफर या डील पेश कर सकती हैं. मोबाइल की तरह लैपटॉप पर भी जीएसटी रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस पर भी पहले की तरह 18 परसेंट की दर से जीएसटी वसूला जाएगा. इसी तरह से वॉशिंग मशीन की भी कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखने को मिलेगा. इस पर भी पहले की तरह 18 परसेंट जीएसटी का भुगतान करना होगा.
क्यों नहीं घटाए गए मोबाइल और लैपटॉप के दाम?
GST 2.0 में मोबाइल और लैपटॉप के दाम नहीं घटाने की वजह यह है कि मोबाइल और लैपटॉप बनाने वाली कंपनियां पहले से ही प्रोडक्शन इंसेन्टिव स्कीम (PLI) का लाभ उठा रही हैं इसलिए आयात पर होने वाले खर्च को एडजस्ट करने के बाद इन्हें 18 परसेंट वाले स्लैब में रखा जाता है. अब इन पर और टैक्स कम करने से यह सरकार के लिए घाटे का सौदा होगा.
सोने-चांदी पर जीएसटी
GST काउंसिल ने सोने और चांदी पर लगने वाले 3 परसेंट के जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया है. यानी कि सोने-चांदी की खरीदारी करते वक्त आपको ज्वेलरी रेट पर 3 परसेंट और मेकिंग चार्ज पर 5 परसेंट जीएसटी का भुगतान करना होगा.
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Source: IOCL






















