अमेजन, गूगल जैसी कंपनियों के लिए सरकार की ई-कॉमर्स पॉलिसी में कई कड़े नियम-रिपोर्ट
सरकार नई ई-कॉमर्स पॉलिसी के ड्राफ्ट पर काम कर रही है जिसके तहत अमेजन, गूगल जैसी कंपनियों के लिए कई कड़े नियम लाए जाएंगे. इसके अलावा ऐसे प्रावधान रखे गए है जिनसे स्थानीय स्टार्टअप्स को मदद मिल सके, एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा बताया गया है.
नई दिल्लीः देश में विदेशी उत्पादों का इस्तेमाल कम करने और स्वदेशी सामानों और कंपनियों के उपयोग को बढ़ाने के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है और अब इस दिशा में सरकार कदम आगे बढ़ाती हुई दिख रही है. ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सरकार नए नियम लाने जा रही है और भारत की लेटेस्ट ई-कॉमर्स पॉलिसी के ड्राफ्ट में ऐसे कदम शामिल हैं जो स्थानीय स्टार्टअप्स की मदद करेंगे. इसके अलावा विदेशी कंपनियों को भारत में कारोबार करने के लिए कई नियमों का पालन करना होगा.
सरकार पिछले दो साल से ई-कॉमर्स पॉलिसी पर काम कर रही है और इस दौरान लगातार ये मांग उठती रही है कि वैश्विक कंपनियों जैसे गूगल, अमेजन और फेसबुक के भारत में बढ़ते प्रसार को सीमित करने के लिए कुछ कदम उठाए जाएं. इसके अलावा स्वदेशी कंपनियों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिले ऐसे ऐलान किए जाएं और इसी कड़ी में सरकार फैसले करने जा रही है, एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा कहा गया है.
ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए बनेगा रेगुलेटर रिपोर्ट्स के मुताबिक ई-कॉमर्स पॉलिसी के ड्राफ्ट में कहा गया है कि इस सेक्टर को पूरी तरह कानूनी दायरे में रखने और इस पर नजर रखने के लिए एक रेगुलेटर को बनाया जाएगा. बता दें कि इस पॉलिसी पर काम काफी तेजी से चल रहा है और सरकार जल्द ही इसके ड्राफ्ट को पब्लिक कर देगी.
ऑडिट से जुड़ा फैसला हो सकता है रिपोर्ट की मानें तो नई ई-कॉमर्स पॉलिसी में ये प्रावधान होगा कि अमेजन जैसी वो सभी कंपनियां जो ग्राहकों का डेटा विदेश में स्टोर कराती हैं उनको एक तय अवधि में ऑडिट कराना अनिवार्य होगा. इसके अलावा अगर कंपनियों को कोई ब्यौरा देने के लिए कहा जाता है तो उन्हें 72 घंटों के अंदर इसे मुहैया कराना होगा. ऐसा नहीं करने पर कंपनियों को जुर्माना भी देना पड़ सकता है.
ग्राहकों के लिए भी बढ़ेंगी सुविधाएं पॉलिसी के ड्राफ्ट में ये भी कहा जा रहा है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अपने ग्राहकों को विक्रेता (सैलर) की जानकारी मुहैया करानी होगी और इसमें फोन नंबर से लेकर ग्राहकों के शिकायत कराने की क्या व्यवस्था रहेगी इससे लेकर ईमेल और पता, सब जानकारी देना जरूरी होगा. पॉलिसी में ये भी कहा गया है कि आयातित सामानों के लिए ये बताना जरूरी होगा कि इसका वास्तविक निर्माण किस देश में हुआ है और भारत में इसपर कितना काम हुआ है, ये साफ-साफ लिखा होना चाहिए.
कड़ा कानून बनेगा नई ड्राफ्ट पॉलिसी में सेक्टर के लिए एक कानून बनाने की बात कही गई है और ये कानून सूचनाओं के भंडारण, इनके इस्तेमाल, ट्रांसफर, प्रोसेस और विश्लेषण को लेकर कड़ा होगा जिसके तहत ऐसी कंपनियों पर अंकुश लगाया जाएगा जो कि विदेश में डेटा स्टोर करती हैं.
लाइव स्ट्रीमिंग सर्विसेज देने वाली कंपनियों के लिए भी आएंगे नियम इसके साथ ही रिपोर्ट में भी ये कहा गया है कि वो विदेशी कंपनियां जो लाइव स्ट्रीमिंग सर्विसेज देती हैं और पेमेंट के लिए कई माध्यम का इस्तेमाल करती हैं उन्हें औपचारिक और रेगुलेटेड पेमेंट चैनल्स का ही इस्तेमाल करना होगा, इसपर नियम लाए जाएंगे.
सभी पक्षों के सुझाव के बाद किया जाएगा सार्वजनिक नई ड्राफ्ट ई-कॉमर्स पॉलिसी अपने अंतिम चरण में हैं और इसे उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग आखिरी रूप दे रहा है. इसे सार्वजनिक करने से पहले सभी पक्षों के सुझाव लिए जाएंगे, ड्राफ्ट को सार्वजनिक करने के बाद इस पर लोगों की प्रतिक्रिया भी ली जाएगी.
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