Form-16: अब पहले से अलग दिखेगा इस साल का फॉर्म-16, नजर आएगा यह बड़ा बदलाव
Form-16: फॉर्म-16 एक बहुत ही जरूरी डॉक्यूमेंट है, जिसमें आपकी सैलरी और आपके चुकाए गए टैक्स की पूरी जानकारी होती है. इससे ITR फाइलिंग में और आसानी हो जाती है और गलतियों की संभावना भी कम रहती है.

Form-16: फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने का सीजन शुरू हो चुका है. पहले रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी, लेकिन अब डेडलाइन बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दिया गया है. रिटर्न भरने के लिए सैलरीड कर्मचारियों को फॉर्म-16 भी 15 जून तक मिल जाएंगे. हालांकि, इसमें इस साल कुछ बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे.
फॉर्म-16 में दिखेगा ये बदलाव
फॉर्म-16 एक बहुत ही जरूरी डॉक्यूमेंट है, जिसमें आपकी सैलरी और आपके चुकाए गए टैक्स की पूरी जानकारी होती है. इससे ITR फाइलिंग में और आसानी हो जाती है और गलतियों की संभावना भी कम रहती है. इस बार फॉर्म-16 के नए फॉर्मेट में दूसरे सोर्स से इनकम पर टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) और कुछ खास खर्चों पर लिए गए टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) वगैरह का ब्यौरा दिया होगा. हालांकि, ऐसा तभी होगा, जब आपने अपने एम्प्लॉयर के पास फॉर्म 12BBA जमा कराया हो.
क्या होता है फॉर्म 12BBA?
बीते साल अक्टूबर में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने फॉर्म 12BBA को जारी किया था. इसमें फिक्स्ड डिपॉजिट, इक्विटी शेयर पर डिविडेंड, इंश्योरेंस कमीशन, कार या फॉरेन करेंसी की खरीद पर किए गए टैक्स की रिपोर्टिंग की जाती है. एम्प्लॉयर फिर इस आधार पर सैलरी से TDS काटेगा. वैसे तो फॉर्म 12BBA पहले भी था, लेकिन पहले इसमें टैक्स बचाने के लिए किए गए इंवेस्टमेंट जैसे कि LIC, HRA या होम लोन वगैरह की ही जानकारी देने की अनुमति थी.
1 अक्टूबर, 2024 से नियोक्ता को आय के अन्य स्रोतों से काटे गए TDS और TCS या किसी बड़े खर्च के दौरान काटे गए टीसीएस के बारे में बताने का कानून लागू हुआ. इससे टीडीएस और टीसीएस को एम्प्लाई की सैलरी से कटौती योग्य कुल टैक्स के बदले एडजस्ट किया जाएगा और पहले के मुकाबले सैलरी से कम टीडीएस कटेगा.
स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत इतनी मिलेगी छूट
इसके अलावा, इस साल सरकार ने बजट के दौरान नई इनकम टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत मिलने वाली छूट को 50,000 रुपये से 75,000 रुपये कर दिया है. ऐसे में अगर आपने भी नया टैक्स रिजीम चुना है, तो फॉर्म-16 में टीडीएस डिडक्शन के तहत 75,000 रुपये की छूट मिलेगी.
नई टैक्स रिजीम में सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 14 परसेंट तक कटौती का दावा कर सकते हैं. यह कटौती कर्मचारी के नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) अकाउंट में एम्प्लॉयर के कंट्रीब्यूशन पर क्लेम की जा सकती है.
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Source: IOCL























