सरकार का खजाने में आई कमी, गोल्ड रिजर्व भी घटा; जानें अब कितना रह गया भारत का विदेशी मुद्रा भंडार?
India Forex Reserve: 24 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6.93 अरब डॉलर घटकर 695.36 अरब डॉलर रह गया है. इस दौरान गोल्ड रिजर्व भी कम हुआ है.

India Forex Reserve: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 24 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6.93 अरब डॉलर घटकर 695.36 अरब डॉलर रह गया है. यह गिरावट फॉरेंन करेंसी एसेट्स और गोल्ड रिजर्व दोनों के कम होने के चलते दर्ज की गई है.
हालांकि, हफ्ते भर में आई इस गिरावट के बावजूद देश का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2024 में दर्ज किए गए 704.89 अरब डॉलर के अपने ऑल टाइम हाई लेवल के करीब बना हुआ है. ये आंकड़े वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत और स्थिर रहने की ओर इशारा करते हैं.
गोल्ड रिजर्व भी कम हुआ
रिजर्व बैंक ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा यानी Foreign Currency Assets (FCA) भी घटकर 3.86 अरब डॉलर घटकर 566.55 अरब डॉलर रह गया. इतना ही नहीं, स्वर्ण भंडार भी 3.01 अरब डॉलर घटकर 105.54 अरब डॉलर रह गया है. भू-राजनीतिक जोखिमों और निवेशकों की सुरक्षित निवेश मांग के बीच ग्लोबल लेवल पर लगातार सोने की कीमत बढ़ने से सोने की होल्डिंग में गिरावट दर्ज की गई.
आरबीआई ने कहा कि समीक्षाधीन हफ्ते में देश का गोल्ड रिजर्व 3.01 अरब डॉलर घटकर 105.536 अरब डॉलर रह गया. इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (SDR) भी 5.8 करोड़ डॉलर घटकर 18.66 अरब डॉलर रह गए. रिजर्व बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास भारत का आरक्षित भंडार 60 लाख डॉलर बढ़कर 4.608 अरब डॉलर हो गया.
2 साल से लगातार बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार
इस बीच, अच्छी बात यह है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले दो सालों में लगातार बढ़ा है, जो कैपिटल का फ्लो लगातार बने रहने और समय-समय पर आरबीआई के विवेकपूर्ण हस्तक्षेप को दर्शाता है. 2022 में 71 अरब डॉलर की गिरावट के बाद 2023 में भंडार लगभग 58 अरब डॉलर बढ़ा. 2024 में 20 अरब डॉलर से ज्यादा की मामूली देखी गई. आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 में अब तक भंडार में लगभग 46 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है.
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में अमेरिकी डॉलर, यूरो, येन और पाउंड स्टर्लिंग जैसी कई करेंसीज होती है. आरबीआई इन परिसंपत्तियों का प्रबंधन सक्रिय रूप से करता है, जब रुपया मजबूत होता है तो डॉलर खरीदता है और जब रुपया कमजोर होता है तो विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को स्थिर करने के लिए बेचता है.
ये भी पढ़ें:
हर शेयर पर 130 रुपये कमाने का मौका, क्या आपका भी इस कंपनी में लगा है पैसा? जानें रिकॉर्ड डेट
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























