![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
आरबीआई की MPC में तीन सदस्यों की नियुक्ति, कोरम पूरा न होने से टल गई थी बैठक
आरबीआई की MPC में सदस्यों की कमी की वजह से 29 सितंबर से होने वाली इसकी बैठक नहीं हो पाई थी.
![आरबीआई की MPC में तीन सदस्यों की नियुक्ति, कोरम पूरा न होने से टल गई थी बैठक RBI inducts three new members in MPC, meeting has been postponed due to quorum आरबीआई की MPC में तीन सदस्यों की नियुक्ति, कोरम पूरा न होने से टल गई थी बैठक](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/05062105/rbi.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
केंद्र सरकार ने आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने तीन बाहरी सदस्यों को नियुक्त किया है. सितंबर में चार सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने के बाद ये सीटें खाली थीं. सदस्यों की नियुक्ति न होने से MPC का कोरम पूरा नहीं हो पाया था और 29 सितंबर से शुरू होने वाली इसकी बैठक टल गई थी.
सरकार ने जिन सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दी है, उनमें इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च की आशिमा गोयल, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रोफेसर जयंत आर वर्मा और नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च यानी NCAER के अशोक भिडे शामिल हैं. इनके अलावा MPC में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास, डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मृदुल सागर भी हैं.
29 सितंबर से शुरू होने वाली बैठक टल गई थी
आरबीआई की MPC में सदस्यों की कमी की वजह से 29 सितंबर से होने वाली इसकी बैठक नहीं हो पाई थी. तीन बाहरी सदस्यों- रवींद्र ढोलकिया, पैमी दुआ और चेतन घाटे का कार्यकाल सितंबर में खत्म हो गया था और उनके बदले नए सदस्यों की नियुक्त नहीं हो पाई थी.
जिन नए सदस्यों की नियुक्ति हुई है, उनमें आशिमा गोयल प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की भी सदस्य हैं. वह सार्वजनिक मंचों पर सरकार की आर्थिक नीतियों की मुखर समर्थक के तौर पर देखी जाती हैं. इस वक्त वह Edelweiss Financial services, IDBI बैंक और SBI General Insurance की इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं. जयंत आर वर्मा फाइनेंशियल मार्केट और फाइनेंशियल सेक्टर रिफॉर्म, बैंकों के कामकाज और विदेशी मुद्र जोखिम प्रबंधन के विशेषज्ञ हैं. भिडे महंगाई और कृषि मामलों के विशेषज्ञ हैं. बहरहाल, MPC की बैठक में रेट कटौती को समर्थन मिलने की उम्मीद नहीं दिखती. महंगाई का दबाव होने से आरबीआई रेपो रेट को जस का तस रख सकता है.
इक्विटी फंड में निवेश या सीधे शेयरों में? जानें,रिटर्न और जोखिम के हिसाब से कौन है बेहतर
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)