(Source: ECI / CVoter)
बुनियादी उद्योगों की विकास दर बढ़ीः मार्च में 5% रही
नई दिल्लीः कोयला व इस्पात उत्पादन बेहतर होने के चलते देश के 8 कोर इंडस्ट्री सेक्टर्स की विकास दर मार्च में 5 फीसदी रही जो कि 3 महीने में बढ़त का सबसे ऊंचा स्तर है. हालांकि यह सुधार पिछले साल मार्च महीने की तुलना हासिल विकास दर के स्तर से कम ही है. मार्च 2016 में बुनियादी उद्योगों की की विकास दर 9.3 फीसदी थी.
8 मुख्य उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट व बिजली है. आज जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोयले का उत्पादन मार्च महीने में 10 फीसदी बढा जबकि एक साल पहले यह दर 2.5 फीसदी रही थी. वहीं इस्पात (अयस्क व गैर अयस्क) उत्पादन में मार्च महीने में 11 फीसदी बढोतरी दर्ज की गई जो कि मार्च 2016 में 7.8 फीसदी थी.
मार्च 2016 के महीने में बिजली उत्पादन 5.9 फीसदी बढा. इसी तरह सालाना आधार पर कच्चे तेल का उत्पादन 0.9 फीसदी और प्राकृतिक गैस का उत्पादन 0.9 फीसदी बढा. वहीं दूसरी ओर सीमेंट उत्पादन इस साल मार्च में 6.8 फीसदी घटा वहीं उर्वरक उत्पादन में भी 0.8 फीसदी और रिफाइनरी उत्पादन में भी 0.3 फीसदी की गिरावट आई.
बड़ी बात ये है कि देश के कुल औद्योगिक उत्पादन (इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन) में 8 प्रमुख उद्योगों का हिस्सा 38 फीसदी है. फरवरी महीने में इनकी विकास दर 1 फीसदी और मार्च में 3.4 फीसदी रही थी. दिसंबर 2016 में विकास दर 5.6 फीसदी और जनवरी 2017 में 3.4 फीसदी रही थी. वहीं अगर कुल मिलाकर बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर देखी जाए तो मार्च 2017 को खत्म वित्त वर्ष में ये 4.5 फीसदी रही थी. इससे पिछले वित्त वर्ष में 4 फीसदी रही थी.