Budget 2024: क्या बजट में इनकम टैक्स पर मिलेगी राहत? CII प्रेसिडेंट की इस बात से जगी उम्मीद
CII President on Budget: CII प्रेसिडेंट ने ये भी कहा कि इनकम टैक्स के मोर्चे पर सरलीकरण यानी सिंपलीफिकेशन का प्रोसेस जारी रहना चाहिए जिससे लोग आयकर से घबराने की बजाए इसे एक सपोर्ट सिस्टम मानें.

Confederation of Indian Industry: भारतीय उद्योग परिसंघ-कन्फेडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के नए प्रेसिडेंट संजीव पुरी का मानना है कि 2024-25 के आने वाले पूर्ण बजट में महंगाई के ऊंचे स्तर को देखते हुए सबसे निचले स्लैब के लोगों के लिए इनकम टैक्स पर राहत पर विचार करने की जरूरत है. संजीव पुरी ने एक इंटरव्यू में कहा कि लैंड, लेबर, बिजली और कृषि से जुड़े सभी सुधारों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच आम सहमति बनाने को एक संस्थागत मंच बनाने का भी आइडिया दिया है. ध्यान रहे कि जुलाई के दूसरे पखवाड़े में केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया जा सकता है.
इनकम टैक्स के लिए ये है उद्योग परिसंघ का सुझाव
इनकम टैक्स के बारे में पूछे जाने पर CII प्रेसिडेंट ने पीटीआई-भाषा से कहा कि हमारा सुझाव है कि इस मोर्चे पर सरलीकरण यानी सिंपलीफिकेशन का प्रोसेस जारी रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कैपिटल गेन को लेकर कुछ सुझाव दिए जा सकते हैं और इन पर विचार किया गया है. यह अलग-अलग माध्यम पर अलग-अलग है. हमें देखना होगा कि क्या इसे रैशनाइलाज (युक्तिसंगत) किया जा सकता है.
सीआईआई के अध्यक्ष का क्या है मानना
कन्फेडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के अध्यक्ष ने कहा कि उसे नहीं लगता कि गठबंधन राजनीति की मजबूरियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में आर्थिक सुधारों में दिक्कत देखी जाएंगी. सका मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन और पिछले दो कार्यकाल में नीतियों की सफलता इस प्रोसेस में तेजी लाने के लिए बेस तैयार करेगी.
वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट से उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा कि मोटे तौर पर मैं इस समय कहूंगा कि पब्लिक कैपिटल एक्सपेंडिचर, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में इंवेस्ट के लिए फंड्स, ग्रीन फंड और गांवों के अलावा ग्रामीण इलाकों में ज्यादा निवेश के सिद्धान्त ही जरूरी हैं. फिस्कल ग्रोथ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इनका पालन करना जरूरी है.
अच्छे मानसून से महंगाई दर पर रहेगा काबू
संजीव पुरी ने कहा कि सीआईआई का अनुमान है कि मानसून अच्छा रहने की वजह से रिटेल मंहंगाई दर इस साल 4.5 फीसदी के आसपास रहेगी. ये काफी हद तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुमानित लक्ष्य के आसपास ही है.
थोक महंगाई दर में लगातार इजाफा हो सकती है चुनौती
ध्यान रहे कि मई में थोक महंगाई दर लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 फीसदी हो गई है. खाने-पीने के सामान खासकर सब्जियों और मैन्यूफैक्चर्ड गुड्स की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते ये हुआ है. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर इससे पिछले महीने 1.26 फीसदी पर थी जबकि एक साल पहले यानी मई 2023 में शून्य से 3.61 फीसदी नीचे थी.
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Source: IOCL





















