Gold Loan Interest Rate: गोल्ड पर मिलेगा सस्ता लोन, ये पांच बैंक ले रहे कम ब्याज
Gold Loan Amount: अगर आप गोल्ड पर लोन लेने जा रहे हैं तो ये कुछ बैंक आपको कम ब्याज पर लोन दे रहे हैं. आइए जानते हैं कौन सा बैंक आपसे कितना ब्याज ले रहा है.
Cheapest Gold Loan: गोल्ड लोन अन्य किसी भी कर्ज की तुलना में एक अच्छा विकल्प माना जाता है. ये लोन व्यक्ति को कम ब्याज पर ज्यादा अमाउंट देने की पेशकश करता है. अगर आप भी गोल्ड लोन लेना चाहते हैं तो आप किसी भी नजदीकी बैंक जाकर ये काम कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको कुछ प्रॉसेस से होकर गुजरना होगा.
गोल्ड लोन एक सुरक्षित कर्ज माना जाता है, क्योंकि बैंक सोना के बदले लोन का अकाउंट पेश करते हैं. इस तरह के लोन को प्राप्त करने के लिए ज्यादा समय नहीं लगता है और प्रॉसेस भी आसान है. ज्यादातर बैंक और फाइनेंशियल बैंक सोना पर पैसा कर्ज के रूप में देते हैं. हालांकि कर्जदाता बैंक गोल्ड के करेंट वैल्यू को कैलकुलेट करके ही लोन का अमाउंट पेश करते हैं. यहां पांच ऐसे बैंकों के बारे में जानकारी दी गई है, जो सस्ता गोल्ड लोन देते हैं.
कौन-कौन से बैंक दे रहे सस्ता गोल्ड लोन
- एचडीएफसी बैंक सोना पर 7.20 फीसदी से लेकर 16.50 फीसदी का ब्याज लेता है और प्रोसेसिंग फीस 1 फीसदी है.
- कोटक महिंद्रा बैंक गोल्ड पर 8 फीसदी से लेकर 17 फीसदी का ब्याज वसूल करता है और प्रोसेसिंग चार्ज 2 फीसदी + GST है.
- साउथ इंडियन बैंक 8.25 फीसदी से लेकर 19 फीसदी का ब्याज ले रहा है.
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 8.45 फीसदी से लेकर 8.55 फीसदी का ब्याज वसूल रहा है और लोन का 0.5 फीसदी प्रोसेसिंग चार्ज भी है.
- फेडरल बैंक गोल्ड लोन पर 9.49 फीसदी ब्याज ले रहा है.
गोल्ड लोन का अमाउंट
कोई भी बैंक गोल्ड के कुल अमाउंट का 75 से 90 फीसदी गोल्ड के बदल लोन लेने वाले यूजर्स को देता है. आप अपनी आवश्यकता अनुसार गोल्ड पर लोन ले सकते हैं.
कौन सा टेन्योर सही होगा
अगर आप गोल्ड लोन लेने जा रहे हैं तो आप उसी टेन्योर को चुने, जिस दौरान आप अपने लोन आमाउंट को भुगतान कर सकते हैं. साथ ही ईएमआई के अुनसार भी टेन्योर को सेलेक्ट करना चाहिए.
एक्स्ट्रा चार्ज
अगर आप गोल्ड लोन लेने जा रहे हैं तो उस बैंक की ओर से दिए जा रहे ऑफर को जान लीजिए. साथ ही आपको लोन पर लिए जा रहे चार्ज आदि की भी जानकारी कर लेनी चाहिए. गोल्ड लोन लेने वाले यूजर्स को प्रोसेसिंग फीस, पेपरवर्क, ईएमआई बाउंस, लेट पेमेंट आदि के बारे में विस्तार से जान लेना चाहिए.
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