Bullet Train Project: बुलेट ट्रेन के लिए तैयार हो रहा देश का पहला बैलेस्टलेस ट्रैक, जानिए इसकी खूबियां
Ashwini Vaishnaw: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव न बताया है कि बुलेट ट्रेन के लिए भारत में पहली बार बैलेस्टलेस ट्रैक का इस्तेमाल किया जा रहा है. आइए समझ लेते हैं कि आखिर इस ट्रैक से क्या फायदा होगा.
Ashwini Vaishnaw: देश को अपनी पहली बुलेट ट्रेन के बेसब्री से इंतजार है. हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बुलेट ट्रेन को लेकर जानकारी दी थी. अब उन्होंने मुंबई अहमदाबाद कॉरिडोर को लेकर रोचक जानकारियां साझा की हैं. इसके मुताबिक, देश की पहली बुलेट ट्रेन (Bullet Train) के लिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी वाले बैलेस्टलेस ट्रैक (Ballastless Track) का इस्तेमाल किया गया है. इस प्रोजेक्ट पर 153 किमी तक वायाडक्ट का काम पूरा हो चुका है. देश में चलने वाली बुलेट ट्रेन को 320 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है.
Bharat’s first ballastless track for #BulletTrain !
— Ashwini Vaishnaw (मोदी का परिवार) (@AshwiniVaishnaw) March 28, 2024
✅320 kmph speed threshold
✅153 km of viaduct completed
✅295.5 km of pier work completed
More to come in Modi 3.0 pic.twitter.com/YV6vP4tbXS
रेल मंत्री ने शेयर किया वीडियो
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें बुलेट ट्रेन से जुड़े अपडेट दिए गए हैं. इसमें उन्होंने बलास्टलेस ट्रैक के बारे में जानकारी साझा की. अश्विनी वैष्णव ने लिखा कि भारत में पहली बार ऐसे बैलेस्टलेस रेलवे ट्रैक इस्तेमाल किए जाएंगे. इस ट्वीट के मुताबिक, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने बुलेट ट्रेन के लिए 153 किमी के वायाडक्ट तैयार कर लिए हैं. इसके अलावा 295.5 किमी के लिए पियर वर्क भी पूरा कर लिया है. मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रैन प्रोजेक्ट के लिए 508 किमी का ट्रैक बिछाया जा रहा है. इस कॉरिडोर को 2026 तक शुरू किया जाना है. उन्होंने लिखा कि मोदी 3.0 में अपने और माइलस्टोन छूने हैं.
क्या है बैलेस्टलेस ट्रैक
बैलेस्टलेस ट्रैक को स्लैब ट्रैक के रूप में भी जाना जाता है. इसे कई देशों में हाई स्पीड रेलवे के लिए इस्तेमाल किया जाता है. भारत ने जे स्लैब बैलेस्टलेस ट्रैक को पहली बार इस्तेमाल किया है. इन्हें आरसी ट्रैक के ऊपर रखा जाता है. इनकी मोटाई 300 एमएम तक होती है. बैलेस्टलेस ट्रैक से ट्रेन में काफी स्थिरता आती है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए मुंबई अहमदाबाद कॉरिडोर में 14 जगहों पर एनीमोमीटर भी लगाए जाएंगे.
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