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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, विकास दर 7 फीसदी रहने की उम्मीद
नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहली बार आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया. इसे पहली बार वित्त मंत्री बनीं निर्मला सीतारमण ने पेश किया. इस आर्थिक सर्वेक्षण में देश की विकास दर सात फीसदी के करीब रहने की उम्मीद लगाई गई है.

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में इकोनॉमिक सर्वे यानी आर्थिक सर्वे पेश किया है. सरकार ने देश की आर्थिक सेहत की तस्वीर की जो रिपोर्ट पेश की है उसमें विकास दर पिछले वित्त वर्ष से अधिक रहने की उम्मीद जताई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019-20 में विकास दर 7 फीसदी के करीब रहने की उम्मीद है. बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत पर थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जरिए संसद में पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है, ‘‘2019-20 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है. बीते वित्त वर्ष में पूरे साल वृद्धि दर के निचले स्तर पर रहने के बाद यह अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का संकेत है.’’ आर्थिक सर्वेक्षण के तहत कहा गया है कि सरकार का जोर इस बात पर है कि कैसे वित्तीय घाटे को कम किया जाए. सरकार के सामने जीएसटी और किसानों के स्कीम वित्तीय घाटे के लिए अहम चुनौती हैं. आर्थिक सर्वे में पिछले साल बजट के तहत बांटे गए खर्चों का लेखाजोखा सामने रखा गया है. बता दें कि पिछले 12 महीनों में देश के आर्थिक हालात कैसे रहे इसका पूरा ब्यौरा आर्थिक सर्वेक्षण में पेश किया जाता है.इकोनॉमिक सर्वे की मुख्य बातें
- भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी बात ये है कि विकास दर महज़ 7 फीसदी रहने की उम्मीद है.
- अर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि साल 2019-20 में कच्चे तेल के काम में कटौती हो सकती है.
- समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.4 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है. अंतरिम बजट में भी राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.
- सर्वेक्षण में निर्यात के विकास दर के कमजोर रहने की आशंका जाहिर की गई है
- सर्वेक्षण में वित्तीय घाटा 5.8 फीसदी बताया गया है, जो सरकार के लिए चिंता का विषय है.
- आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक निवेश दर में इजाफे का अनुमान है. साल 2011-12 से निवेश दर में कमी देखी जा रही है. अब साल 2019-20 में इसमें इजाफे की उम्मीद जताई गई है.
- कृषि, वानिकी और मात्स्यिकी क्षेत्र के लिए अनुमानित विकास दर को 2.9 प्रतिशत तय किया गया है.
- 2018-19 के लिए खाद्यान उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान 283.4 मिलियन टन तय किया गया है.
- साल 2018-19 के लिए निर्यात 12.4% बढ़ने का अनुमान है, जबकि आयात 15.4% की वृद्धि हुई है.
- वित्त वर्ष 2018-19 के लिए विदेशी मुद्रा भंडार 412.9 बिलियन अमरीकी डालर निर्धारित किया गया है, पिछली बार ये 424.5 बिलियन था.
- सर्वे के मुताबिक अगर 2024-25 तक भारत की जीडीपी विकास दर 8 फीसदी रहती है तो 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनोमी का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
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