देश का बजट: रेल बजट के 10 लक्ष्य और बजट से उम्मीदें
देश का बजट: रेलवे के अंतरिम बजट 2019-20 के एनुअल प्लान साइज को देखने पर पता चलता है कि आने वाले एक साल में रेलवे की प्राथमिकताएं और जरूरतें क्या हैं.

नई दिल्ली: भारी बहुमत की सरकार में अपना पहला बजट पेश करने जा रहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से रेलवे को भी बड़ी उम्मीदें हैं, क्योंकि रेलवे ने अगले एक साल के लिए देश भर में रेलवे के संचालन, सुरक्षा, संरक्षा, विकास और विस्तार के लिए लक्ष्य तय कर रखे हैं.
रेलवे के अंतरिम बजट 2019-20 के एनुअल प्लान साइज को देखने पर पता चलता है कि आने वाले एक साल में रेलवे की प्राथमिकताएं और जरूरतें क्या हैं. इन जरूरतों के लिए अगले एक साल में रेलवे का कैपिटल एक्पैंडिचर (कैपेक्स) 1.58 लाख करोड़ रूपए प्रोजेक्टेड है.
इसमें ग्रॉस बजटरी सपोर्ट 64587 करोड़ रूपए केंद्र से मिलने की उम्मीद है, इसके अलावा राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष के तहत रेलवे 20 हज़ार करोड़ रुपए तक लेने के लिए अधिकृत है, लेकिन वर्तमान में इस मद में खर्च करने का सामर्थ्य न होने के कारण रेलवे को 5 हज़ार करोड़ रूपए मिलने की उम्मीद है.
रेलवे का लक्ष्य है कि अगले एक साल में इसका ऑपरेटिव रेशियो 97% (हक़ीक़त में 108%) से घट कर 95% तक आ सके. अभी रेलवे को एक रुपये कमाने के लीए 97 पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं.
रेलवे ने अपने 10 टारगेट तय किए हैं, जिसका अक्स रेल बजट में दिख सकता है-
- कैपेसिटी ऑग्मेनटेशन- नई लाईन बिछाना, गेज कन्वर्जन, पटरियों की डबलिंग. टारगेट- 5600 किलोमीटर नई लाईन बिछाना (2018-19 में 4100 km नई लाईन बिछी )
- इलेक्ट्रिफिकेशन- 7000 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य है, जबकि 2018-19 में 6000 रूट किलोमीटर का काम हुआ है. 2021-22 में शत प्रतिशत विद्युतीकरण होना है.
- डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर के काम में तेजी लाना- 2020-21 तक पूरा करेंगे.
- ट्रेनों की स्पीड बढ़ाना- 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार को सेमी हाई स्पीड बोलते हैं. फिलहाल देश में सिर्फ़ एक रूट सेमी हाई स्पीड है. सिर्फ़ दिल्ली-आगरा के बीच गतिमान एक्सप्रेस 160 की गति से चलती है. टारगेट- दो सेमी हाई स्पीड ट्रेन और चलाई जाएंगी. दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा.
- सिग्नलिंग का आधुनिकीकरण - यूरोपीय स्तर का सिग्नलिंग सिस्टम यानी आटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम लगना है.
- अगले एक साल में ट्रेन-18 के 10 रेक (एक पूरी रेल सेट ) और बनाना है.
- ट्रैक मेन्टेनेन्स की आधुनिक टेक्नोलोजी लाएंगे.
- विस्टाडोम कांच के कोच सिर्फ़ 3 हैं, 5 और बनेंगे.
- 4000 किलोमीटर पुरानी ट्रैक को बदलना है.
- 725 इलेक्ट्रिकल लोको इंजन बनना है.
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Source: IOCL






















