![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
ATM Cash Withdrawals: नोटबंदी से नोटबदली तक... अब एटीएम से इतना ज्यादा कैश निकाल रहे हैं लोग
Cash Withdrawal Increases: 2016 में की गई नोटबंदी का एक उद्देश्य कैश के इस्तेमाल को हतोत्साहित करना था, लेकिन उसके बाद से अब तक कैश के इस्तेमाल में भी तेजी आई है...
![ATM Cash Withdrawals: नोटबंदी से नोटबदली तक... अब एटीएम से इतना ज्यादा कैश निकाल रहे हैं लोग ATM Cash Withdrawals rises by 235 per cent after demonetisation done in year 2016 see details ATM Cash Withdrawals: नोटबंदी से नोटबदली तक... अब एटीएम से इतना ज्यादा कैश निकाल रहे हैं लोग](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/05/25/286a3d38f3f0a51ff505580aa6c713751685006112491685_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
अंग्रेजी में एक कहावत है, ‘कैश इल किंग’. अक्सर इसका इस्तेमाल पेमेंट के नए माध्यमों की आलोचना में किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि तकनीक कम पसंद करने वाले और पुराने जमाने के लोग कैश को वरीयता देते हैं. हालांकि नए आंकड़े इससे उलट तस्वीर पेश करते हैं. भले ही देश में डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ा है, लेकिन इसके साथ-साथ कैश का इस्तेमाल भी खूब बढ़ा है.
इतना बढ़ा है कैश का इस्तेमाल
ईटी की एक खबर में बैंकिंग लॉजिस्टिक्स एंड टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी सीएमएस इंफोसिस्टम्स के हवाले से बताया गया है कि देश में नोटबंदी के बाद से कैश का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. भारत में नवंबर 2016 में नोटबंदी की गई थी और तब 500 रुपये व 1000 रुपये के प्रचलित नोट को चलन से बाहर कर दिया गया था. उसके बाद डिजिटल पेमेंट को खासा बढ़ावा मिला है. नोटबंदी का एक उद्देश्य नकद लेन-देन को हतोत्साहित करना भी था. हालांकि आंकड़े बताते हैं कि नोटबंदी के बाद अब तक एटीएम से कैश निकासी में 235 फीसदी का उछाल आया है.
ये राज्य निकाल रहे एटीएम से ज्यादा कैश
आंकड़ों के अनुसार, नोटबंदी के 76 महीने बाद मार्च 2023 के अंत तक एटीएम से कैश निकासी का आंकड़ा 235 फीसदी बढ़कर 2.84 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. कंपनी ने कहा कि उसके द्वारा एटीएम में कैश भरे जाने में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 16.6 फीसदी की तेजी आई. महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य इस मामले में आगे हैं. एटीएम में डाले गए कुल कैश में इन राज्यों ने मिलकर 43 फीसदी से ज्यादा योगदान दिया.
इस तरह से बढ़ा है डिजिटल लेन-देन
दूसरी ओर इसके साथ-साथ डिजिटल लेन-देन में जबरदस्त तेजी रिकॉर्ड की गई है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को एक कार्यक्रम में इसकी जानकारी दी थी. आरबीआई गवर्नर के अनुसार, साल 2016 में जहां देश भर में हर रोज करीब 2.28 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हो रहे थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 38 करोड़ के पास पहुंच गई है. अभी देश में हर रोज औसतन 37.75 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हो रहे हैं और इनमें यूपीआई (UPI) की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है. अकेले यूपीआई के माध्यम से हर रोज करीब 29.5 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन पूरे किए जा रहे हैं.
ये आंकड़े बताते हैं कि भले ही नोटबंदी से लेकर नोटबदली के करीब 6 साल के दौर में डिजिटल लेन-देन खूब बढ़ा है, लेकिन कैश के इस्तेमाल में भी कमी नहीं आई है, बल्कि कैश में भी लेन-देन इस दौरान बढ़ा ही है.
ये भी पढ़ें: लो आ गई मंदी! आधिकारिक आंकड़ों ने कर दी पुष्टि, पहला शिकार बना यह देश
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)