आनंद महिंद्रा लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में नहीं, कहा-ये अर्थव्यवस्था के लिए 'आत्मघाती' होगा
दिग्गज उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने कहा है कि लॉकडाउन बढ़ाना देश की अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है. इसके लिए उन्होंने 'हाराकिरी' टर्म का इस्तेमाल किया है.

नई दिल्लीः महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन और देश के दिग्गज उद्योगपति आनंद महिंद्रा देश में लॉकडाउन की अवधि को और बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने इसके लिए एक टर्म का इस्तेमाल किया है और कहा है कि अगर लॉकडाउन को लंबी अवधि के लिए बढ़ाया जाता है तो ये आर्थिक 'हारा-किरी' यानी अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है.
कल कुछ लगातार ट्वीट के जरिए आनंद महिंद्रा ने अपनी ये बात रखी. अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 'अगर ज्यादा लंबे समय तक लॉकडाउन बढ़ा तो आर्थिक हारा-किरी का खतरा पैदा हो जाएगा. इकोनॉमी का चलते रहना और आगे बढ़ना लोगों की जीविका के लिए इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा तंत्र की तरह होता है. लॉकडाउन से लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. इसका सबसे ज्यादा नुकसान हमारे समाज के निचले तबके को पहुंचता है.'

क्या है हाराकिरी और इसका अर्थ क्या है जापान में लड़ाई में हारने वाले योद्धा बंदी बनाए जाने से बचने के लिए अपने ही चाकू को अपने पेट में घोंप कर आत्महत्या कर लेते थे और इस प्रथा को हाराकिरी कहा जाता था. आनंद महिंद्रा ने इस टर्म को अर्थव्यवस्था के लिए संभावित खतरे के रूप में बताते हुए लॉकडाउन को ज्यादा लंबे समय तक बढ़ाए जाने को आत्मघाती बताया है.
हालांकि उन्होंने लॉकडाउन को पूरी तरह से विफल भी नहीं बताया है और इसके सकारात्मक पहलुओं को उजागर करते हुए एक और ट्वीट में लिखा है कि 'लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन ने मदद नहीं की है. भारत ने अपनी सामूहिक लड़ाई में लाखों संभावित मौतों को टाला है. भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर मृत्यु की दर 1.4 है, जो 35 के वैश्विक औसत और अमेरिका 228 की दर की तुलना में काफी कम है. हमें लॉकडाउन से मेडिकल सेक्टर के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने का भी समय मिला है.

बता दें कि आनंद महिंद्रा पहले भी लॉकडाउन को बहुत ज्यादा लंबे समय तक जारी रखने के पक्ष में नहीं रहे हैं और उनके मुताबिक कर्मचारियों का दफ्तर जाकर काम करना वर्क फ्रॉम होम से हर स्थिति में बेहतर ही होता है.
आनंद महिंद्रा ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं और समय-समय पर अपने ट्वीट के जरिए देश की मौजूदा हालात पर लिखते रहते हैं. बता दें कि कल ही टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने भी एक ट्वीट किया था और कोरोना के संकटकाल में आंत्रप्रेन्योर्स की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उनके लिए संदेश लिखा था.
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Source: IOCL






















