अमेरिका-EU के साथ ट्रेड डील पर संभावित समझौते के बीच सरकार की तरफ से आया ये बड़ा बयान
India US Trade Deal: पीयूष गोयल का यह कड़ा संदेश उस समय आया है जब रूस से सस्ते कच्चे तेल की खरीद को लेकर ट्रंप प्रशासन और यूरोपीय यूनियन की तरफ से भारत पर दबाव डाला जा रहा है.

India EU Trade Deal: ऐसे समय में जब भारत की अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के साथ व्यापारिक समझौते को लेकर बातचीत चल रही है और जल्द ही इस पर मुहर लगने की उम्मीद है, केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार इस डील में किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं कर रही है. रायटर्स के मुताबिक, बर्लिन ग्लोबल डायलॉग के दौरान गोयल ने कहा कि यदि किसी व्यापारिक साझीदार देश की तरफ से कोई ऐसी शर्त थोपने की कोशिश की जाती है, जो भारत के व्यापार विकल्पों पर बाधा डालती हो, तो उसे खारिज कर दिया जाएगा.
पीयूष गोयल का कड़ा संदेश
गौरतलब है कि भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच लगातार मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) पर बातचीत चल रही है, लेकिन बाजार तक पहुंच और अन्य मुद्दों पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. यह बातचीत लंबे समय से जारी है.
पीयूष गोयल का यह कड़ा संदेश उस समय आया है जब रूस से सस्ते कच्चे तेल की खरीद को लेकर ट्रंप प्रशासन और यूरोपीय यूनियन की तरफ से भारत पर दबाव डाला जा रहा है. अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत का हाई टैरिफ लगाया है, जिसमें रूस से कच्चे तेल की खरीद के चलते 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ शामिल है.
भारत के ऊपर दबाव की कोशिश
पश्चिमी देशों का आरोप है कि भारत रूस से सस्ते तेल की खरीदारी करके यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में परोक्ष रूप से मदद कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे यह प्रतिबद्धता जताई है कि रूस से क्रूड ऑयल की खरीद में कटौती की जाएगी. हालांकि, भारत सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
दूसरी ओर, राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों Rosneft और Lukoil के खिलाफ प्रतिबंध लागू कर दिए हैं. इसके परिणामस्वरूप भारत और चीन को रूस से तेल की खरीद में कमी करने पर मजबूर होना पड़ सकता है.
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