अब स्टॉक चुनने के लिए होने लगा AI का इस्तेमाल, जानें मार्केट में ChatGPT की मदद से निवेश में कितना जोखिम?
ChatGPT: आज के समय में कम से कम 10 में से एक रिटेल निवेशक स्टॉक चुनने के लिए चैटबॉट का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे रोबो-एडवाइजरी मार्केट में गजब की तेजी आई है. हालांकि, यह एक हाई-रिस्क स्ट्रैटेजी है.

ChatGPT: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट ChatGPT के तीन साल पूरे होने वाले हैं. OpenAI के इस एआई टूल का इस्तेमाल अब बड़े पैमाने पर होने लगा है. यह इंसानों की भाषा समझ सकता है और उसका जवाब दे सकता है. एक तरह से इसने डिजिटल वर्ल्ड में एक क्रांति ला दी है. आलम यह है कि आज के समय में कम से कम 10 में से एक रिटेल निवेशक स्टॉक चुनने के लिए चैटबॉट का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे रोबो-एडवाइजरी मार्केट में गजब की तेजी आई है. हालांकि, खुद ChatGPT के फैन्स का ऐसा मानना है कि यह एक हाई-रिस्क स्ट्रैटेजी है, जो फिलहाल पारंपरिक वित्तीय सलाहकारों को रिप्लेस नहीं कर सकता है क्योंकि इसमें काफी जोखिम है.
रोबो-एडवाइजरी मार्केट के रेवेन्यू में तेज उछाल
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कोई भी स्टॉक चुक सकता है, उसे मॉनिटर कर सकता है और इन्वेस्टमेंट से जुड़ी एनालिसिस पा सकता है. यह सुविधा पहले बड़े बैंकों या इंस्टीट्यूश्नल इंवेस्टर्स के पास ही उपलब्ध थी. डेटा एनालिसिस फर्म रिसर्च एंड मार्केट्स के मुताबिक, रोबो-एडवाइजरी मार्केट का रेवेन्यू साल 2029 तक 470.91 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है, जो पिछले साल 61.75 बिलियन डॉलर था. यानी कि इसमें लगभग 600 परसेंट का उछाल आने वाला है. इसमें फिनटेक, बैंक और वेल्थ मैनेजर जैसी ऑटोमेटेड-एल्गोरिदम-ड्रिवेन वित्तीय सलाह देने वाली कंपनियां शामिल हैं.
एआई टूल का खूब होने लगा स्टॉक चुनने में इस्तेमाल
UBS के लिए लंबे समय तक कंपनियों का एनालिसिस करने वाले जेरेमी लेउंग पिछले साल से अपने मल्टी-एसेट पोर्टफोलियो के लिए स्टॉक का पता लगाने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके पास ब्लूमबर्ग (टर्मिनल) या इस तरह की मार्केट डेटा सर्विसेज की सुविधा नहीं है, जो कि काफी महंगी होती हैं. बतौर लेउंग, ''एक साधारण सा चैटजीपीटी टूल भी बहुत कुछ कर सकता है.'' साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि कईबार यह बेहद जरूरी एनालिसिस से चूक जाता है, जो पे-वॉल यानी कि पैसे वाली सर्विसेज आगे रहती हैं.
हालांकि, इस लिस्ट में लेउंग अकेले नहीं है, जो स्टॉक चुनने के लिए चैटजीपीटी टूल का इस्तेमाल कर रहे हैं. लगभग आधे रिटेल निवेशकों का कहना है कि वे भी चैटजीपीटी जैसे एआई टूल का इस्तेमाल स्टॉक्स चुनने के लिए करेंगे. दुनिया भर में 11,000 रिटेल निवेशकों का सर्वेक्षण करने वाले ब्रोकर ईटोरो की एक सर्वे के मुताबिक, कई रिटेल निवेशकों का कहना है कि वे ChatGPT या Google Gemini जैसे AI टूल का इस्तेमाल पोर्टफोलियो में स्टॉक चुनने या बदलने के लिए करेंगे. इनमें से 13 परसेंट पहले से ही इनका इस्तेमाल कर रहे हैं. ब्रिटेन में 40 परसेंट लोगों ने पर्सनल फाइनेंस एडवाइज के लिए चैटबॉट और एआई का इस्तेमाल किया है.
ChatGPT दे रहा चेतावनी
चैटजीपीटी खुद चेतावनी दे रहा है कि पेशेवर वित्तीय सलाह के लिए उस पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए. यूके में eToro के मैनेजिंग डायरेक्ट डैन मोक्ज़ुल्स्की ने कहा, "एआई मॉडल शानदार हो सकते हैं. जोखिम तब आता है जब लोग चैटजीपीटी या जेमिनी जैसे सामान्य मॉडलों को क्रिस्टल बॉल की तरह इस्तेमाल करते हैं." मोक्ज़ुल्स्की ने कहा कि मार्केट एनालिसिस के लिए खास तौर पर बनाए गए एआई-जनरेटेड प्लेटफॉर्म का ही इस्तेमाल करना सबसे अच्छा है क्योंकि सामान्य एआई मॉडल डेटा गलत बता सकते हैं या तारीखों के बारे में सही जानकारी नहीं दे सकता है. ऐसे में उन पर बहुत अधिक भरोसा नहीं किया जा सकता."
ये भी पढ़ें:
जारो एजुकेशन का IPO दूसरे ही दिन पूरा सब्सक्राइब, 29 सितंबर को खुलेगा फैबटेक टेक्नोलॉजीज का IPO
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























