अमेरिका से 50 प्रतिशत टैरिफ के बाद भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से क्रूड ऑयल की खरीदारी पर लगाया ब्रेक
Russian Crude Oil: स्पॉट मार्केट में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी सरकारी रिफाइनरी कंपनियों ने अक्टूबर से रूस से यूरेल्स क्रूड की खरीद नहीं करने का फैसला लिया है.

India Pause Russian Oil: अमेरिका की ओर से बढ़ते दबाव और लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के कारण भारतीय तेल कंपनियों पर भारी दबाव आ गया है. यही वजह है कि उन्होंने फिलहाल रूस से तेल खरीदने पर ब्रेक लगा दिया है. मॉस्को पर प्रतिबंधों के बावजूद भारतीय तेल कंपनियों द्वारा लगातार तेल खरीदारी को ट्रंप के इस कदम की वजह माना जा रहा है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पॉट मार्केट में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी सरकारी रिफाइनरी कंपनियों ने अक्टूबर से रूस से यूरेल्स क्रूड की खरीद नहीं करने का फैसला लिया है.
दवाब में तेल कंपनियां
रिफाइनर की तरफ से फिलहाल नए ऑर्डर से पहले सरकार के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है. हालांकि भारत की ओर से रूसी तेल की खरीद पर आधिकारिक रूप से कोई रोक नहीं लगाई गई है, फिर भी सरकार पूरी स्थिति की समीक्षा कर रही है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिफाइनर्स से कहा गया है कि यदि रूस से तेल न खरीदा जाए तो वे दूसरे विकल्पों पर ध्यान दें और गैर-रूसी तेल आपूर्तिकर्ताओं के बारे में जानकारी दें. कच्चे तेल की खरीद का निर्णय एक से डेढ़ महीने पहले लिया जाता है, ताकि रिफाइनर्स भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित कर सकें.
तेल के विकल्प की तलाश
गौरतलब है कि रूसी यूरेल क्रूड की अगस्त और सितंबर के लिए खरीद पहले ही की जा चुकी है, और ऐसा माना जा रहा है कि जब तक सरकार की ओर से कोई नया निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक सभी प्रक्रियाएं पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार ही चलेंगी. कुछ कार्गो पहले ही भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच चुके हैं, जबकि कुछ शिपमेंट में अभी देरी है.
इससे पहले भारतीय रिफाइनर्स ने जुलाई के आखिर में यूरेल्स क्रूड की कीमत में इजाफा होने की वजह से इसकी खरीदारी कम कर दी थी. इसके बाद वे दूसरे क्षेत्रों की तरफ रुख कर चुके हैं.
Source: IOCL























