सिंगर मीका सिंह बोले- अगर सिंगर नहीं बनता, तो क्रिकेट ही मेरा करियर होता
मीका सिंह ने खुलासा किया कि वह क्रिकेटर बनना चाहते थे, संगीतकार नहीं. वह घंटों क्रिकेट खेलते थे और उन्हें आउट करना मुश्किल था. हालांकि पारिवारिक माहौल और पिता की प्रेरणा से वे संगीत की ओर आकर्षित हुए.

पंजाबी और बॉलीवुड म्यूजिक के जाने-माने सिंगर मीका सिंह ने अपने करियर को लेकर एक ऐसा खुलासा किया है, जिसने उनके फैंस को चौंका दिया है. मीका ने बताया कि बचपन में उनका मन संगीत में नहीं, बल्कि क्रिकेट में रमता था. उन्हें बैट पकड़ते ही जैसे एक अलग ही ऊर्जा मिलती थी. दोस्तों और परिवारवाले तक मानते थे कि मीका बड़े होकर क्रिकेट की दुनिया में ही अपना नाम बनाएंगे.
घंटों बैटिंग प्रैक्टिस और अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने का जुनून
मीका ने बताया, “मैं बचपन से ही क्रिकेट का पागलपन लेकर बड़ा हुआ हूं. सुबह से शाम तक बैटिंग करता था. मेरा ध्यान सिर्फ यही होता था कि गेंद को कहां मारना है और कितने रन बनाने हैं.” वे हंसते हुए याद करते हैं, ''मोहल्ले के बच्चे मेरे साथ मैच खेलने से पहले ही सोच लेते थे कि आज आउट करना मुश्किल होगा. सच यह है कि मुझे कोई आउट ही नहीं कर पाता था. कई बार बॉलर्स खुद कहते थे, पाजी एक बार आउट हो जाओ, मैच आगे बढ़े.”
क्रिकेटर बनने का सपना, पर किस्मत का रास्ता अलग
हालांकि क्रिकेट ही उनका पहला प्यार था, लेकिन वक्त ने उन्हें एक अलग दिशा में मोड़ दिया. घर में होने वाले संगीत कार्यक्रम, पिता की प्रेरणा और बड़े भाई के साथ संगीत का माहौल उन्हें धीरे-धीरे स्टेज की तरफ ले गया. मीका कहते हैं, “क्रिकेट और म्यूजिक, दोनों में ही बहुत जुनून चाहिए. फर्क बस इतना है कि क्रिकेट के मैदान की जगह स्टेज ने मुझे अपनी ओर बुला लिया और मैं उसी सफर पर आगे बढ़ता गया.”
स्टेज पर मिला नया मैदान और नई पहचान
जैसे-जैसे मीका म्यूजिक में आगे बढ़ते गए, उन्हें एहसास होने लगा कि यही उनकी सही जगह है. स्टेज पर दर्शकों की तालियां, लोगों का प्यार और उनकी आवाज़ का असर सब मिलकर उन्हें एक अलग ही संतुष्टि देते थे. मीका मानते हैं कि जिस तरह क्रिकेट में शॉट की टाइमिंग अहम है, म्यूजिक में भी सुर की टाइमिंग और ताल उतनी ही जरूरी है. वे कहते हैं, “दोनों ही दुनिया में तालमेल ही असली जीत है.”
सोशल मीडिया पर फैन्स की गर्मजोशी से भरी प्रतिक्रियाएं
उनके इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर फैन्स लगातार कमेंट कर रहे हैं. एक फैन ने मजाक में लिखा, “मीका पाजी पहले पिच पर आग लगाते थे और फिर ‘सावन में आग लगाई’.” एक अन्य ने कहा, “अगर क्रिकेट चुनते तो टीम इंडिया के ‘नॉट आउट स्पेशलिस्ट’ बनते. लेकिन अच्छा हुआ आप सिंगिंग में आए, वरना हमारे प्लेलिस्ट अधूरे रह जाते.”
आज भी क्रिकेट के मैच देखकर लौट आता है वही जुनून
हालांकि संगीत ने उन्हें सुपरस्टार बनने का मौका दिया, लेकिन क्रिकेट आज भी उनके दिल के बहुत करीब है. मीका कहते हैं कि जब भी टीवी पर कोई बड़ा मैच आता है, तो उनके भीतर वही पुराना जोश और उत्साह जीवित हो जाता है. वे मानते हैं कि अगर वे सिंगर न बनते, तो संभवत: आज किसी आईपीएल टीम का हिस्सा होते या देश के लिए खेल रहे होते.

















