एक्सप्लोरर

Udaipur Murder Case: सभी "धर्मगुरु" सड़कों पर उतरकर क्यों नहीं करते शांति-भाईचारे की अपील?

हम भले ही उनके विचारों से नफ़रत करें या फिर तारीफ़ करें लेकिन बरसों पहले आचार्य रजनीश उर्फ ओशो ने जो कहा था, उसका जीता-जागता उदाहरण देश-दुनिया ने मंगलवार को राजस्थान के उदयपुर में हुई हैवानियत की घटना से देख लिया है.

ओशो ने कहा था कि "हमारे देश में इंसान को धार्मिकता नहीं सिखाई गई बल्कि उसकी आंखों पर धर्म के अंधविश्वास का ऐसा चश्मा पहना दिया गया, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी न तो अभी उतरा है और न ही उसे पहनने वाले इसे उतारने का हौंसला जुटा पाते हैं.अगर कोई दो-चार इसे उतारने की कोशिश करते भी हैं, तो आपके पंडित, मौलवी, ग्रंथी और पादरी उसे मजहब के नाम पर ऐसा डरा देते हैं, मानो वो दुनिया का सबसे बड़ा पाप कर रहा हो. इसीलिये मैं कहता हूं कि भारत में कोई मनुष्य नहीं है. कोई हिन्दू है, कोई मुसलमान, कोई सिख तो कोई ईसाई है. धर्म के नाम पर नफ़रत और आपसी भेदभाव ही बढ़े हैं. नतीजा यह है कि आज धर्म पहले है, मनुष्य और उसकी मनुष्यता बाद में. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो दुनिया में हमारी गिनती उस देश में होगी, जहां धर्म के नाम पर सबसे अधिक नफ़रत न सिर्फ फैलाई जाती है, बल्कि कुछ ताकतें उसे पालने-पोसने की ताक में भी रहती हैं."

मजहब के नाम पर नफ़रत फैलाने का जो भयानक मंजर हमें उदयपुर में देखने को मिला, उसने हम सबको अफगानिस्तान के तालिबानी शासन की याद दिला दी. ये भी तय है कि ऐसी वीभत्स व रौंगटे खड़े कर देने वाली इस दर्दनाक घटना पर सियासत के तन्दूर में रोटियां भी सेंकी जाएंगी, जो हर बार सेंकी जाती रही हैं. हालांकि पुलिस ने दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लेने का दावा किया है. लेकिन ऐसे नाजुक माहौल में सभी धर्म गुरुओं का ये पहला फ़र्ज़ बनता है कि वे सड़कों पर निकलें और लोगों से शांति व आपसी भाईचारा कायम रखने की मार्मिक अपील करें.

ये सिर्फ उदयपुर या राजस्थान में ही आखिर क्यों होना चाहिये? कुछ अलगाववादी ताकतें पूरे देश में एक-दूसरे के धर्म के खिलाफ नफ़रत का जो माहौल बनाने की कोशिश में लगी हैं, उसे देखते हुए तो देश के हर जिले में अमन-भाईचारा बरकरार रखने की अपील करने की पहल सभी धर्म गुरुओं को खुद ही करनी चाहिए. इसके लिए उन्हें किसी राज्य सरकार या प्रशासन के निर्देश या अनुरोध का इंतज़ार करना चाहिए. याद रखिये कि आतंक फैलाने वालों का न कोई मज़हब होता है, न जाति. उनका मकसद सिर्फ एक ही होता है कि वे अपने मंसूबों को पूरा करने में कितनी ज्यादा कामयाबी हासिल कर सकें.

लेकिन इसके साथ ही हमें ये भी समझना होगा कि किसी खास मज़हब के दो सिरफिरे दरिंदों की इस हरकत के लिए उस पूरी कौम को कसूरवार नहीं ठहराया जा सकता. उदयपुर छोड़िये, देश की राजधानी में जो मुस्लिम कारोबारी हिन्दू बहुल इलाकों में अपना रेस्तरां चलाते हैं, वे खुद इस घटना के बाद से डर गए हैं. हो सकता है कि ये जानकर आप थोड़ा हैरान हो जाएं कि पुरानी दिल्ली के मुगलई खाने के असली स्वाद का जायका देने वाले ऐसे रेस्तरां दक्षिण व पश्चिम दिल्ली के कई इलाकों में हैं, जिनके मालिक तो मुस्लिम हैं लेकिन उनके 99 फीसदी ग्राहक हिन्दू हैं. वे कहते हैं कि हमें मुसलमानों की सियासत से जरा भी वास्ता नहीं है क्योंकि कारोबार और सियासत एक साथ कभी नहीं चल सकते. लेकिन उदयपुर में हुई इस हैवानियत के मंज़र ने हमें भी हिलाकर और डराकर रख दिया है. यकीनन वे इस्लाम को आगे बढ़ाने वाले इंसान नहीं, बल्कि हैवानियत के ऐसे दरिंदे हैं, जिन्हें दोज़ख भी नसीब न हो.

गनीमत ये है कि राजस्थान पुलिस ने अपनी मुस्तैदी से कुछ घंटों बाद ही दोनों मुख्य आरोपियों को दबोचकर मज़हबी नफरत की इस चिंगारी को शोला बनने से रोकने की कोशिश की है. लेकिन खतरा अभी टला नहीं है क्योंकि अगर ये मामूली हत्या नहीं बल्कि एक आतंकी घटना है, तो जाहिर है कि वे ताकतें चुप नहीं बैठेगीं बल्कि इसे दोहराने की हर मुमकिन कोशिश करेंगी.

लिहाजा,सरकार और सुरक्षा एजेंसियां तो ऐसी घटनाओं को रोकने की हर संभव कोशिश करेंगी ही लेकिन देश की सदियों पुरानी गंगा-जमुनी तहजीब को जिंदा रखने के लिए हमारे सभी धर्मों के कर्ताधर्ता अगर इतने ही फिक्रमंद हैं, तो उन्हें अपने तमाम अहंकार को ताक पर रखकर और हाथ में हाथ मिलाकर सड़कों पर उतरने से भला इतना परहेज़ ज्यों है?


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

NEET UG Result 2024: 'गड़बड़ी करने वालों को बख्शेंगे नहीं', NEET मामले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लगा दी NTA की क्लास, जानें क्या कहा
'गड़बड़ी करने वालों को बख्शेंगे नहीं', NEET मामले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लगा दी NTA की क्लास, जानें क्या कहा
महाराष्ट्र में NDA को क्यों मिली कम सीटें? रामदास अठावले ने किया ये दावा
महाराष्ट्र में NDA को क्यों मिली कम सीटें? रामदास अठावले ने किया ये दावा
Father's Day 2024: फादर्स डे पर Sara की पिता Saif Ali Khan के साथ दिखी स्पेशल बॉन्डिंग, तस्वीरें शेयर कर बोलीं - ‘पार्टनर इन क्राइम’
फादर्स डे पर सारा की पिता सैफ अली खान के साथ दिखी स्पेशल बॉन्डिंग
'बाबर आजम को टी20 नहीं खेलना चाहिए, हमेशा टुक-टुक...', भारतीय दिग्गज ने लगाई लताड़
'बाबर आजम को टी20 नहीं खेलना चाहिए, हमेशा टुक-टुक...', भारतीय दिग्गज ने लगाई लताड़
metaverse

वीडियोज

When your Father is your Colleague , Father’s Day Specialचुनाव परिणाम के 11 दिन बाद फिर EVM को लेकर सियासत हुई तेज | PM Modi | Rahul GandhiBJP-RSS Issues: BJP और RSS में वाकई आईं दूरियां ? | ABP News | Mohan Bhagwat | Yogi | UP NewsHeatwave in North India : भयंकर गर्मी से लोगों का हाल हुआ बेहाल, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
NEET UG Result 2024: 'गड़बड़ी करने वालों को बख्शेंगे नहीं', NEET मामले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लगा दी NTA की क्लास, जानें क्या कहा
'गड़बड़ी करने वालों को बख्शेंगे नहीं', NEET मामले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लगा दी NTA की क्लास, जानें क्या कहा
महाराष्ट्र में NDA को क्यों मिली कम सीटें? रामदास अठावले ने किया ये दावा
महाराष्ट्र में NDA को क्यों मिली कम सीटें? रामदास अठावले ने किया ये दावा
Father's Day 2024: फादर्स डे पर Sara की पिता Saif Ali Khan के साथ दिखी स्पेशल बॉन्डिंग, तस्वीरें शेयर कर बोलीं - ‘पार्टनर इन क्राइम’
फादर्स डे पर सारा की पिता सैफ अली खान के साथ दिखी स्पेशल बॉन्डिंग
'बाबर आजम को टी20 नहीं खेलना चाहिए, हमेशा टुक-टुक...', भारतीय दिग्गज ने लगाई लताड़
'बाबर आजम को टी20 नहीं खेलना चाहिए, हमेशा टुक-टुक...', भारतीय दिग्गज ने लगाई लताड़
Om Prakash Rajbhar: '2027 विधानसभा चुनाव तक बना लेंगे वो पॉवर कि...', ओपी राजभर के इस बयान ने बढ़ा दी बीजेपी की टेंशन
'2027 विधानसभा चुनाव तक बना लेंगे वो पॉवर कि...', ओपी राजभर के इस बयान ने बढ़ा दी बीजेपी की टेंशन
रेलयात्रा में होगी आसानी, इस साल ट्रैक पर दौड़ सकती हैं 50 अमृत भारत ट्रेनें
रेलयात्रा में होगी आसानी, इस साल ट्रैक पर दौड़ सकती हैं 50 अमृत भारत ट्रेनें   
खाने के बाद सौंफ खाने के फायदे या नुकसान? जान लें जवाब
खाने के बाद सौंफ खाने के फायदे या नुकसान? जान लें जवाब
Bakrid 2024: बकरीद पर कुर्बानी के लिए कितनी हो बकरे की उम्र, जानिए फर्ज-ए-कुर्बानी के नियम
बकरीद पर कुर्बानी के लिए कितनी हो बकरे की उम्र, जानिए फर्ज-ए-कुर्बानी के नियम
Embed widget