एक्सप्लोरर

बेबाक CJI ने आखिर क्यों बोला कि हम पर नहीं है सरकार का दबाव?

विपक्षी दलों के तमाम राजनीतिक आरोपों के बीच सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बड़ा बयान देकर मोदी सरकार को क्लीन चिट दी है, जिसे बेहद अहम माना जा रहा है. उन्होंने साफ लहजे में कहा है कि न्यायपालिका पर सरकार का कोई दबाव नहीं है. सियासी लिहाज़ से देखें तो मौजूदा माहौल में सरकार के लिए इससे बड़ा तमगा शायद कुछ और नहीं हो सकता. गौरतलब है कि जजों की नियुक्ति से संबंधित कॉलेजियम में बदलाव करने के मुद्दे पर बीते दिनों सरकार और न्यायपालिका  के बीच जिस तरह के मतभेद उभरे थे, उसे मद्देनजर रखते हुए चीफ जस्टिस के इस बयान का खास महत्व माना जा रहा है. इसका दूसरा पहलू ये है कि अब विपक्ष संसद के भीतर या बाहर सरकार को ये कहते हुए कटघरे में नहीं खड़ा कर सकता कि वह जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया बदलने के लिए न्यायपालिका पर कोई दबाव डाल रही है. इसलिए कि सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी के नेता अब इसे विपक्ष के खिलाफ एक औजार के रूप में इस्तेमाल करेंगे.

हालांकि चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ हर अहम मसले पर अपनी बेबाक राय रखने के लिए मशहूर हैं. शनिवार को इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में भी उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर अपनी राय जाहिर की है. जब उनसे दबाव को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब भी बेबाकी से देने में कोई कोताही नहीं बरती. CJI ने कहा, ' एक जज के रूप में, मेरे 23 सालों के करियर में किसी ने मुझे यह नहीं बताया कि किसी केस का फैसला कैसे किया जाए.'  चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के मामले में आया फैसला इस बात का सबूत है कि न्यायपालिका पर कोई दबाव नहीं है. चुनाव आयोग का फैसला एक अहम फैसला है. कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका का काम पूरी तरह से अलग है. ये हम पर दबाव नहीं डाल रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही सीजेआई इसका जिक्र करना नहीं भूले कि हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं, जहां सोशल मीडिया के कारण लोगों का सार्वजनिक संस्थानों के प्रति अविश्वास हो गया है. फिर भी इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि पिछले 70 वर्षों में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका ने एक दूसरे पर दबाव डाले बिना अलग-अलग काम किया है.

कॉलेजियम (Collegium) सिस्टम पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू के बयानों से से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए भी उन्होंने अपनी न्यायिक परिपक्वता की मिसाल पेश करते हुए कहा कि मैं कानून मंत्री के साथ मुद्दों में नहीं उलझना चाहता हूं, हमारी धारणाओं में अंतर है. इसमें कुछ गलत नहीं है.  बता दें कि कानून मंत्री किरेन रिजिजू कॉलेजियम प्रणाली के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं. बीते दिनों उन्होंने ये भी कहा था कि कुछ जज ऐसे हैं जो Activist हैं और भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं जो न्यायपालिका को विपक्षी दलों की तरह सरकार के खिलाफ करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट जाते हैं और कहते हैं कि सरकार पर लगाम लगाएं. ये तो नहीं हो सकता.न्यायपालिका किसी समूह या राजनीतिक संबद्धता का हिस्सा नहीं हैं. 

किरेन रिजिजू ने ये भी कहा था कि ये लोग खुले तौर पर कैसे कह सकते हैं कि भारतीय न्यायपालिका को सरकार का सामना करना चाहिए. अगर जज ही प्रशासनिक नियुक्तियों का हिस्सा बन जाते हैं तो न्यायिक कार्य कौन करेगा. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि संविधान में लक्ष्मण रेखा बहुत स्पष्ट है.  शायद यही वजह थी कि कार्यक्रम में मौजूद लोग ये उम्मीद लगाये बैठे थे कि कानून मंत्री के बयान और दबाव से जुड़े सवाल पर चीफ जस्टिस कुछ ऐसा जवाब देंगे,जो सरकार के खिलाफ धमाका करने वाला हो सकता है. जाहिर है कि ये उम्मीद रखने वालों में विपक्षी नेताओं की संख्या ही अधिक थी, लेकिन सीजेआई ने बातों की जलेबी बनाये बगैर सीधे-साफ शब्दों में अपनी बात कहकर उनकी उम्मीदों पर पानी तो फेर दिया.पर साथ ही ये भी कह दिया कि अगर न्यायपालिका को स्वतंत्र रहना है तो इसे हमें बाहरी प्रभावों से बचाना होगा. 

न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली पर उन्होंने कहा कि हर प्रणाली दोषहीन नहीं होती, लेकिन यह एक बेहतरीन प्रणाली है, जिसे हमने विकसित किया है, लेकिन चीफ जस्टिस ने जजों के काम करने के तौर तरीकों और उनके छुट्टियां मनाने को लेकर आम लोगों में जो गलत धारणा बनी हुई है,उसे भी तोड़ने की कोशिश की है.उन्होंने विदेशों की सर्वोच्च अदालतों से तुलना करते हुए बताया कि भारत में सुप्रीम कोर्ट के जज साल में औसतन 200 दिन कोर्ट में बैठते हैं. उनकी छुट्टियां,मामलों के बारे में सोचने, कानूनों के बारे में पढ़ने में बीत जाती हैं. लोग हमें सुबह 10:30 बजे से शाम 4 बजे तक अदालत में बैठे हुए देखते हैं. सीजेआई ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में हर दिन 40 से 60 के बीच मामले निपटाते हैं. अगले दिन आने वाले मामलों के लिए तैयार रहने के लिए, हम शाम को उतना ही समय पढ़ने में लगाते हैं. शनिवार को आम तौर पर सुप्रीम कोर्ट के प्रत्येक जज निर्णय सुनाते हैं. रविवार के दिन हम सब बैठकर सोमवार के लिए पढ़ाई करते हैं.इसलिये ये मानना होगा कि बिना किसी अपवाद के, सुप्रीम कोर्ट का हर जज सप्ताह में सात दिन काम करता है.  

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Loksabha Election 2024: चुनाव से पहले कोहराम..जल रहा नंदीग्राम | Mamata Banerjee |  West BengalLoksabha Election 2024: बुजुर्ग मां-बाप...केजरीवाल..और कैमरा ! Delhi Police | PM Modi | KejriwalLoksabha Election 2024: सबसे बड़ा रण...कौन जीतेगा आजमगढ़ ? Dinesh Lal Nirahua | Dharmendra YadavAAP और कांग्रेस साथ, इंडिया गठबंधन को वोट की बरसात या फिर बीजेपी को 7 में 7? KBP Full

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Embed widget