एक्सप्लोरर

औरतों की सेफ्टी के लिए ही...शौचालय बनवाइए

औरतों की मुक्ति कहीं नहीं हैं. जब घर की चारदीवारी में ही नहीं है तो बाहर कहां होगी? हाल ही एक स्टडी हुई है जिसमें कहा गया है कि खुले में शौच करने वाली महिलाओं का यौन शोषण होने की आशंका ज्यादा होती है. घरों के शौचालयों का इस्तेमाल करने वाली औरतों से करीब दो गुना अधिक. यह अध्ययन मिशिगन यूनिवर्सिटी की एक भारतीय रिसर्चर ने किया है. हालांकि यह समझने के लिए किसी अध्ययन की बहुत अधिक जरूरत नहीं. महिलाएं यूं भी रात-बिरात बाहर निकलने में सुरक्षित नहीं हैं. फिर खुले में शौच का समय तो मुंह अंधेरे या रात के सन्नाटे में ही चुना जाता है. ऐसा नहीं है कि खुले में शौच सिर्फ हमारे देश की सच्चाई है. भारत सहित दुनिया के करीब 10 देश इस सामाजिक कुरीति का शिकार हैं. डब्ल्यूएचओ के आंकड़े कहते हैं कि इंडोनेशिया, पाकिस्तान, इथियोपिया, नाइजीरिया, सूडान, नेपाल, चीन, नाइजर, बुर्किना फासो, मोजांबीक और कंबोडिया जैसे देशों में भी लाखों लोग खुले में शौच करने के आदी हैं. लेकिन भारत में यह प्रवृत्ति सबसे अधिक है. दुनिया भर में जितने भी लोग खुले में शौच करते हैं, उनमें से 60 परसेंट भारत में रहने वाले हैं. इसमें से गांवों में 65 परसेंट लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं. 63 लाख से अधिक लोगों को अगर इन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है तो इसके अपने नुकसान भी हैं. जैसे खुले में शौच की मजबूरी के कारण छोटे बच्चों में डायरिया होने की आशंका सबसे अधिक होती है जिसके कारण हर साल लगभग दो लाख बच्चों की मृत्यु हो जाती है. यह डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ के आंकड़े कहते हैं. लेकिन तकलीफ सिर्फ यहीं आकर नहीं रुकती. औरतों को इसके कारण अपमान और यौन शोषण का भी शिकार होना पड़ता है. यूनिसेफ के आंकड़े यह भी कहते हैं कि 50 परसेंट बलात्कार के मामले तब होते हैं जब औरतें मुंह अंधेरे शौच के लिए निकलती हैं. ऐसे दूसरे अध्ययन भी हुए हैं जिनमें कहा गया है कि जिन औरतों को घरों में शौचालयों की सुविधा नहीं मिलती, उनके यौन शोषण के शिकार होने की आशंका तब अधिक होती है जब वे पब्लिक वॉशरूम या खुले मैदान के लिए निकलती हैं. ऐसा नहीं है कि स्थितियों में सुधार नहीं हुआ है. सरकारी और निजी प्रयासों से इस सामाजिक बर्ताव में कुछ कमी जरूर आई है. स्वच्छ भारत मिशन जैसे अभियान ने लोगों को नए सिरे से सोचने पर मजबूर किया है. 1990 से अब तक खुले में शौच करने की प्रवृत्ति में 31 परसेंट की कमी आई है. लेकिन अब भी देश की 30 करोड़ औरतों और लड़कियों के पास इसके अलावा कोई चारा नहीं है कि वे खुले मैदान, खेतों या रेलगाड़ी की पटरियों पर शौच के लिए जाएं.. और मर्दों की दुश्वारियों का शिकार बनें. मासिक धर्म के दौरान उन्हें किस परेशानी से गुजरना पड़ता है, यह सोचना भी बड़ा मुश्किल है. मिशिगन यूनिवर्सिटी की स्टडी से पहले वॉटरएड और डीएफआईडी की एक रिसर्च ने भी यही बात दोहराई थी. सैनिटेशन एंड हाईजीन एप्लाइड रिसर्च ऑफ इक्वालिटी के लिए दिल्ली के स्लम्स में रहने वाली औरतों से बातचीत की गई थी. इसमें कितनी ही औरतों और लड़कियों ने यह बताया था कि पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बावजूद कई बार उन्हें परेशान किया जाता है. कितनी बार लोग छिप-छिपकर उन्हें ताकते हैं. इसके साथ ही, कई बार पब्लिक टॉयलेट्स में लाइट और मजबूत दरवाजे नहीं होते. कई बार दरवाजों पर चिटकिनी नहीं होती. कहीं पानी नहीं होता. ऐसे में इन टॉयलेट्स का इस्तेमाल करने से डर लगता है और यह हाइजीनिक भी नहीं होता. औरतों ने इस समस्या का समाधान करने के लिए क्या रास्ता निकाला है. कई बार वे रात को बहुत कम खाना खाती हैं. कई बार पानी पीने से परहेज करती हैं ताकि बार-बार टॉयलेट न जाना पड़े. इससे उनके पेट में तकलीफ होती है- दूसरी तरह की परेशानियां होती हैं. एक रास्ता संगी तलाशने का भी है. गांवों या स्लम्स में औरतें ग्रुप में शौच के लिए बाहर निकलती हैं. पहले सहेलियों, रिश्तेदार महिलाओं को जुटाती हैं- फिर खुले मैदान या खेतों में जाती हैं. बहनापा उन्हें किसी मुसीबात से बचाएगा- यह सोचती हैं. एक दूसरे के साथ निकलती हैं तो हंसी-ठिठोली होती है. समय कट जाता है, इसीलिए सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि कई बार औरतें और लड़कियां शौच के लिए बाहर जाना ही पसंद करती हैं. यह समय उनका अपना होता है, जब वह घर की चारदीवारी से बाहर निकल पाती हैं. लेकिन औरत के लिए पब्लिक स्पेस भी सुरक्षित कहां हैं! वह भी देर-सबेर. इसीलिए यह सिर्फ बहानेबाजी है. इतना तो हुआ है कि सरकार ने इस तरफ ध्यान देना शुरू किया है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रधानमंत्री ने भी कहा कि मंदिर बाद में, शौचालय पहले. गांवों में शौचालय बनाने पर काफी जोर दिया जा रहा है. इस सराहनीय कदम के बावजूद शहरों और गांवों में अच्छे सीवेज सिस्टम्स की भी जरूरत है. हां, इस अभियान का सबसे ज्यादा लाभ भी औरतों को ही मिलने वाला है. उनकी सुरक्षा चाहिए तो कम से कम हर घर में शौचालय बनाया जाना बहुत जरूरी है. जब तक खुले में शौच की आदत पर विराम नहीं लगता, तब तक हम खुद को आधुनिक नहीं कह सकते. यह मानवीयता, आधुनिकता, टेक्नोलोजी की विफलता का सूचक तो है ही, सरकारी वायदों की नाकामयाबी का प्रमाण भी है. वैसे यह सफलता भी अधूरी ही मानी जाएगी जब तक यौन शोषण के खिलाफ देश का कानून सख्त नहीं होगा. तमाम चोर दरवाजे बंद नहीं किए जाएंगे. लेकिन तब तक कम से कम औरतों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए इतना तो किया ही जा सकता है. (*यह लेखक के निजी विचार हैं)
View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

ट्रंप ने जिस तानाशाह को बताया था फ्रेंड, उसने कर दिया बड़ा ऐलान, अमेरिका की बढ़ा दी टेंशन!
ट्रंप ने जिस तानाशाह को बताया था फ्रेंड, उसने कर दिया बड़ा ऐलान, अमेरिका की बढ़ा दी टेंशन!
यूपी: SIR में कटे 2.89 करोड़ नाम, 14 दिनों में जुड़े सिर्फ 2 लाख वोटर्स, कब आएगा फाइनल ड्राफ्ट?
यूपी: SIR में कटे 2.89 करोड़ नाम, 14 दिनों में जुड़े सिर्फ 2 लाख वोटर्स, कब आएगा फाइनल ड्राफ्ट?
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात
DSP दीप्ति शर्मा ने रच डाला इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय गेंदबाज बनीं
DSP दीप्ति शर्मा ने रच डाला इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय गेंदबाज बनीं
ABP Premium

वीडियोज

Sansani:फोन की घंटी बजी...और बीवी गायब हो गई | Crime News
BMC Election 2026: BMC की जंग अब हिजाब पर? AIMIM के दावे से बढ़ा विवाद | owaisi | ABP News
ABP Report:  ब्राह्मण 'सहभोज'... BJP का डोज! | Brahmin Vs Thakur | CM Yogi
Janhit with Chitra Tripathi: मस्जिद में पत्थर की 'प्रयोगशाला' | Jaipur Stone Pelting | Chomu
Bharat Ki Baat: 'पंडित पॉलिटिक्स' से क्यों परेशान BJP? | Brahmin Vs Thakur | CM Yogi | Akhilesh

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
ट्रंप ने जिस तानाशाह को बताया था फ्रेंड, उसने कर दिया बड़ा ऐलान, अमेरिका की बढ़ा दी टेंशन!
ट्रंप ने जिस तानाशाह को बताया था फ्रेंड, उसने कर दिया बड़ा ऐलान, अमेरिका की बढ़ा दी टेंशन!
यूपी: SIR में कटे 2.89 करोड़ नाम, 14 दिनों में जुड़े सिर्फ 2 लाख वोटर्स, कब आएगा फाइनल ड्राफ्ट?
यूपी: SIR में कटे 2.89 करोड़ नाम, 14 दिनों में जुड़े सिर्फ 2 लाख वोटर्स, कब आएगा फाइनल ड्राफ्ट?
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात
DSP दीप्ति शर्मा ने रच डाला इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय गेंदबाज बनीं
DSP दीप्ति शर्मा ने रच डाला इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय गेंदबाज बनीं
Salman Khan Birthday: एक्शन, रोमांस और जबरदस्त डायलॉग्स, सलमान खान ने खास अंदाज से हिट कराई फिल्में
एक्शन, रोमांस और जबरदस्त डायलॉग्स, सलमान खान ने खास अंदाज से हिट कराई फिल्में
'जो भी भगोड़े हैं, हम उन्हें वापस लाएंगे', विजय माल्या और ललित मोदी के वायरल वीडियो पर MEA का रिएक्शन
'जो भी भगोड़े हैं, हम उन्हें वापस लाएंगे', विजय माल्या और ललित मोदी के वायरल वीडियो पर MEA का रिएक्शन
वर्दी के सितारों में छुपी पहचान, पुलिस की यूनिफॉर्म कैसे बताती है रैंक और रुतबा; जानें डिटेल्स
वर्दी के सितारों में छुपी पहचान, पुलिस की यूनिफॉर्म कैसे बताती है रैंक और रुतबा; जानें डिटेल्स
खुद की एयरलाइन शुरू करने के लिए कहां-कहां से लेनी होती है NOC, जान लीजिए पूरा प्रोसीजर
खुद की एयरलाइन शुरू करने के लिए कहां-कहां से लेनी होती है NOC, जान लीजिए पूरा प्रोसीजर
Embed widget