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BLOG: तेजस्वी इस्तीफा दे देते तो भी नीतीश महागठबंधन से अलग हो जाते!

अगर तेजस्वी यादव बिहार के उप मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे देते तो क्या महागठबंधन की सरकार बच जाती? दिल्ली से लेकर पटना तक सब इसी सवाल का जवाब ढूँढ रहे हैं. जितने मुँह उतनी बातें हो रही हैं.
सच यही है जिस दिन बिहार मे जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस की मिली जुली सरकार बनी थी उसी दिन से इसकी उल्टी गिनती भी शुरू हो गई थी. अब चाहे नेता लोग जो भी कहें मैं तो कम से कम किसी भ्रम में नहीं था.
इस बात को समझने के लिए हमें पहले करीब बीस महीने पहले फ़्लैश बैक में जाना पड़ेगा. 9 नवंबर 2015 की बात है. एक दिन पहले बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए थे. दोपहर का वक़्त था, मैं नीतीश जी के घर पहुँचा. उन दिनों वे 7 सरकुलर रोड के बंगले पर रहते थे.
नीतीश अपनी कोर टीम के साथ बैठे हुए थे. उनकी बायीं ओर प्रशांत किशोर थे. बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ तो नीतीश कुमार बोले, "अब जब हम साथ साथ नहीं हैं तो एक बात तो दावे के साथ कह सकता हूं, बीजेपी से बेहतर कोई सहयोगी दल नहीं हो सकता है. हम इतने साल सरकार में साथ रहे लेकिन कभी लगा नहीं कि ये गठबंधन की सरकार है."
मुझे उसी दिन लग गया था लालू यादव और नीतीश कुमार का साथ टिकाऊं नहीं है. ये रिश्ता तो बस मजबूरी का है. दोनों नेताओं के बीच कुछ भी कॉमन नहीं हैं और आख़िरकार यही हुआ.
नीतीश तो लगातार अलग होने के संकेत देते रहे थे लेकिन न तो लालू उन्हें समझ पाए और न ही राहुल गांधी. नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर राष्ट्रपति के चुनाव तक नीतीश कुमार का लालू यादव से अलग स्टैंड रहा.
अब राहुल गांधी कह रहें कि तीन महीने से बीजेपी के साथ नीतिश कुमार खिचड़ी पका रहे हैं. आखिर वे (राहुल) हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठे रहे. लालू यादव भी वही बोली बोल रहे हैं. रांची में लालू बोले कि "ये सब छह महीने से चल रहा था, बीजेपी के साथ नीतीश का मैच फिक्सड था."
सच तो यही है कि नीतिश कुमार बहुत पहले ही अपना मन बना चुके थे. कब और कैसे अलग होना है सब तय था. बात सिर्फ़ टाइमिंग पर अटकी थी. तेजस्वी यादव ने वह वजह नीतिश को दे दी. अगर वे (तेजस्वी) इस्तीफा भी दे देते तो भी नीतीश वही करते जो उन्होंने किया. उनका स्वभाव ही ऐसा है.
नोट- उपरोक्त दिए गए विचार और आंकड़ें लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.
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