एक्सप्लोरर

BLOG: मनसे जैसी देशभक्ति करने का लाइसेंस कौन जारी करता है?

इन दिनों कुछ लोग छद्म देशभक्ति के अथाह सागर में गोते लगा रहे हैं. इसकी आड़ में वे वह हर चीज़ नष्ट अथवा प्रतिबंधित कर देना चाहते हैं जो उन्हें पसंद नहीं है. किसी का पहनावा पसंद नहीं आया तो उस पर बैन, किसी का खान-पान पसंद नहीं आया तो उस पर बैन, किसी ने उनको हजम न होने वाली फिल्म या पेंटिंग बनाई या किताब लिख दी तो उस पर बैन! उड़ी हमले के बाद लोग पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर बनी फिल्मों पर अपनी देशभक्ति उतार रहे हैं.

सवाल यह है कि क्या यही सच्ची देशभक्ति है और देशभक्ति क्या साबुन की टिकिया की तरह प्रचारित करने की कोई चीज़ है? क्या ‘हम करें सो कायदा’ का रवैया अपना लेना देशभक्ति है या अपने मन में सोए हिटलर को जगाने का जज़्बा? आख़िर ऐसी देशभक्ति करने का ठेका किस विभाग से जारी होता है?

सवाल यह भी है कि जो किसान खेतों में काम करते हुए चुपचाप मातृभूमि की सेवा करता है, और पोस्टर-बैनर लगाकर इसका बखान नहीं करता फिरता, क्या वह देशभक्त नहीं है? जो सैनिक सीमा पर शहीद होकर आने वाली पीढ़ी को देश की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है लेकिन सोशल मीडिया पर इसका ढिंढोरा नहीं पीटता, क्या वह देशभक्त नहीं है? जो लोग रोज़ाना हांफते-दौड़ते काम की जगहों या दफ़्तरों के लिए ठंड, बारिश और धूप की परवाह किए बिना भागते हैं, क्या उनका काम देशभक्ति की किसी श्रेणी में नहीं आता?

क्या जो लोग यूपी-बिहार से रेलवे भर्ती की परीक्षा देने आए कल्याण रेलवे स्टेशन पर सो रहे निरीह युवकों को बेरहमी से पीटते हैं, वे देशभक्त हैं? क्या डोंबिवली में मराठी किसानों के ही खेतों में काम कर रहे ‘भैया’ लोगों के हाथ-पांव तोड़ने वाले देशभक्त हैं? क्या दादर और वर्ली में पहचान पूछकर ड्राइवरों और उनकी टैक्सियों का भुरकुस बना देने वाले देशभक्त हैं? क्या उत्तर-पूर्व के लोगों का दिल्ली या बंगलूरु में जीना हराम कर देने वाले देशभक्त हैं? क्या ‘आमार शोनार बांग्ला’ के जोम में लोगों को ट्रेन से उतार देने वाले देशभक्त हैं? क्या पेंटर एमएफ हुसैन को अघोषित देश निकाला देकर वतन से बाहर मरने को मजबूर कर देने वाले देशभक्त हैं? क्या असम से मैदानी इलाकों के मजदूरों का सफाया करने वाले देशभक्त हैं? क्या हिंदी के नाम पर समूचे उत्तर भारत का विरोध करने वाले देशभक्त हैं?

क्या सरकार के खिलाफ़ कार्टून बना देने वाले कलाकार पर देशद्रोह का मुक़दमा जड़ देने वाले देशभक्त हैं? क्या राष्ट्रगान के दौरान अपनी व्हील चेयर से न उठ पाने वाले अपाहिज को पीट-पीट कर अधमरा कर देने वाले देशभक्त हैं? क्या शहरों के पार्कों में अपने प्यार का इजहार करने बैठे युवक-युवतियों को थप्पड़ जड़ने वाले देशभक्त हैं? क्या अपने-अपने फ्रिंज इलीमेंटों को समाज तोड़ने वाले बयान जारी करने की छूट देने वाले देशभक्त हैं? क्या गोरक्षा के नाम पर निर्दोष लोगों की पिटाई करने तथा उन्हें जबरन गो-मूत्र पिलाने वाले देशभक्त हैं? क्या गोमांस के नाम पर घर में घुस कर किसी की हत्या करने वाले देशभक्त हैं? क्या पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर फिल्में बनाने वाले निर्माता-निर्देशकों और उन्हें अपने मल्टीप्लेक्सों में दिखाने की जुर्रत करने वाले इग्जीबिटरों को धमकने वाले देशभक्त हैं?

तथ्य यह है कि ये गिनती के मुट्ठी भर लोग होते हैं जो आगे चलकर समाज और राजनीति की मुख्यधारा पर काबिज़ हो जाते हैं. इन्हें सत्ताधारियों का वरदहस्त प्राप्त होता है. सरकारों की रणनीति होती है कि शाहूकार से कहो कि जागते रहो और चोर से कहो कि चोरी करो. हम किसी पार्टी के उद्भव और विकास की बात नहीं कर रहे लेकिन अगर मुंबई का उदाहरण लें तो शिवसेना कभी महज फ्रिंज एलीमेंट हुआ करती थी. लेकिन शिवसेना के उत्पात पर अंकुश लगाने की हिम्मत कांग्रेसी सरकारों ने कभी नहीं दिखाई. शिवसेना सुप्रीमो बालासाहब ठाकरे खुल कर कहते थे कि अगर कोई उन्हें हाथ लगाएगा तो समूचा महाराष्ट्र जल उठेगा. उन्हें जो बात पसंद नहीं आती थी उनके शिवसैनिक ‘शिवसेना स्टाइल’ में उसे निबटाते थे. शिवसेना स्टाइल का मतलब होता था गैर-मराठी लोगों को सरेआम मारना-पीटना, व्यापारियों और फिल्मवालों को धमकियां देना, विरोधियों के हाथ-पैर तोड़ देना, पत्रकारों को आतंकित करना, ऑफिसों को तहसनहस कर देना, अधिकारियों के मुंह पर कालिख मलना, पाकिस्तान के विरोधस्वरूप क्रिकेट मैदान की पिच खोद डालना इत्यादि.

BLOG: मनसे जैसी देशभक्ति करने का लाइसेंस कौन जारी करता है?

बालासाहेब का दौर बीतने के बाद आजकल हम ‘मनसे स्टाइल’ का नाम बहुत सुनते हैं. मनसे प्रमुख राज ठाकरे शिवसेना की संस्कृति से ही उत्पन्न हुए हैं. आश्चर्य की बात है कि राज ठाकरे के हर नहले पर दहला जड़ने वाली शिवसेना करण जौहर की फिल्म और पाक कलाकारों के बहिष्कार के मुद्दे पर मनसे से अधिक मुखर नहीं हुई. शिवसेना जानती है कि मराठी अस्मिता और हिंदुत्व के मुद्दे पर उसकी मनसे से ज्यादा गहरी पकड़ है और मनसे से कार्यकर्ताओं का मोहभंग जारी है. दूसरी तरफ भाजपा के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की रणनीति यह है कि ज़रूरत पड़ने पर वह शिवसेना के खिलाफ़ मनसे की बची-खुची ताक़त का इस्तेमाल अपने पक्ष में कर लेंगे. यह ठीक वैसा ही है जैसा कभी कांग्रेस वामपंथियों के खिलाफ़ शिवसेना का इस्तेमाल करने को लेकर सोचती थी और नरम रुख अपनाती थी.

मनसे के हिंदुत्व, भूमिपुत्र और पाकविरोध वाले एजेंडे से मराठी नवयुवकों के मुंह मोड़ लेने के कारण राज ठाकरे बौखलाहट में कभी महाराष्ट्र, ख़ास तौर पर मुंबई और इसके आस-पास उत्तर भारतीयों की पिटाई करवाते हैं, कभी टैक्सियों में तोड़फोड़ करवाते हैं, कभी अमिताभ बच्चन का अपमान करते हैं, कभी गैर-मराठी उद्योगपतियों को धमकियां देते हैं, कभी छठ पूजा का विरोध करते हैं तो कभी पाकिस्तानी ग़ज़ल सिंगर गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द करवा देते हैं. पिछले उदाहरणों ने उन्होंने यही सबक़ हासिल किया है कि वह जो भी करें उनका कोई कुछ नहीं कर सकता.

अभी उन्होंने पाक कलाकारों वाली फिल्मों को रिलीज न होने देने की जिद ठान कर फिल्म इंडस्ट्री की सांसें रोक दीं. राज ठाकरे को एनकेनप्रकारेण अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने और खुद के प्रखर देशभक्ति होने की छाती पीटकर मराठी वोटरों का पुनः दिल जीतने का फिलहाल यही उपाय नज़र आ रहा है. लेकिन जिस राजनीतिक दल को इतनी सी बात समझ में नहीं आती कि यूपी, बिहार और महाराष्ट्र किसी और देश के नहीं बल्कि भारत की ही हिस्से हैं तथा देश की रक्षा करने की जिम्मेदारी सेना के मजबूत कंधों पर है, उसकी दादागिरी सहने की बजाए चुनी हुई सरकार को तुरंत उसका स्थान दिखा देना चाहिए.

राजनीतिक लाभ के लालच में ऐसे फ्रिंज एलीमेंटों को नेस्तनाबूद न करना सरकारों की ईमानदारी और मंशा पर शक़ पैदा करता है. यहां मुद्दा किसी फिल्म के रिलीज होने या न होने देने तक सीमित नहीं है. ऐसी स्टाइल के सामने सरेंडर करना लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ समझौता करना होगा. संगठित गुंडों के बार-बार बच निकलने की सूरत में भारत के गली-मोहल्लों में भी ऐसे ‘हिटलरों’ के सर उठाते और उनके ‘भस्मासुर’ बनते देर नहीं लगेगी.

लेखक से ट्विटर पर जुड़ने के लिए क्लिक करें-  https://twitter.com/VijayshankarC

और फेसबुक पर जुड़ने के लिए क्लिक करें-  https://www.facebook.com/vijayshankar.chaturvedi

Note: ये लेखक के निजी विचार हैं, इससे एबीपी न्यूज़ का  कोई संबंध नहीं है.

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
IND vs SA 1st T20: इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज
इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज
ABP Premium

वीडियोज

20 लाख का 'मुर्दा दोस्त' !  मौत का Fixed Deposit | Sansani | Crime
Bengal Babri Masjid Row: काउंटिंग के लिए लगानी पड़ी मशीन, नींव रखने के बाद कहा से आया पैसा?
Vande Matram Controversy: विवादों में किसने घसीटा? 150 साल बाद गरमाया वंदे मातरम का मुद्दा...
Indian Rupee Hits Record Low: गिरते रुपये पर चर्चा से भाग रही सरकार? देखिए सबसे  सटीक विश्लेषण
Indigo Crisis:'अच्छे से बात भी नहीं करते' 6वें दिन भी इंडिगो संकट बरकरार | DGCA | Civil Aviation

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
IND vs SA 1st T20: इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज
इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज
Hollywood OTT Releases: इस हफ्ते OTT पर हॉलीवुड का राज, 'सुपरमैन' समेत रिलीज होंगी ये मोस्ट अवेटेड फिल्में-सीरीज
इस हफ्ते OTT पर हॉलीवुड का राज, 'सुपरमैन' समेत रिलीज होंगी ये फिल्में-सीरीज
UAN नंबर भूल गए हैं तो ऐसे कर सकते हैं रिकवर, PF अकाउंट वाले जान लें जरूरी बात
UAN नंबर भूल गए हैं तो ऐसे कर सकते हैं रिकवर, PF अकाउंट वाले जान लें जरूरी बात
Benefits of Boredom: कभी-कभी बोर होना क्यों जरूरी, जानें एक्सपर्ट इसे क्यों कहते हैं ब्रेन का फ्रेश स्टार्ट?
कभी-कभी बोर होना क्यों जरूरी, जानें एक्सपर्ट इसे क्यों कहते हैं ब्रेन का फ्रेश स्टार्ट?
Video: भीड़ में खुद पर पेट्रोल छिड़क प्रदर्शन कर रहे थे नेता जी, कार्यकर्ता ने माचिस जला लगा दी आग- वीडियो वायरल
भीड़ में खुद पर पेट्रोल छिड़क प्रदर्शन कर रहे थे नेता जी, कार्यकर्ता ने माचिस जला लगा दी आग- वीडियो वायरल
Embed widget