एक्सप्लोरर

आज़ादी के अमृत महोत्सव की मखमली कालीन पर लगा ये "पैबंद" कैसे होगा दूर?

हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, लेकिन कितनी हैरानी की बात है कि इन 75 सालों में भी देश में ग़रीबी की स्थिति में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं आया है. देश की करीब 22 फ़ीसदी आबादी यानी तकरीबन 27 करोड़ लोग आज भी गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी जीने को मजबूर हैं. 25 जुलाई को द्रोपदी मुर्मू देश के 15 वें राष्ट्रपति की शपथ लेंगी, जो इस पद पर बैठने वाली पहली आदिवासी महिला हैं, लेकिन ये जानकर ताज्जुब होगा कि देश में सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी वाला छत्तीसगढ़ ही सबसे ज्यादा गरीब राज्य है. आज़ादी के अमृत महोत्सव में देश की ये स्थिति किसी बदनुमा दाग से कम नहीं कही जा सकती.

इससे भी ज्यादा अफ़सोसजनक ये है कि देश में ग़रीबी की ये हालत 10 साल पहले की है. आज क्या स्थिति है, इसका कोई आंकड़ा सरकार ने नहीं जुटाया है. केंद्र सरकार ने लोकसभा में जो आंकड़े पेश किए हैं, उसके मुताबिक गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाली सबसे ज्यादा आबादी छत्तीसगढ़ की है. इस राज्य की 40 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रही है, जबकि राज्य में आदिवासियों की संख्या 30 प्रतिशत से ज्यादा है. जबकि झारखंड, मणिपुर, अरुणाचल, बिहार, ओडिशा, असम, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां की 30 फीसदी या उससे ज्यादा आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीती है.यानी, इन राज्यों में हर 10 में से तीसरा व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे आता है.

हमारी सरकार जो पैमाना तय कर रखा है, उसके अनुसार गांवों  में रहने वाला व्यक्ति 26 रुपए और शहर में रहना वाला व्यक्ति हर रोज अगर 32 रुपए भी खर्च नहीं कर पा रहा है तो वह गरीबी रेखा से नीचे माना जाएगा. यानी गांव में अगर कोई हर महीने 816 रुपये और शहर में 960 रुपये खर्च कर रहा है तो उसकी गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में जीने वाले शख्स की होगी.

दरअसल इसका खुलासा भी तब हुआ, जब एक सांसद ने देश की ग़रीबी रेखा के पैमाने और मौजूदा हालात को लेकर सरकार से सवाल पूछा था. लोकसभा में गरीबी रेखा से जुड़े सवाल पर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बताया कि देश की 21.9% आबादी गरीबी रेखा से नीचे है. यह आंकड़े 2011-12 के हैं. वह इसलिए कि उसके बाद से सरकार ने गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों का कोई हिसाब ही नहीं लगाया.

गौर करने वाली बात ये भी है कि देश  जब आजाद हुआ था, तब देश की करीब 80 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे मानी जाती थी. हालांकि आजादी मिलने के बाद गरीबी रेखा से नीचे अपनी जिंदगी गुजर करने वाली आबादी घटकर अब 22 फीसदी पर आ गई है, लेकिन अगर हम संख्या के लिहाज से देखें तो कोई खास अंतर नहीं आया है. देश की आजादी के वक्त करीब 25 करोड़ जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे थी, जो अब बढ़कर 26.9 करोड़ तक पहुंच गई है. हम आज़ादी के जिस अमृत महोत्सव का जश्न मना रहे हैं,वह एक मखमली कालीन की तरह है,जिस पर 'गरीबी' के टाट का पैबंद लगा हुआ है.इसलिये बड़ा सवाल है कि इस पैबंद को हमारी सरकार कैसे व कितनी जल्द दूर कर पायेगी? 

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

ED Action: अतीक की मौत के बाद भी नहीं ढीला पड़ा कानूनी शिकंजा, अब शाइस्ता के खिलाफ ED ने दर्ज किया केस
अतीक की मौत के बाद भी नहीं ढीला पड़ा कानूनी शिकंजा, अब शाइस्ता के खिलाफ ED ने दर्ज किया केस
CAA Rules: CAA के तहत पहली बार मिली नागरिकता, जानें कानून बनने से सर्टिफिकेट मिलने तक की एक-एक बात
CAA के तहत पहली बार मिली नागरिकता, जानें कानून बनने से सर्टिफिकेट मिलने तक की एक-एक बात
Neeraj Chopra: नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड, ओलंपिक में भारत का परचम लहराने की पूरी तैयारी
नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड, ओलंपिक में भारत का परचम लहराने की पूरी तैयारी
सैफ से अलग होने के बाद एक्स बहू अमृता से ऐसा बर्ताव करती थीं शर्मिला टेगौर, पोती सारा अली खान ने खोला राज
एक्स बहू अमृता से ऐसा बर्ताव करती थीं शर्मिला टेगौर, पोती सारा ने खोला राज
for smartphones
and tablets

वीडियोज

ये क्या कहा Gautam Khattar ने हिन्दू महिलाओं के बारे में Dharma LivePM Modi Exclusive Interview: आजादी से लेकर अल्पसंख्यकों के मुद्दे तक मोदी का बड़ा बयान | BreakingBreaking News: झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को ED ने किया गिरफ्तार | ED Arrested Alamgir AlamSanjay Nirupam Interview: 'कांग्रेस में लोगों की कद्र नहीं है..' - Congress छोड़ने पर बोले निरुपम

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
ED Action: अतीक की मौत के बाद भी नहीं ढीला पड़ा कानूनी शिकंजा, अब शाइस्ता के खिलाफ ED ने दर्ज किया केस
अतीक की मौत के बाद भी नहीं ढीला पड़ा कानूनी शिकंजा, अब शाइस्ता के खिलाफ ED ने दर्ज किया केस
CAA Rules: CAA के तहत पहली बार मिली नागरिकता, जानें कानून बनने से सर्टिफिकेट मिलने तक की एक-एक बात
CAA के तहत पहली बार मिली नागरिकता, जानें कानून बनने से सर्टिफिकेट मिलने तक की एक-एक बात
Neeraj Chopra: नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड, ओलंपिक में भारत का परचम लहराने की पूरी तैयारी
नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड, ओलंपिक में भारत का परचम लहराने की पूरी तैयारी
सैफ से अलग होने के बाद एक्स बहू अमृता से ऐसा बर्ताव करती थीं शर्मिला टेगौर, पोती सारा अली खान ने खोला राज
एक्स बहू अमृता से ऐसा बर्ताव करती थीं शर्मिला टेगौर, पोती सारा ने खोला राज
वाराणसी सीट से श्याम रंगीला का पर्चा खारिज, भावुक होकर कहा- 'राजनीति मेरे बस की बात नहीं'
श्याम रंगीला का पर्चा खारिज, भावुक होकर कहा- 'राजनीति मेरे बस की बात नहीं'
Periods: क्या गर्मी का असर पीरियड्स पर भी पड़ता है? जानिए क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
क्या गर्मी का असर पीरियड्स पर भी पड़ता है? जानिए क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
Mobile Tariff Hike: महंगा होगा मोबाइल टैरिफ! भारती एयरटेल बोली, टैरिफ को रिपेयर करने की जरूरत
महंगा होगा मोबाइल टैरिफ! भारती एयरटेल बोली, टैरिफ को रिपेयर करने की जरूरत
ठाकरे खानदान का ये चिराग राजनीति नहीं फिल्मी दुनिया में करने वाला है बड़ा धमाका, एक्टर बनने वाले पहले ठाकरे से मिलिए
ठाकरे खानदान का ये चिराग फिल्मी दुनिया में करने वाला है बड़ा धमाका
Embed widget