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क्या अमेरिका नहीं चाहता रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग जल्द खत्म हो जाए?

हमारे यहां पुरानी कहावत है कि किसी बुजुर्ग ने किसी युवक के कंधे पर हाथ रखते हुए अपने मन से अगर उसे आशीर्वाद दे दिया, तो समझ लीजिये कि उसने अपनी जिंदगी की आधी जंग तो ऐसे ही जीत ली. कुछ ऐसे ही नज़ारे की तस्वीर गुरुवार को व्हाइट हाउस से भी दुनिया को देखने को मिली. संसार की सुपर पावर कहलाने वाले अमेरिका के 80 बरस के राष्ट्रपति जोसेफ़ रॉबिनेट बाइडेन ने 44 वर्ष के यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेन्स्की के कंधों पर जिस आत्मविश्वास से हाथ रखा, उसमें एक बहुत बड़ा संदेश छुपा था, जो दरअसल सिर्फ रूस के लिए ही था. वह ये है कि यूक्रेन बेशक एक छोटा-सा और कमजोर देश है लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति उसके साथ खड़ी हुई है. इसलिये बाइडेन-जेलेन्स्की की हुई इस मुलाकात के बाद चिंता ये बढ़ गई है कि पिछले दस महीने से रूस और यूक्रेन की बीच चल रही इस जंग का अंत होगा भी या नहीं.

बता दें कि बीती 24 फरवरी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में 'स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन' का एलान कर दिया था, जिसके बाद यूक्रेन की राजधानी कीव समेत देश के अन्य हिस्सों में धमाकों की आवाजें सुनी गईं. उसके बाद से ही रूसी सेना ने यूक्रेन पर कब्ज़ा करने के अपने मकसद को अंजाम देना शुरू कर दिया था. बीते 10 महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्षों ने पुतिन को ये समझाने की कोशिश है कि दोनों मुल्कों के बीच विवाद का समाधान किसी जंग से नहीं बल्कि कूटनीति व संवाद के जरिये ही निकाला जाना चाहिये. पुतिन ने हर मंच से सबकी बातें सुनीं लेकिन कहते हैं कि उनकी फ़ितरत को कोई बदल नहीं सकता क्योंकि वे पुराने जासूस रहे हैं, इसलिये जो वे चाहेंगे, उसे पूरा करके ही मानेंगे.

पुतिन के अब तक के इरादे बताते हैं कि वे तमाम अंतराष्ट्रीय दबावों के बावजूद किसी भी सूरत में एक पिद्दी-से माने जाने वाले उस यूक्रेन के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं, जिसे वो एक देश मानने को ही तैयार नहीं हैं. इसलिये दुनिया के कूटनीतिक नक़्शे के लिहाज से जेलेन्स्की की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से हुई मुलाकात को इसलिए भी खास माना जा रहा है कि अमेरिका अब हर तरह से यूक्रेन के साथ खड़ा नजर आ रहा है. दो देशों के प्रमुखों की मुलाकात के प्रोटोकॉल के मुताबिक इस भेंटवार्ता के बाद दोनों ही देशों की तरफ से बयान भी जारी किए गए. इस दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने साफ किया कि वो कभी सरेंडर नहीं करेंगे. 

वहीं बाइडेन ने भी ये बात साफ लफ्जों में कहने में कोई देर नहीं लगाई कि अमेरिका का पूरा फोकस युद्ध के मैदान में यूक्रेन की मदद करना है. एक तरह से अमेरिका ने रूस को एक बार फिर कड़ा संदेश देते हुए जेलेंस्की का खुलकर स्वागत किया और कहा कि यूक्रेन कभी भी अकेला नहीं रहेगा. इतना ही नहीं, बाइडेन ने यूक्रेन को 1.85 अरब डॉलर की मदद देने का भी एलान किया. इस दौरान अमेरिकी सांसदों ने जेलेंस्की का खड़े होकर स्वागत किया और उनके लिए खूब तालियां भी बजाई गईं. जेलेंस्की से मुलाकात के बाद जो बाइडेन ने अमेरिका की तरफ से अपना बयान जारी करते हुए कहा, हम बिल्कुल समान दृष्टि साझा करते हैं और हम दोनों चाहते हैं कि यह युद्ध समाप्त हो. संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी यूक्रेन को युद्ध के मैदान में सफल होने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. ताकि जब राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की रूसियों से बात करने के लिए तैयार हों, तो वे भी सफल हो सकें क्योंकि वे युद्ध के मैदान में जीत चुके होंगे. इस दौरान बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को तीन बार Wrong कहकर बुलाया. 

इस मुलाकात के बाद जेलेंस्की ने भी यूक्रेन की तरफ से बयान जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत का फोकस यूक्रेन को और मजबूत करना था. मैं घर जा रहा हूं तो मेरे पास एक अच्छी खबर है, क्योंकि अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को पैकेज दिया गया है. इससे यूक्रेन के एयरस्पेस को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी. इस पैकेज के बाद हम आतंकी देश की हमारे एनर्जी सेक्टर, हमारे लोगों और हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमले को रोक सकते हैं. हालांकि इस दौरान जेलेंस्की ने ये भी साफ किया कि यूक्रेन को मिलने वाली मदद कोई दान नहीं है, बल्कि ये एक निवेश है जेलेंस्की ने इस दौरान अमेरिका से 2023 में कीव का समर्थन करने का आग्रह किया और अब तक की सभी तरह की मदद के लिए धन्यवाद कहा. 

बड़ी बात यह है कि इस मुलाकात के बाद यूक्रेन को रूस के साथ युद्ध के लिए एक बहुत बड़ी मदद मिली है. अमेरिका ने यूक्रेन को तकरीबन 2 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त सुरक्षा मदद देने का एलान किया है. बाइडेन ने कहा कि यह उनकी आजादी का युद्ध है. अगले साल यानी 2023 मे भी वह इसी तरह से यूक्रेन को मजबूत करेंगे. इस युद्ध में जीत के साथ ही हमारा आंदोलन खत्म होगा. बता दें कि बाइडेन-जेलेन्सकी की इस मुलाकात से पहले ही संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने सोमवार को कहा था कि वह निकट भविष्य में यूक्रेन युद्ध के संबंध में प्रभावी शांति वार्ता की संभावना को लेकर आशावादी नहीं है. मुझे लगता है कि सैन्य टकराव जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि हमें अभी भी उस क्षण का इंतजार करना होगा, जब गंभीर वार्ता संभव होगी. ठीक उसी दिन ही पुतिन के वॉर रूम से भी बड़ी खबर सामने आई थी. राष्ट्रपति पुतिन की करीबी मारिया बुटिना ने कहा कि अब पुतिन ने मोर्चा संभाल लिया है, हर कीमत पर रूस जीतकर रहेगा. उन्होंने कहा कि रूस पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करना चाहता लेकिन जरूरत पड़ने पर अपनी रक्षा के लिए सभी हथियार इस्तेमाल करेगा. रूसी नेता बुटिना ने कहा, हमको पता है क़ि परमाणु हथियार का कब इस्तेमाल करना है. अमेरिकन या नाटो के परमाणु हथियारों पर भी रूस की नजर है.

 नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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