एक्सप्लोरर
BLOG: अच्छी बात नहीं है विकेट पर जमने के बाद इस तरह बल्लेबाजों का आउट होना
ये शायद उस मानसिक दबाव का असर था जो इंग्लैंड के कप्तान के बयान से भारतीय टीम पर बना होगा. इंग्लैंड के कप्तान ने पहले मैच में हार के बाद कहा था कि लॉर्ड्स में बदलाव दिखेंगे.

ये शायद उस मानसिक दबाव का असर था जो इंग्लैंड के कप्तान के बयान से भारतीय टीम पर बना होगा. इंग्लैंड के कप्तान ने पहले मैच में हार के बाद कहा था कि लॉर्ड्स में बदलाव दिखेंगे. उनके इस बयान के बाद भारतीय खेमे को डर इस बात का था कि लॉर्ड्स में तेज विकेट मिलेगा. बल्लेबाजों को परेशानी होगी. भारतीय तेज गेंदबाज अनुभवी नहीं है इसका भी फायदा इंग्लैंड को मिलेगा, लेकिन ऐसा ज्यादा कुछ हुआ नहीं.
पिच भी सामान्य थी और भारतीय तेज गेंदबाजों ने कोई बहुत खराब प्रदर्शन नहीं किया. 323 रन का लक्ष्य मौजूदा भारतीय टीम के बैटिंग लाइन अप के लिए कहीं से भी बहुत मुश्किल नहीं कहा जाएगा. भारतीय बल्लेबाज अगर क्रीज पर सामान्य मैच की तरह बल्लेबाजी करते तो नतीजा कुछ और होता. कम से कम जीत हार का अंतर इतना बड़ा नहीं होता.
सवाल ये है कि गलती कहां हुई? इस सवाल का जवाब बहुत सीधा है. भारतीय टीम के बल्लेबाजों के दिमाग में ये बात बैठ गई थी कि लॉर्ड्स में जीतना उनके लिए मुश्किल है. इसीलिए जीत के लिए जो चाहत जो ‘इंटेंड’ बल्लेबाजों में दिखना चाहिए था वो नहीं दिखा. 323 रनों के लक्ष्य का पीछा जिस अंदाज और जिस रणनीति के साथ किया जाना चाहिए वो नदारद रही. भारतीय टीम के तीन अनुभवी बल्लेबाजों ने एक जैसी गलती की. वो पहले क्रीज पर आए, निगाहें जमाई, अच्छी शुरूआत भी की लेकिन फिर गलत समय पर आउट होकर चले गए.
क्रीज पर सेट होने के बाद गंवाया विकेट
इस गलती को करने वाले 3 बल्लेबाज रहे. सबसे पहले ये गलती की शिखर धवन ने. शिखर धवन पर ये जिम्मेदारी रहती है कि वो शुरूआत तेज करें और रोहित शर्मा को सेट होने का समय दें. रोहित शर्मा एक बार सेट हो जाते हैं तो बड़ी पारियां खेलते हैं. लेकिन वो शुरूआत धीमी करते हैं. लॉर्ड्स में रोहित शर्मा पहले आउट हो गए थे. शिखर धवन तब तक कुछ लाजवाब शॉट्स खेल चुके थे. निगाहें जमा चुके थे. रोहित के आउट होने के बाद उन्हें अपनी आक्रामक रणनीति को थोड़ा कम करने की जरूरत थी लेकिन उन्होंने मैच की स्थिति को नजरअंदाज कर दिया. अगले ही ओवर में वो आउट होकर पवेलियन लौट गए. शिखर 36 रन बनाकर आउट हुए.
इसके बाद कप्तान विराट कोहली ने भी यही गलती की. आमतौर पर विराट को जब अच्छी शुरूआत मिलती है तो वो बड़ी पारियां खेलते हैं. पिछले मैच में उन्होंने अर्धशतक लगाया था. इस मैच में भी उन्होंने बड़े आत्मविश्वास के साथ पारी की शुरूआत की. पिछले कुछ समय से चल रहे अपने बैटिंग ऑर्डर के कयास पर रोक लगाते हुए उन्होंने नंबर तीन पर मोर्चा संभाला. यहां से वो मैच में भारत की वापसी करा सकते थे. वो जिस तरह बल्लेबाजी कर रहे थे उससे लगा भी यही कि अब वो मैच में वापसी कराएंगे. अफसोस, विराट भी 45 रन बनाकर आउट हो गए.
इसके बाद क्रीज पर सेट होकर विकेट गंवाने वाले बल्लेबाज बने सुरेश रैना. रैना संभलकर बल्लेबाजी कर रहे थे. विराट के साथ उनकी अच्छी साझेदारी बनती दिख रही थी. विराट के आउट होने के बाद सुरेश रैना भी पवेलियन लौटने की जल्दी में दिखे. वो 46 रन पर आउट हुए. टॉप और मिडिल ऑर्डर के तीन बल्लेबाज अगर 35 से ज्यादा रन बनाए और एक भी अर्धशतक तक ना लगे तो टीम जीत ही नहीं सकती. धोनी के आते आते स्थिति ऐसी ही हो चुकी थी. लिहाजा वो क्रीज पर जीत के ‘इंटेंड’ के बिना बल्लेबाजी करते दिखे.
अभी हालात काबू में हैं
इस हार के बाद भी अभी वो समय नहीं आया है जब टीम इंडिया ‘पैनिक’ करे. टी-20 की तरह ही तीसरे मैच में जीत हासिल कर उसके पास सीरीज जीतने का मौका बचा हुआ है. वनडे सीरीज में लगातार जीत हासिल करती आ रही टीम इंडिया को बस ये बात दिमाग में रखनी होगी कि उसका मुकाबला इस फॉर्मेट की नंबर एक टीम से है. इसलिए सावधान रहना जरूरी है. जाहिर है वक्त आलोचना का नहीं बल्कि कमियों को समझने का है. इस टीम में ये काबिलियत है. टीम इंडिया सीरीज में वापसी कर सकती है. बशर्ते जीत की वो ललक बनी रहे.
इसके बाद क्रीज पर सेट होकर विकेट गंवाने वाले बल्लेबाज बने सुरेश रैना. रैना संभलकर बल्लेबाजी कर रहे थे. विराट के साथ उनकी अच्छी साझेदारी बनती दिख रही थी. विराट के आउट होने के बाद सुरेश रैना भी पवेलियन लौटने की जल्दी में दिखे. वो 46 रन पर आउट हुए. टॉप और मिडिल ऑर्डर के तीन बल्लेबाज अगर 35 से ज्यादा रन बनाए और एक भी अर्धशतक तक ना लगे तो टीम जीत ही नहीं सकती. धोनी के आते आते स्थिति ऐसी ही हो चुकी थी. लिहाजा वो क्रीज पर जीत के ‘इंटेंड’ के बिना बल्लेबाजी करते दिखे.
अभी हालात काबू में हैं
इस हार के बाद भी अभी वो समय नहीं आया है जब टीम इंडिया ‘पैनिक’ करे. टी-20 की तरह ही तीसरे मैच में जीत हासिल कर उसके पास सीरीज जीतने का मौका बचा हुआ है. वनडे सीरीज में लगातार जीत हासिल करती आ रही टीम इंडिया को बस ये बात दिमाग में रखनी होगी कि उसका मुकाबला इस फॉर्मेट की नंबर एक टीम से है. इसलिए सावधान रहना जरूरी है. जाहिर है वक्त आलोचना का नहीं बल्कि कमियों को समझने का है. इस टीम में ये काबिलियत है. टीम इंडिया सीरीज में वापसी कर सकती है. बशर्ते जीत की वो ललक बनी रहे.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, Blog और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
View More
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement




























