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आजादी के समय भी जवाहर लाल नेहरू थे इस लग्जरी कार के दीवाने, दशकों बाद भी दौड़ रही सड़कों पर, जानें खासियत
भारत के पहले PM पंडित जवाहर लाल नेहरू अपनी राजनीतिक सोच और अनोखी प्रतिभा के साथ-साथ लग्जरी लाइफस्टाइल के लिए भी मशहूर थे. आइए उनके शेवरले मास्टर डीलक्स कार के बारे में विस्तार से जानते हैं.

नेहरू की पसंदीदा लग्जरी कार आज भी सड़क पर
Source : SOCIAL MEDIA
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को लग्जरी कारों का खास शौक था. आजादी से पहले और बाद में भी वह कई बार ऐसी गाड़ियों में सफर करते नजर आए. इनमें से एक ऐतिहासिक कार 1939 मॉडल की शेवरले मास्टर डीलक्स है, जिसमें नेहरू और कई स्वतंत्रता सेनानी सफर कर चुके हैं. यह कार आज भी बिल्कुल सही हालत में मौजूद है. आइए उनके इस पसंदीदा लग्जरी कार के बारे में विस्तार से जानते हैं.
अब केरल में है ये ऐतिहासिक कार
- दरअसल, ये विंटेज कार इस समय केरल के रहने वाले टीके राजेश के पास है. राजेश के मुताबिक, कई लोग इस कार को खरीदने का ऑफर दे चुके हैं, लेकिन वह इसे बेचना नहीं चाहते, क्योंकि ये उनके लिए गौरव और इतिहास की निशानी है. उनके गैराज में ये कार एक अनमोल संग्रह के रूप में रखी गई है.
अब भी चलती है, लेकिन ईंधन ज्यादा पीती है
- राजेश बताते हैं कि ये कार आज भी सड़क पर चलाई जा सकती है. हालांकि, इसका फ्यूल कंजम्पशन ज्यादा है, इसलिए रोजाना इस्तेमाल के लिए ये उतनी कारगर नहीं है. खास बात ये है कि ये वही कार है, जिसमें जवाहरलाल नेहरू केरल के मालमपुझा बांध के दौरे पर गए थे.
कार का लुक और डिजाइन
- कार का रंग जंग लगे पीले शेड का है. इसमें सफ़ेद दीवारों वाले लाल टायर लगे हैं और A-पिलर से लेकर पीछे तक एक लाल रंग की लकीर खिंची हुई है. दोनों तरफ चढ़ने-उतरने के लिए फुटबोर्ड और चौड़े फेंडर दिए गए हैं. अंदर से देखें तो, फ्रंट डैशबोर्ड पुरानी हिंदुस्तान एंबेसडर कारों की तुलना में भी छोटा है, लेकिन पीछे की सीट पर बैठने वालों के लिए लेग स्पेस काफी बड़ा है. इसमें लंबी और साइड रियर बेंच सीट भी मौजूद है, जो उस दौर में आरामदायक सफर के लिए मशहूर थी.
स्पोर्ट्स सेडान का क्लासिक वर्जन
- कार्टोक की रिपोर्ट के मुताबिक, ये मॉडल चार-दरवाजों वाली स्पोर्ट्स सेडान के रूप में पेश किया गया था, लेकिन इसके दो-दरवाजों और स्टेशन वैगन वेरिएंट भी उपलब्ध थे.
इंजन और टेक्नोलॉजी
- इस कार में छह-सिलेंडर वाला पेट्रोल इंजन है, जो 85 हॉर्सपावर की पावर जनरेट करता है. इसमें सिंगल डाउन-ड्राफ्ट कार्बोरेटर है. इंजन को फ्लोर गियर शिफ्ट वाले तीन-स्पीड मैनुअल सिंक्रो-मेश गियरबॉक्स से जोड़ा गया है. उस समय के लिए कॉलम शिफ्ट भी एक वैकल्पिक ऑप्शन था.
- ये कार सिर्फ एक पुराना वाहन नहीं, बल्कि भारतीय आजादी और उस दौर की लग्जरी का जीता-जागता सबूत है. टीके राजेश के पास सुरक्षित ये शेवरले मास्टर डीलक्स हमें याद दिलाती है कि कुछ चीजें वक्त बीतने के बावजूद अपनी चमक और महत्व नहीं खोतीं.
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